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Lugu Buru: लुगु बुरु घंटा बाड़ी का दोरबारी चट्टान और उसका महत्व

Lugu Buru: कहते हैं कि लुगु बाबा और उनके साथ मौजूद लोग इसी दोरबारी चट्टान पर ओखली में धान कूटकर चावल निकालते थे और अपने लिए भोजन की व्यवस्था करते थे. आज भी इन ओखलियों को धरोहर के रूप में संजोकर रखा गया है.

संताल जनजाति का जो भी शख्त लुगु पहाड़ पर आता है, दोरबारी चट्टान के दर्शन जरूर करता है. यहां मत्था टेकता है और यहां मौजूद ओखलियों में पैसे चढ़ाता है. इस दोरबारी चट्टान संतालियों के पूर्वज लुगु बाबा, जिन्होंने संताल समाज के रीति-रिवाज और जन्म से लेकर मरण तक की जो व्यवस्था है, उसकी रचना की थी. कहते हैं कि लुगु बाबा और उनके साथ मौजूद लोग इसी दोरबारी चट्टान पर ओखली में धान कूटकर चावल निकालते थे और अपने लिए भोजन की व्यवस्था करते थे. आज भी इन ओखलियों को धरोहर के रूप में संजोकर रखा गया है. कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर झारखंड के बेरमो अनुमंडल में स्थित गोमिया प्रखंड के ललपनिया में दो दिन का अंतरराष्ट्रीय मेला लगता है. इस मेला में देश-दुनिया से संताल समाज के लोग आते हैं और लुगु बाबा की पूजा-अर्चना करते हैं. उनके अवशेषों के दर्शन करके धन्य होते हैं. वर्ष 2018 में रघुवर दास की सरकार ने लुगु बुरु मेला को राजकीय मेला का दर्जा दिया था. तब से हर साल इस मेला में मुख्यमंत्री शामिल होते हैं. कोरोना की वजह से दो साल तक यहां मेला का आयोजन नहीं हुआ. इस बार यानी वर्ष 2022 में लुगु बुरु घंटाबाड़ी धोरोमगाढ़ के समापन समारोह में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन शामिल हुए. आप भी इस दोरबारी चट्टान के दर्शन करें और इसकी महत्ता के बारे में जानें.

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Santhal tribe who comes to Lugu mountain, definitely goes to see Dorbari rock. Here he bows down and offers money in the holes present here. Lugu Baba, the ancestor of Santhali, who composed the customs and rituals of Santhal society. It is said that Lugu Baba and the people present with him used to grind rice in Okhli on this Dorbari rock and take out rice and arrange food for themselves. Even today these oaks have been preserved as a heritage. On the occasion of Kartik Purnima, two-day international fair is held at Lalpaniya of Gomia block located in Bermo subdivision of Jharkhand. In this fair, people from the Santhal community come from all over the world and worship Lugu Baba. Blessed to see their remains. In the year 2018, Raghubar Das led jharkhand government gave the status of a state fair to Lugu Buru Ghanta Badi Dhoromgarh, Lugu Mela. Since then, every year the Chief Minister attends this fair. Due to Coronavirus pandemic, the fair was not organized here for two years. This time i.e. in the year 2022, Jharkhand CM Hemant Soren attended the closing ceremony of Lugu Buru Ghantabari Dhoromagarh. You should also visit this Dorbari rock and know about its importance.

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