रूस में संविधान में संशोधन के लिए जनमत संग्रह कराया गया था. रूस के केंद्रीय चुनाव आयोग के मुताबिक, 98 फीसदी वोटों की गिनती हो चुकी है. अब तक आए नतीजों में संविधान में संशोधन के पक्ष में 78 फीसदी वोट पड़े हैं. जबकि 21 फीसदी वोट विरोध में पड़े हैं.
विपक्ष ने आरोप लगाया है कि चुनाव के दौरान पारदर्शिता नहीं बरती गयी थी. बता दें कि पुतिन का मौजूदा छह साल का कार्यकाल 2024 में खत्म हो रहा है. रूस के संविधान में राष्ट्रपति पद के लिए दो कार्यकाल की सीमा तय है, इसलिए 2024 के बाद पुतिन को सत्ता से बाहर होना पड़ता.