क्या कभी अापके साथ ऐसा हुआ है कि आपके वाहन या पेट्रोल-डीजल से चलने वाले किसी उपकरण का ईंधन खत्म हो गया हो और आपको इसे खरीद कर लाने में अनेक दिक्कतों का सामना करना पड़ा हो. क्या आप चाहते हैं कि इसकी सप्लाई आपके घर या आपके वाहन तक हो सके. बेंगलुरू के एक स्टार्टअप ने इस अनोखे कॉन्सेप्ट के तहत लोगों के घरों तक ऑन-डिमांड ईंधन की होम डिलीवरी का कारोबार शुरू किया है. हालांकि, लोगों की नजर सुरक्षा संबंधी मसलों पर भी है, लेकिन स्टार्टअप का दावा है कि यह पूरी तरह से सुरक्षित है. आज के स्टार्टअप आलेख में जानते हैं इसी स्टार्टअप से संबंधित विविध पहलुओं के बारे में …
हमारी रोजमर्रा की समस्याओं का तकनीकी रूप से समाधान करने का पहला प्रयोग अक्सर भारत के सिलिकॉन वैली समझे जानेवाले बेंगलुरु में ही अंजाम दिया जाता है. वाहन चालकों को ऑर्डर पर घरों तक ईंधन मुहैया कराने के लिए ‘माइपेट्रोलपंप’ नामक एक स्टार्टअप ने अनोखा कारोबार शुरू किया है. हालांकि, आप इसकी जरूरत तब तक नहीं महसूस कर सकते, जब तक आप बेंगलुरु के किसी गैस स्टेशन पर लंबी कतारों में फंसते नहीं. आम वाहन चालकों के लिए ही नहीं, बल्कि बड़ी संख्या में वाहन रखनेवाले स्कूलों और संगठनों के लिए भी यह बेहद उपयोगी साबित हो सकता है.
इस स्टार्टअप ने लोगों के घरों और व्यावसायिक परिसरों तक ईंधन पहुंचाने के लिए ‘मिनी फ्यूल रिफ्यूलर’ के नाम से गाड़ियां रखी हैं. फिलहाल इसकी सेवाएं बेंगलुरु के कुछ खास इलाकों और संगठनों तक ही सीमित है, लेकिन धीरे-धीरे यह अपना दायरा बढ़ा रहा है. ‘टेक इन एशिया’ की एक रिपोर्ट के मुताबिक, शहर के कई इलाकों में बिजली की नियमित उपलब्धता नहीं होने से बड़े आवासीय परिसरों, कार्यालयों और बाजारों में डीजल-चालित जेनरेटर के माध्यम से बिजली मुहैया करायी जाती है. इन जेनरेटर के लिए बड़ी मात्रा में ईंधन की जरूरत होती है.
हालांकि, सोशल मीडिया पर कुछ लोगों ने यह पूछा है कि क्या इस तरह से यह स्टार्टअप आग से नहीं खेल रहा है. और नियामकों से ईंधन की होम डिलीवरी से जुड़ी सुरक्षा का मसला देखने की भी गुहार लगायी है. लेकिन, इस स्टार्टअप का दावा है कि गैस स्टोव के लिए घरों तक एलपीजी डिलीवर करनेवाले मौजूदा ट्रकों के जरिये ये ‘मिनी फ्यूल रिफ्यूलर’ ज्यादा सुरक्षित हैं. तर्क यह है कि चूंकि डीजल और पेट्रोल को प्रेशर देकर नहीं भरा जाता है, लिहाजा कम मात्रा में इन्हें कहीं ले जाना सुरक्षित है.
इस स्टार्टअप से जुड़े प्रमुख तथ्य क्या है माइपेट्रोलपंप?
यह एक ऑनलाइन प्लेटफार्म है, जहां से आप ऑर्डर के जरिये अपने निर्धारित स्थान तक किसी भी समय अपने वाहन या उपकरण के लिए ईंधन हासिल कर सकते हैं.
किन इलाकों में दी जाती है सेवा?
फिलहाल बेंगलुरु के कुछ सीमित इलाकों तक ही इसकी सेवाएं उपलब्ध हैं. हालांकि, आपातकालीन दशाओं में यह ज्यादा दूर तक अपनी सेवाएं मुहैया करा सकता है.
होम डिलीवरी के लिए कितना करना होता है भुगतान?
नजदीकी पेट्रोल पंप या फ्यूल स्टेशन पर उपलब्ध कराये जा रहे मूल्य के मुताबिक यह स्टार्टअप लोगों को न्यूनतम डिलीवरी शुल्क के साथ ईंधन मुहैया कराता है. 100 लीटर ईंधन के लिए ग्राहकों से महज 99 रुपये शुल्क लिया जाता है. 100 लीटर से ज्यादा मात्रा होने की दशा में ईंधन की कीमत के अतिरिक्त एक रुपया प्रति लीटर का शुल्क लिया जाता है.
कहां से लाता है ईंधन?
नजदीकी लोकेशन पर मौजूद तेल कंपनियों के किसी अधिकृत डीलर से यह ईंधन हासिल करता है. डिलीवरी देने से पहले ईंधन की गुणवत्ता की जांच को पुख्ता बनाये रखने और सुरक्षा के मानक स्तरों का प्रावधान किया गया है. ग्राहक द्वारा काफी पहले कराये गये बुकिंग के अलावा अन्य दशाओं में ईंधन का स्टॉक नहीं रखा जाता.
क्या यह कॉन्सेप्ट खतरनाक है?
यह एक नया कॉन्सेप्ट है और पूरी तरह से सुरक्षित है. यदि आप खतरनाक गैस ईंधन से इसकी तुलना करेंगे, तो पायेंगे कि देशभर में घरेलू स्तर पर सालाना 18 मिलीयन मीट्रिक टन एलपीजी गैस की खपत होती है, जबकि यह संपीडित गैस है और जिसके फैलने का जोखिम ज्यादा होता है. लेकिन, सुरक्षित तरीके से ढोने के कारण इसका जोखिम बहुत कम हो जाता है.
कितना सुरक्षित है घर तक ईंधन का पहुंचना?
हमारे ऑपरेटर आइआरटीई प्रशिक्षित हैं और ईंधन को सुरक्षित तरीके से पहुंचाया जाता है. इन रीफ्यूलर्स को पेट्रोलियम एंड एक्सप्लोसिव सेफ्टी ऑर्गेनाइजेशन ऑफ इंडिया द्वारा निर्धारित नियमों और पेट्रोलियम एक्ट में निर्धारित किये गये दिशा-निर्देशों के मुताबिक डिजाइन किया गया है. मान्यताप्राप्त फैब्रिकेटर ने इसका निर्माण किया है.
क्या डिलीवरी के दौरान बिजली व अन्य स्रोतों से आग का खतरा है?
ऐसा होना लगभग नामुमकिन है. यहां तक कि स्टैंडर्ड तापमान और दाब की दशा में डीजल खुली हवा में नहीं जलता है. डीजल में आग पकड़ने के लिए 52 डिग्री सेंटीग्रेड से ज्यादा तापमान होना जरूरी है और इसके अलावा अन्य रासायनिक संयोगों का होना भी जरूरी है. डीजल की डिलीवरी करते समय ऐसी दशाओं के मौजूदा होने की आशंका बहुत ही कम होती है.
क्या ईंधन भरने के दौरान उपकरण में विस्फोट होने का जोखिम रहता है?
नहीं. देशभर में 20 करोड़ से ज्यादा वाहन हैं, जबकि सालभर में होने वाले सड़क हादसों की संख्या करीब पांच लाख है. इनमें से कितने वाहनों में विस्फोट होता है? बहुत ही कम वाहनों में विस्फोट होता है और इस संबंध में भी कोई स्पष्ट आंकड़ा नहीं है. जैसाकि फिल्मों में दिखाया जाता है, द्रवित ईंधन से चलनेवाले वाहन आग की चपेट में नहीं आते हैं. जबकि डीजल वाहन में विस्फोट होना तो और भी मुश्किल है.
(स्रोत : माइपेट्रोलपंप डॉट कॉम)
कामयाबी की राह
इंटरपर्सनल स्किल से बनाएं आगे की नयी राह
हम कितना कठिन परिश्रम करते हैं या हमारे पास कितने बेहतरीन आइडियाज हो सकते हैं, इन सभी बातों का तब तक कोई मतलब नहीं होता, जब तक हम अपने आसपास काम करनेवाले ऐसे ही लोगों के साथ संपर्क में नहीं होते. ऐसे में हमारी पेशेवर जिंदगी का कोई महत्व नहीं होता और इसका असर हमें नाकामयाबी की ओर ले जा सकता है. यह महत्वपूर्ण है कि हम अपने सहयोगियों और अपने कार्यालय के कर्मचारियों के साथ कैसा व्यवहार करते हैं. घर से लेकर कार्यालय या फिर हमारे सार्वजनिक जीवन में हम जिन लोगों के संपर्क में आते हैं, हमें उन सभी लोगों के साथ सहज रिश्ते बनाने की जरूरत होती है.
सभी लोगों के प्रति व्यवहार कुशलता : ऐसा इनसान जो सभी प्रकार के लोगों से अपनाये जानेवाले व्यवहार के प्रति निपुण हो, उसके बारे में यह माना जा सकता है कि वह इंटरपर्सनल स्किल यानी अंतर्वैयक्तिक कुशलता के मामले में दक्ष इनसान है. ऐसे लोग जहां कहीं भी जाते हैं, सभी के चहेते बन जाते हैं. क्या आप अपने आसपास के लोगों से अपनी प्रशंसा नहीं चाहते हैं? अपवाद सभी जगहों पर हो सकते हैं. अपने आसपास के लोगों के प्रति आपके श्रेष्ठ व्यवहार के बावजूद, कुछ ऐसे लोग होंगे, जिनका आपके प्रति उत्साही नजरिया नहीं हो सकता है. लेकिन आप हार नहीं मानोगे, भले ही ऐसे लोग आपके आदेश के अधीन न हों.
सकारात्मक व्यक्तिगत असर का सृजन : हमारी कोशिश होनी चाहिए कि हमारे आसपास और संपर्क में आनेवाले लोगों पर हम हमेशा सकारात्मक व्यक्तिगत प्रभाव को सृजित करें. हम अपने विचारों और कुछ हद तक उन हितों के जरिये, जिसे हम अन्य लोगों के विचारों के संबंध में दर्शाते हैं, के माध्यम से दूसरों पर अपना प्रभाव जमा सकते हैं.
बातचीत का सहज लहजा : जब हम बोलते हैं तो उस दौरान हमारी बातचीत का लहजा, उसकी गति और विराम, हमारे मौन को प्रभावित करता है और हमारी अभिव्यक्ति का तरीका सहित उस समय दर्शायी जाने वाली शारीरिक भाषा जैसी तमाम चीजें बहुत महत्वपूर्ण होती हैं. हमें इस बारे में सचेत और जागरूक रहना चाहिए कि अन्य लोग हमें कैसे देख रहे हैं.
बतौर उद्यमी यदि आप इन सब तथ्यों पर गौर करेंगे और लोगों से मिलने-जुलने के दौरान इन व्यावहारिक चीजों का ध्यान रखेंगे, तो आपकी छवि बेहतर होगी. इससे आपको कारोबारी डील्स को अपने पक्ष में करने में भी मदद मिलेगी. साथ ही, इस तरीके से आप अपनी बात को ज्यादा प्रभावी तरीके से रखने में सक्षम हो सकते हैं.
स्टार्टअप क्लास
फूड प्रोसेसिंग से जुड़ा स्टार्टअप शुरू करने के लिए सरकार से ले सकते हैं कर छूट
ऋचा आनंद
बिजनेस रिसर्च व एजुकेशन की जानकार
– कृषि उत्पादों से पैकेज्ड फूड तैयार करने के लिए स्टार्टअप गठन पर सरकार किसी तरह की विशेष छूट मुहैया कराती है? विस्तार से जानकारी प्रदान करें.
फूड प्रोसेसिंग को सरकार कई पहलुओं से देखती है :
(क) दूध, फल व सब्जियां
(ख) अनाज
(ग) मीट, पोल्ट्री और मछली पालन
(घ) पैकेज्ड फूड और ड्रिंक्स
फूड प्रोसेसिंग उद्योग को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने एक अलग मंत्रालय का गठन किया है. फूड प्रोसेसिंग उद्योग मंत्रालय ने करीब दो हजार करोड़ रुपये की पूंजी आसान क्रेडिट पर नाबार्ड के जरिये मुहैया करायी है. इस पूंजी का इस्तेमाल फूड पैकेजिंग से जुड़े इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने के लिए किया जा रहा है. इसके अलावा इस कारोबार को सर्विस टैक्स से मुक्त कर दिया गया है, ताकि उद्योग को बढ़ावा मिले और नये रोजगार पैदा हो सकें. सरकार ने आयकर में भी छूट का प्रावधान किया है. यह छूट अलग-अलग स्लैब में पहले दस वर्षों तक किसी नये कारोबारी को मिलेगी. कोल्ड चेन और खाद्य भंडार में निवेश करने वाले उद्योगों को भी विशेष छूट का प्रावधान है.
फूड पैकेजिंग उद्योग के लिए अगर आप मशीन आयात कर रहे हों, तो आप सरकार द्वारा दी जा रही आयात कर की छूट का लाभ उठा सकते हैं. यदि आपका उद्योग सौ फीसदी निर्यात केंद्रित है, तो आपको अतिरक्ति लाभ भी मिल सकेगा.
इसलिए आपको पहले यह तय करना है कि आप कहां पर और किस प्रकार का फूड प्रोसेसिंग या पैकेजिंग यूनिट शुरू करना चाहते हैं. उसके अनुसार आप केंद्र या राज्य सरकार की योजनाओं का लाभ उठा सकते हैं.
जरूरत के अनुकूल इवेंट मैनेजमेंट में मौका
– छोटे शहरों में लोगों की जरूरतों में बदलाव के कारण क्या इवेंट मैनेजमेंट का कारोबार शुरू किया जा सकता है? इसमें कितनी लागत आएगी? इसके बारे में विस्तार से बतायें.
शहरों में इवेंट मैनेजमेंट का कारोबार बहुत विस्तृत और विविधतापूर्ण है. इसमें आगे बढ़ने से पहले आपको यह तय करना होगा कि आप किस पहलू पर अपना कारोबार केंद्रित करना चाहते हैं.
इवेंट मैनेजमेंट के कई आयाम हो सकते हैं :
(क) थीम पार्टी : आजकल छोटे शहरों में भी लोगों की खर्च करने की इच्छा और क्षमता बढ़ गयी है. इसलिए जन्मदिन, शादी की सालगिरह और ऐसे ही अन्य मौकों पर लोग थीम पार्टी का आयोजन करने लगें हैं. इस कारोबार में सफल होने के लिए आपको रचनात्मकता रखनी होगी और लोगों की सोच और जरूरत के हिसाब से थीम तैयार करना होगा. पार्टी में काम आने वाली चीजों की सोर्सिंग के साथ ही आपको अच्छे स्टाफ की जरूरत पड़ेगी, ताकि सटीक और अच्छी क्वालिटी का थीम बनाया जा सके.
(ख) वेडिंग प्लानिंग : शादी को यादगार बनाने के साथ ही मेहमानों और बारात की व्यवस्था बहुत बड़ा काम है. आजकल लोग डेस्टिनेशन वेडिंग भी चाहते हैं. दोनों ही दशाओं में इस कारोबार में लागत ज्यादा आती है और इसमें प्रवेश करने से पहले आपको अच्छे से रिसर्च कर लेना चाहिए. ऊपर दर्शाये गये पहलुओं के अलावा ट्रेवल एजेंट, डेकोरेटर, बैंक्वेट हॉल या होटेल के साथ भी अनुबंध करना होगा.
(ग) कॉरपोरेट इवेंट : आप कंपनियों के साथ मिल कर उनका प्रॉडक्ट लॉन्च, अवॉर्ड फंक्शन, सेमिनार व गाला इवेंट्स आयोजित कर सकते हैं.
जहां तक लागत और लाभ की बात है, वह इवेंट के स्केल और बजट पर निर्भर है. आप जितना किफायती सोर्सिंग कर पायेंगे, उतना ज्यादा मुनाफा होगा. इसमें महत्वपूर्ण है कि आपका कस्टमर और वेंडर नेटवर्क विस्तृत और सुदृढ़ रहे.
बुजुर्गों की देखभाल में तलाश सकते हैं कारोबार
– शहरों में नयी पीढ़ी के पास समयाभाव के बीच बुजुर्गों की सामान्य व स्वास्थ्य देखभाल में क्या नयी संभावनाएं दिख रही हैं? संबंधित कारोबार शुरू करने का आइडिया कैसा रहेगा? पर्याप्त सलाह दें.
यह सही है कि आजकल शहरों में जीवन काफी व्यस्त और तनावपूर्ण हो गया है. ऐसे में घर के बुजुर्गों की देखभाल के लिए समय निकालने की मुश्किल रहती है. कई बार लोग शहर से बाहर रहने की वजह से भी अपने बुजुर्गों को लेकर चिंतित रहते हैं. इसलिए इस दिशा में समाधान का व्यावसायिक प्रयास किया जा सकता है.
वैसे तो हेल्थकेयर में अनेक तकनीकी सुविधाएं भी आती हैं, जिनके लिए बड़े पैमाने पर जानकारी, लाइसेंस और निवेश की जरूरत होती है. छोटे स्तर पर काम शुरू करने में आप स्वास्थ्य संबंधी सेवाओं की एक सूची बना कर देख सकते हैं कि आप इनमें से किन सुविधाओं को कारोबारी रूप दे सकते हैं.
(क) दवाओं और मेडिकल उपकरणों की होम डिलीवरी : आप वैधानिक तरीके से दवा दुकानों से अनुबंध करके दवाओं और अन्य उपकरणों का ऑर्डर फोन के जरिये या ऑनलाइन ले सकते हैं. इससे बुजुर्गों को घर बैठे डिलीवरी की सहूलियत होगी.
(ख) नर्स व परिचारक की सेवा : इसमें आपको प्रशिक्षत लोगों को जोड़ना होगा, जो फुल-टाइम, पार्ट-टाइम या ऑन-कॉल उपलब्ध हों.
(ग) नियमित स्वास्थ्य जांच की सुविधा : आप निदान केंद्रों के साथ जुड़कर घर बैठे स्वास्थ्य जांच व सैंपल कलेक्शन की सुविधा दे सकते हैं.
इनके अलावा विदेशों में आजकल डे-केयर भी प्रचलित हो रहे हैं, जो बुजुर्गों को सुबह से शाम तक देखभाल मुहैया कराते हैं. आप इस दिशा में भी जानकारी हासिल कर सकते हैं.