health care : निपाह वायरस एक जूनोटिक बीमारी है जो जानवरों से इंसानों में फैलता है. यह खासकर बैट यानि चमगादड़ के जरिए फैलता है. लेकिन इसके अलावा ये सूअर, बकरी, घोड़े, कुत्ते, बिल्लियों से भी फैल सकता है. यह इंसान से इंसान के जरिए भी फैल सकता है. अगर निपाह वायरस से कोई व्यक्ति संक्रमित है तो वह दूसरे व्यक्ति को भी संक्रमित कर सकता है. सबसे खास बात यह है कि यह हवा के जरिए नहीं फैलता है लेकिन किसी सामान या फ्यूल्ड ड्रोपलेट्स के जरिए फैल सकता है.
निपाह वायरस के लक्षण : बुखार, सिरदर्द, मानसिक भ्रम, उल्टी,सांसलेने में तकलीफ.आपको बता दें कि आधे मरीज़ों में न्यूरोलॉजिकल दिक्कतें भी होती हैं. वहीं अगर स्थिति ज्यादा गंभीर रही तो इंसान इन्सेफेलाइटिस का भी शिकार हो सकता है और 24 से 48 घंटे में कोमा में जा सकता है. संक्रमण के लक्षणों को सामने आने में आमतौर पर पांच से चौदह दिन लग सकते हैं.
निपाह वायरस से कैसे करें बचाव : WHO के मुताबिक निपाह वायरस संक्रमण के इलाज के लिए कोई वैक्सीन उपलब्ध नहीं है.हालांकि निपाह वायरस को लेकर हम कुछ सावधानी जरूर बरत सकते हैं
- चमगादड़ से दूषित कच्चे फलों का उपभोग करने से बचना चाहिए. अच्छी तरह से पके हुए, साफ भोजन का उपभोग करना चाहिए.
- इस वायरस से बचने के लिए फलों, खासकर खजूर खाने से बचें.
- पेड़ से गिरे फलों को खाने से बचें.
- सूअरों और सुअर की देखभाल करने वाले लोगों के संपर्क में आने से बचें
- NiV संक्रमित मरीजों का इलाज करने वाले चिकित्सा अधिकारियों को गाउन, टोपी, मास्क, दस्ताने पहनना और हाथों को धोने जैसे उचित सावधानी बरतने की जरूरत है.
- व्यक्तिगत ट्रांसमिशन से बचने के लिए सार्वजनिक स्थानों पर यात्रा या काम करते वक्त सावधानी बरतें और N95 मास्क का उपयोग करें.
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Disclaimer: हमारी खबरें जनसामान्य के लिए हितकारी हैं. लेकिन दवा या किसी मेडिकल सलाह को डॉक्टर से परामर्श के बाद ही लें.