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गुमला: वर्षों से उपेक्षित है मुरूमसोकरा गांव, पीना पड़ता है झरने का पानी

गुमला से 12 किमी दूरी पर आदिवासी बहुल मुरूमसोकरा गांव है. गांव में 150 घर है. आबादी 750 है. गांव में चलने के लिए सड़क नहीं है. रहने के लिए पक्का घर किसी का नहीं बना है. शौचालय अधूरा बना है. लोग खुले में शौच करते हैं.

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 7, 2020 7:01 PM

गुमला: मुरूमसोकरा गांव में ना बिजली ना सड़क, सालों से दाड़ी कुआं का पानी पीते हैं ग्रामीण

गुमला से 12 किमी दूरी पर आदिवासी बहुल मुरूमसोकरा गांव है. गांव में 150 घर है. आबादी 750 है. गांव में चलने के लिए सड़क नहीं है. रहने के लिए पक्का घर किसी का नहीं बना है. शौचालय अधूरा बना है. लोग खुले में शौच करते हैं. महिलाओं को परेशानी होती है. गांव में 35 साल पहले गरीबों के लिए 12 पक्का घर बना था. परंतु इसका कभी उपयोग नहीं हुआ. बनते के साथ ही भवन गिरने लगा. किसी भवन भवन में दरवाजा नहीं लगा है. भवन खंडहर हो गया है. पानी की समस्या है. दाड़ी कुआं का पानी पीते हैं. कच्ची मिटटी के सड़क के कारण ट्रैक्टर चलने से धूलकण उड़ता है. लोग बीमार हो रहे हैं. सिंचाई का साधन नहीं है. जबकि गांव के बगल में नहर है लेकिन निर्माण अधूरा है.

Posted By- Suraj Thakur

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