बढ़ते कोरोना संक्रमण के मामले औऱ नये वैरिटएं के खतरे के बीच भारत अपनी सुरक्षा का दायरा और मजबूत कर रहा है. देश में 15-18 साल किशोर-किशोरियों के लिए टीकाकरण अभियान तेजी से चल रहा है. कोविन पोर्टल के डाटा के अनुसार अब तक सात लाख से अधिक किशोर-किशोरियों ने रजिस्ट्रेशन किया है.
सरकारी आंकड़े के अनुसार शाम 8 बजे तक 40 लाख से अधियक बच्चों को वैक्सीन लगाई गई है.
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी दिशा-निर्देशों के अनुसार, भारत बायोटेक की कोवैक्सिन एकमात्र कोविड-19 वैक्सीन है जो 15-18 वर्ष की आयु के बच्चों को दी जा रही है। कोविन पर 50,28,739 बच्चों ने वैक्सीन के लिए रजिस्ट्रेशन करवाया है। मध्य प्रदेश में आज करीब 7.5 लाख युवाओं को पहले दिन वैक्सीन लगाई गई। इस आयु वर्ग के सभी 48 लाख युवाओं के टीकाकरण के लिए 20 जनवरी को महत्वाकांक्षी लक्ष्य रखा है।
मध्य प्रदेश के बाद, गुजरात ने 15-17 आयु वर्ग के लिए लगभग 5.5 लाख किशोरों को वैक्सीन लगाई। कर्नाटक में लगभग चार लाख, आंध्र प्रदेश में 4.2 लाख टीकाकरण और राजस्थान में लगभग 3.5 लाख युवाओं का टीकाकरण हुआ। कुछ बड़े राज्यों में टीकाकरण अभियान परिणाम अपेक्षा से कम रहे। इनमें उत्तर प्रदेश में 1.6 लाख ही वैक्सीन लग सके। उत्तर प्रदेश को वैक्सीनेशन बढ़ाने को कहा गया है।
वहीं बिहार में भी मात्र 1.6 लाख वैक्सीन लग सके। इधर दिल्ली में भी इस आयु वर्ग में करीब 21,000 वैक्सीन लग सके जबकि यहां इस वर्ग के 10 लाख से अधिक युवा हैं। भारत के औषधि महानियंत्रक ने 24 दिसंबर को कुछ शर्तों के साथ 12 वर्ष से अधिक उम्र के बच्चों के लिए स्वदेशी रूप से विकसित भारत बायोटेक के कोविड-19 रोधी कोवैक्सिन टीके के आपात स्थिति में उपयोग की स्वीकृति दे दी थी. संभव है कि जल्द ही इस नयी वैक्सीन को भी इजाजत मिले और कोरोना से जंग की इस लड़ाई में हम और ज्यादा मजबूत हों.