UP Election 2022: काशी से प्रियंका गांधी का मिशन इलेक्शन शुरू, केंद्र और राज्य सरकार से पूछ डाले कई सवाल

अपने भाषण में प्रियंका गांधी ने हर उस बात का जिक्र किया, जिसकी उम्मीद की गई थी. खास बात यह रही कि प्रियंका गांधी ने रैली को संबोधित करते हुए लखीमपुर खीरी हिंसा का जिक्र किया, योगी सरकार पर खूब हमले भी किए.

By Prabhat Khabar News Desk | October 10, 2021 6:28 PM

UP Election 2022: कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने रविवार को वाराणसी में किसान न्याय रैली को संबोधित करने के दौरान कई बातों का जिक्र किया. इस रैली के साथ ही प्रियंका गांधी ने एक तरह से कांग्रेस पार्टी के मिशन इलेक्शन 2022 का आगाज भी कर दिया. अपने भाषण में प्रियंका गांधी ने हर उस बात का जिक्र किया, जिसकी उम्मीद की गई थी. खास बात यह रही कि प्रियंका गांधी ने रैली को संबोधित करते हुए लखीमपुर खीरी हिंसा का जिक्र किया, योगी सरकार पर खूब हमले भी किए.

Also Read: प्रियंका गांधी के काशी में मंदिर जाने पर सवाल, संत समाज ने पूछा- क्या आपके लिए पर्यटन केंद्र है? Video

काशी नगरी के रोहनिया विधानसभा क्षेत्र के जगतपुर कॉलेज के मंच से बोलते हुए प्रियंका गांधी ने लखीमपुर खीरी मामले में सरकार को आड़े हाथों लिया. किसानों के मुद्दे पर योगी सरकार पर बरसी प्रियंका गांधी ने केंद्र और राज्य सरकार पर लखीमपुर के मुख्य आरोपी आशीष मिश्रा को बचाने का आरोप लगाया.

वाराणसी सीट चुनावी लिहाज से सभी दलों के लिए काफी अहम है. जिस समय से लोकसभा चुनाव में पीएम मोदी की संसदीय सीट वाराणसी बनी है, तभी से यह सभी के लिए केंद्र बन चुकी है. वाराणसी की सभी आठ विधानसभा सीटों पर चुनावी दमखम दिखाने के क्रम में रोहनिया विधानसभा क्षेत्र के जगतपुर कॉलेज से किसान न्याय यात्रा रैली का आयोजन किया गया. इसके जरिए प्रियंका गांधी ने एक तरह से कांग्रेस के यूपी नेतृत्व की कमान संभाली. दूसरी तरफ केंद्र-राज्य सरकार पर खूब हमले किए.

माता कूष्मांडा देवी के दर्शन के पश्चात प्रियंका गांधी ने किसान न्याय यात्रा रैली को संबोधित करते हुए कहा कि लखीमपुर खीरी मामले में राज्य सरकार किसानों के साथ जिस तरह से भेदभाव कर रही है. वो साफ संकेत दे रहा है कि सरकार अपने अरब-खरबपति दोस्त को बचाने में जुटी है. पूरे देश के किसान त्रस्त हैं. मगर, केंद्र और राज्य सरकार को बस अपने सत्ताधारी दोस्तो की ही चिंता रहती है.

कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने कहा कि केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्रा के बेटे ने किसानों को अपनी गाड़ी से कुचल दिया. अभी तक सरकार आरोपी को बस नोटिस थमाने और बुलवाने तक का ही काम कर रही है. लखीमपुर खीरी में मरने वाले पत्रकार और किसानों के परिवार को सरकार मुआवजा देकर शांत करना चाह रही है. मगर, लखीमपुर खीरी हिंसा के पीड़ितों के परिवारों को न्याय का इंतजार है.

प्रियंका गांधी ने जिक्र किया कि आज दो तरह के लोग सुरक्षित हैं एक तो भाजपा के सत्ताधारी लोग और दूसरे उनके खरबपति दोस्त. अपराधियों को पकड़ने के लिए कोई नहीं निकलता. प्रियंका गांधी ने सोनभद्र के उम्भा कांड का जिक्र कर कहा कि मैं अपने दिल की बात करने आई हूं. वो नजारा आज तक नहीं भूली. अब लखीमपुर में भी ऐसा ही हुआ है. गृह राज्यमंत्री के बेटे ने किसानों को कुचल दिया.

प्रियंका गांधी ने कहा कि मैंने लखीमपुर जाने की कोशिश की तो हर तरफ पुलिस की घेराबंदी थी. अपराधी को पकड़ने के लिए कोई नहीं निकला. पुलिस अपराधी को निमंत्रण देकर बुला रही थी. पूरा सिस्टम केंद्रीय गृह राज्यमंत्री और उनके बेटे को बचाने में लग गया था. कृषि कानूनों का जिक्र कर कहा कि मोदी जी के अरबपति मित्रों ने पिछले साल हिमाचल से सेब को 88 रुपये प्रतिकिलो खरीदे थे. जब लागत महंगी है तो वही सेब 77 रुपये प्रति किलो खरीद रहे हैं. वो अपने मन से सेब के दाम तय कर रहे हैं.

कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने मोदी सरकार से सवाल किया कि क्या इससे किसानों का भला हुआ क्या? प्रियंका गांधी ने प्रदेश के बाद केंद्र सरकार पर हमला बोला. कृषि कानूनों पर कहा कि मोदी जी ने कुछ देखा है? उन्होंने देखा है कि प्रदेश के किसान किस हाल में हैं? वो जानते हैं किसान किस मुश्किल हैं?

Also Read: वाराणसी का दुर्गाकुंड मंदिर, जहां प्रियंका गांधी से पहले इंदिरा गांधी और PM Modi भी लगा चुके हैं हाजिरी

प्रियंका गांधी ने महंगाई के मुद्दे पर भी सरकार को घेरा. कहा कि पेट्रोल की कीमत प्रति लीटर सौ के पार हो गया है. एलपीजी एक हजार के पार चला गया. बिजली का दाम तीन बार बढ़ाया गया. जिनके घर में बिजली नहीं है, उनके घर भी बिल आता है. ऐसे दिनों की किसी ने कल्पना नहीं की थी. बड़े-बड़े पोस्टरों में दिखावा होता है. किसान न्याय यात्रा रैली से प्रियंका गांधी ने साफ कह दिया कि जब तक लखीमपुर मामले में किसानों के साथ न्याय नहीं किया जाएगा, वो ऐसे ही रैली करती रहेंगी.

(रिपोर्ट: विपिन सिंह, वाराणसी)

Next Article

Exit mobile version