उत्तरकाशी (उत्तराखंड) में हुए सुरंग हादसे के बाद से राहत बचाव कार्य जारी है. इस बीच मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी प्रत्येक दिन वहां के बारे में जानकारी लेते हैं…अभी 53 मीटर पाइप जा चुका है, अभी 2 और पाइप लगाने की आवश्यकता पड़ेगी. बताया जा रहा है कि बचाव कार्य अपने अंतिम चरण पर है. माइक्रो टनलिंग विशेषज्ञ क्रिस कूपर ने कहा कि हम शाम पांच बजे तक कुछ परिणाम देखने की उम्मीद कर रहे हैं. इस बीच रैट माइनर्स के बारे में सभी जानना चाहते हैं. तो आपको बता दें कि पतले से पैसेज में चूहों की तरह अंदर जाकर ड्रिल करने वाले मजदूरों को रैट माइनर्स कहते हैं. इस तरह से ड्रिल करने के किए स्पेशल ट्रेनिंग, स्किल और काफी अभ्यास की जरूरत होती है. इस तकनीक का इस्तेमाल सुरंग में किया जा रहा है. रैट माइनर्स दो-दो के समूह में 800 मीटर व्यास वाले पाइपों में काम में लगे हुए हैं. इसके लिए फ्रेम तैयार कर लिये गये हैं. माइनर्स आधा मीटर से लेकर एक मीटर की दूरी लेते हुए खुदाई करते हुए धीरे-धीरे आगे बढ़ रहे हैं.
BREAKING NEWS
Advertisement
उत्तरकाशी सुरंग हादसा: क्या है ‘रैट होल’ ड्रिलिंग? जानें यहां
उत्तरकाशी सुरंग हादसे के बाद फंसे श्रमिकों को बाहर निकालने के लिए अब हाथ से ड्रिलिंग की जा रही है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रधान सचिव पी के मिश्रा सोमवार को सिलक्यारा पहुंचे. जानें ताजा हालात और देखें वीडियो
Prabhat Khabar App :
देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए
Advertisement