VIDEO जगन्नाथपुर मेला : आज गर्भगृह से बाहर निकलेंगे भगवान, होगा नेत्रदान

कल निकाली जायेगी रथयात्रा, दर्शन के लिए हुई है विशेष व्यवस्था शाम 4.30 बजे गर्भगृह से निकलेंगे भगवान रांची : एक पखवाड़े तक गर्भगृह में रहने के बाद शनिवार को भगवान जगन्नाथ, बहन सुभद्रा और भाई बलराम का वैदिक मंत्रोच्चार के बीच नेत्रदान होगा. नेत्रदान के लिए तीनों विग्रहों को शाम 4.30 बजे गर्भगृह से […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 24, 2017 8:04 AM
कल निकाली जायेगी रथयात्रा, दर्शन के लिए हुई है विशेष व्यवस्था
शाम 4.30 बजे गर्भगृह से निकलेंगे भगवान
रांची : एक पखवाड़े तक गर्भगृह में रहने के बाद शनिवार को भगवान जगन्नाथ, बहन सुभद्रा और भाई बलराम का वैदिक मंत्रोच्चार के बीच नेत्रदान होगा. नेत्रदान के लिए तीनों विग्रहों को शाम 4.30 बजे गर्भगृह से बाहर निकाला जायेगा. शाम पांच बजे मंगल आरती होगी. मुख्य पुजारी ब्रजभूषणनाथ मिश्र के नेतृत्व में नेत्रदान होगा. इसके बाद भगवान के दर्शन श्रद्धालुओं को होगा.
इस दौरान श्रद्धालुओं को प्रभु के दर्शन के लिए विशेष व्यवस्था की
गयी है. महिलाओं का प्रवेश गेट की बायीं तरफ से और पुरुषों का प्रवेश दायीं तरफ से मिलेगा. इसी प्रकार भगवान का दर्शन करने के बाद महिलाएं मंदिर के दक्षिण की ओर से और पुरुष पश्चिम की ओर से बाहर निकलेंगे. रात 9.30 बजे भगवान का दर्शन बंद कर दिया जायेगा. इसके बाद दैनिक आरती की जायेगी.
भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा 25 जून को निकाली जायेगी. इसको लेकर मेला परिसर में दुकानें सज कर तैयार हो गयी हैं. आधा दर्जन से अधिक झूले लगाये गये हैं. घर के साज-सज्जा का सामान से लेकर पारंपरिक हथियार, खिलौने, अल्यूमिनियम व स्टील के बर्तन, हर वर्ग के लिए परिधान और मिठाई की दुकानें सजने लगी हैं. पश्चिम बंगाल और ओड़िशा से आये स्टॉलधारी कुमनी और मछली पकड़ने की जाल आदि बेच रहे हैं. दुकानदार महेश ने बताया कि वह पिछले सात वर्ष से मेले में स्टॉल लगा रहे हैं. जाल की कीमत 250 से 4000 रुपये तक है.
मांदर बेच रहे जीतू लाेहार ने बताया कि उनके पास हर आकार का मांदर उपलब्ध है. इसकी कीमत 1200 से लेकर 5000 रुपये तक है. वहीं महिलाओं और बच्चों के लिए आकर्षण का केंद्र रॉबर्ट झूला, ड्रेगन झूला, टावर झूला और नाव झूला बना हुआ है. मौत का कुआं, इच्छा धारी नागिन का शो भी दिखाया जायेगा. मेले में विभिन्न तरह की बांसुरी, मोर के पंख, देवी-देवताओं की मूर्तियाें की दुकानें भी सज गयी हैं.

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