World Indigenous Day 2022: क्या आदिवासी विकास विरोधी हैं?
9 अगस्त को विश्व आदिवासी दिवस मनाया जाता है. अकसर यह कहा जाता है कि आदिवासी विकास विरोधी हैं और उन्हें समाज की मुख्यधारा में लाने की सख्त जरूरत है. लेकिन इस संबंध में एक आम आदिवासी क्या सोचता है
9 अगस्त को विश्व आदिवासी दिवस मनाया जाता है. अकसर यह कहा जाता है कि आदिवासी विकास विरोधी हैं और उन्हें समाज की मुख्यधारा में लाने की सख्त जरूरत है. लेकिन इस संबंध में एक आम आदिवासी क्या सोचता है, आखिर उसपर विकास विरोधी होने का आरोप क्यों लगता है और वह क्यों खुद को इस तथाकथित मुख्यधारा से अलग रखता है, इस बारे में हमने झारखंड के प्रसिद्ध आदिवासी बुद्धिजीवी और साहित्यकार महादेव टोप्पो से बात की. आइए जानते हैं क्या है उनकी राय.
World Tribal Day is celebrated on 9 August. It is often said that tribals are anti-development and there is a dire need to bring them into the mainstream of the society. But what does a common tribal think in this regard, why is he accused of being anti-development and why he keeps himself apart from this so-called mainstream, we talked to the famous tribal intellectual and litterateur Mahadev Toppo of Jharkhand. . Let us know what is his opinion.