अर्णव का दिमाग आइंस्टीन से तेज

उपलब्धि : मेंसा आइक्यू टेस्ट में मिले 162 अंक, यह आइंस्टीन व हॉकिन्स से दो अंक अधिक है लंदन : ब्रिटेन में भारतीय मूल का 11 वर्षीय छात्र अर्णव शर्मा मेंसा आइक्यू टेस्ट में सर्वाधिक 162 अंक हासिल कर देश का सबसे ज्यादा बुद्धिमान बच्चा बन गया है. उसने महान वैज्ञानिक अल्बर्ट आइंस्टीन और स्टीफन […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 1, 2017 6:45 AM

उपलब्धि : मेंसा आइक्यू टेस्ट में मिले 162 अंक, यह आइंस्टीन व हॉकिन्स से दो अंक अधिक है

लंदन : ब्रिटेन में भारतीय मूल का 11 वर्षीय छात्र अर्णव शर्मा मेंसा आइक्यू टेस्ट में सर्वाधिक 162 अंक हासिल कर देश का सबसे ज्यादा बुद्धिमान बच्चा बन गया है. उसने महान वैज्ञानिक अल्बर्ट आइंस्टीन और स्टीफन हॉकिंग से दो अंक अधिक प्राप्त किये हैं. दक्षिण इंग्लैंड में रीडिंग टाउन के अर्णव शर्मा ने बिना किसी तैयारी के कुछ सप्ताह पहले सबसे मुश्किल टेस्ट के लिए मशहूर मेंसा आइक्यू टेस्ट को पास किया. उन्होंने इससे पहले कभी इस टेस्ट को नहीं दिया था. द इंडिपेंडेंट की खबर के मुताबिक टेस्ट में उनके अंक उन्हें आइक्यू स्तर पर देश में अव्वल स्थान पर रखते हैं.

शर्मा ने कहा, मेंसा टेस्ट मुश्किल होता है. कई लोग इसे पास नहीं कर पाते. मुझे तो इसे पास करने की उम्मीद नहीं थी. मैंने यह टेस्ट दिया और इसमें करीब ढाई घंटे लगे. उन्होंने कहा कि वहां करीब सात या आठ लोग थे. शर्मा ने कहा कि वह टेस्ट देने से पहले उत्सुक नहीं थे. उन्होंने कहा – मैंने टेस्ट के लिए कोई तैयारी नहीं की थी लेकिन मैं घबरा भी नहीं रहा था.

मेरा परिवार हैरान हुआ लेकिन वे भी बहुत खुश थे जब मैंने उन्हें परिणाम के बारे में बताया. उसकी मां मीशा धमिजा शर्मा ने कहा, मैं सोच रही थी कि क्या चल रहा होगा क्योंकि उसने कभी देखा नहीं था कि यह पेपर कैसा होता है. उन्होंने कहा कि जब वह ढाई साल का हुआ तो मुझे उसके मैथ्स के कौशल के बारे में पता चल गया था. शर्मा को गाने और डांस करने का भी जुनून है. वह जब आठ साल का था तो बॉलीवुड डांस करके वह ‘रीडिंग्स गॉट टैलेंट ‘ के सेमीफाइनल में भी पहुंचा था.

सबसे पुरानी आइक्यू सोसाइटी

मेन्सा को दुनिया की सबसे बड़ी और पुरानी उच्च आइक्यू सोसाइटी माना जाता है. वैज्ञानिक एवं वकील लांसलॉट लियोनेल वेयर और ऑस्ट्रेलियाई बैरिस्टर रोलैंड बेरिल ने 1946 में ऑक्सफोर्ड में इसकी स्थापना की थी. बाद में इस संगठन का प्रसार विश्वभर में हुआ.

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