कोरोना संकट: हजारों मील पैदल चलते इन लोगों का क्या होगा
इनके पैरों में छाले पड़ गये हैं. बिवाइयां फूटने लगी हैं. उंगलियों के पोरों से निकला खून चपल से होता हुई तारकोल की गर्म सड़क पर अपना निशान छोड़ रहा है.
इनके पैरों में छाले पड़ गये हैं. बिवाइयां फूटने लगी हैं. उंगलियों के पोरों से निकला खून चपल से होता हुई तारकोल की गर्म सड़क पर अपना निशान छोड़ रहा है. कपड़े पसीने से तर हैं. पसीने की नमकीन बूंदे जब होटों को छूती हैं तो प्यास का अहसास और भी तड़पाने लगता है. आंखों से निकले आंसू भी पसीने की बूंदों साथ मिल गये हैं.