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स्कूली शिक्षा में बदलाव लाने में सक्षम हो सकते हैं ऑनलाइन लर्निंग स्टार्टअप

देश में स्कूली शिक्षा का स्वरूप बदलता जा रहा है. छात्रों की रुचि के बढ़ते दायरे के बीच उन्हें एकाग्र बनाये रखना और गुणवत्तायुक्त कंटेंट के अभावों व बेहतर शिक्षकों की कमी समेत अनेक अन्य समस्याएं इस दिशा में बड़ी चुनौती बनती जा रही हैं. ऐसे में यह उम्मीद जतायी जा रही है कि एडटेक […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 10, 2017 6:13 AM
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देश में स्कूली शिक्षा का स्वरूप बदलता जा रहा है. छात्रों की रुचि के बढ़ते दायरे के बीच उन्हें एकाग्र बनाये रखना और गुणवत्तायुक्त कंटेंट के अभावों व बेहतर शिक्षकों की कमी समेत अनेक अन्य समस्याएं इस दिशा में बड़ी चुनौती बनती जा रही हैं. ऐसे में यह उम्मीद जतायी जा रही है कि एडटेक और ऑनलाइन लर्निंग स्टार्टअप नये तरीकों के जरिये इस दिशा में धीरे-धीरे बड़ा बदलाव लाने में सक्षम हो सकते हैं. आज के स्टार्टअप आलेख में जानते हैं इन्हीं समस्याओं और इनसे निपटने के लिए तैयार किये जा रहे समाधान के तरीकों के बारे में …
भारतीय स्कूली शिक्षा प्रणाली ध्वस्त हो रही है. क्लासरूम में बच्चे अच्छे अंक हासिल करने के लिए पढ़ते दिखाई देते हैं, न कि अपने तरीके से कुछ सोचने-समझने के लिए. शायद यही कारण है कि एडटेक उद्यमियों को ये चीजें चुभी हों और उन्होंने तकनीक के इस्तेमाल से इस समस्या का हल निकालने की कोशिश शुरू की है. इसमें एक बड़ी पहल के रूप में गंभीर किस्म के ऐसे क्लासरूम मॉडल का इस्तेमाल किया गया है, जहां ऑनलाइन लर्निंग को ज्यादा तवज्जाे दी जा रही है. और छात्रों को सीखने की प्रक्रिया में सक्रिय बनाये रखने का यह बड़ा मैथॉड हो सकता है, ताकि जो वे सोचते हैं, उसे समझ सकें.
हालांकि, ऐसे अनेक प्लेटफॉर्म हैं, जो छात्रों को बेहतर कंटेंट मुहैया कराते हैं, लेकिन तकरीबन सभी के साथ एक बड़ी समस्या यह है कि ये फ्री हाइ क्वालिटी ऑनलाइन रिसोर्सेज तो हैं, पर पाठ्यक्रम के अनुकूल तैयार नहीं किये गये होते हैं.
ज्यादातर छात्रों में इसे स्वयं समझने की जागरुकता नहीं होती. वे खुद से सीखने के लिए प्रेरित नहीं हैं, यही कारण है कि ज्यादातर लोग केवल इतना सीखेंगे कि उन्हें अध्ययन करने के लिए क्या कहा जाता है. वे केवल यह जानना चाहते हैं कि परीक्षा में किस टॉपिक पर प्रश्न पूछे जायेंगे और यदि यह पाठ्यक्रम में नहीं है, तो वे उस टॉपिक के बारे में ज्यादा जानने की परेशानी नहीं उठायेंगे, क्योंकि हमारी स्कूली शिक्षा प्रणाली का स्वरूप ही कुछ इस तरह का है कि वे बच्चों की आंतरिक जिज्ञासाओं को खत्म कर देती है. शिक्षक भी परीक्षा के हिसाब से ही पढ़ाते हैं, उनका ध्येय भी यही होता है कि छात्रों को कितने अधिक-से-अधिक अंक प्राप्त हो सकें.
स्कूलों में बढ़ती भीड़ के दौर में ट्यूशन क्लास का महत्व अत्यधिक बढ़ गया है और व्यावहारिक रूप से आज सभी स्कूली छात्र इसे अपना रहे हैं. और व्यावहारिक तौर पर यह जरूरी बनता जा रहा है. यह दिलचस्प है कि आइआइटी टॉपर्स भी इस तथ्य को रेखांकित करते हैं कि उनकी कामयाबी के पीछे ट्यूशन क्लास का योगदान है, न कि उनके स्कूली शिक्षकों का.
क्यों महत्वपूर्ण हो रहे हैं एडटेक और ऑनलाइन लर्निंग
रीयल-लाइफ ट्यूशन क्लास एक पूरक की भूमिका में उभरता जा रहा है, उच्च गुणवत्ता वाले शैक्षणिक सामग्री ऑनलाइन मुहैया कराने के लिए स्कूल के पाठ्यक्रम को उसी हिसाब से तैयार करना तेजी से महत्वपूर्ण बनता जा रहा है. श्रेष्ठ शिक्षक ही अच्छी गुणवत्तायुक्त कंटेंट मुहैया करा पाते हैं.
कंटेंट की गुणवत्ता को सावधानीपूर्वक कायम रखने की दशा में छात्र ट्यूशन पर निर्भर नहीं होंगे, जहां शिक्षक इतने श्रेष्ठ नहीं हैं कि वे जो कुछ कह रहे हैं, वह छात्र की समझ में आ ही रहा हो. एडटेक और ऑनलाइन लर्निंग से छात्र का कीमती समय बचाता है, ताकि वह अपने स्कूल और कक्षाओं से आगे के सफर में अपनी पूरी ऊर्जा लगा सके. वे घर में अपने दोस्तों के साथ सीख सकते हैं, और यह सीखने की प्रक्रिया को ज्यादा समक्ष बनाता है. चूंकि वह यह चुन सकता है कि वह क्या सीखना चाहता है, इसलिए वह अपनी गति से विषयों को समझ सकता है.
यहां तक कि बेहतर यह है कि पाठ्यक्रम को समझने के लिए हम ऑनलाइन तकनीक का इस्तेमाल कर सकते हैं. इससे छात्रों के सीखने का तरीका बदल सकता है. आखिरकार, इससे यह संभव हो सकता है कि इन ऑनलाइन कंटेंट के इर्द-गिर्द एक समुदाय सृजित होगा, जिससे छात्रों को आपस में एकदूसरे से सीखने का मौका मिल सकता है, और इस इकोसिस्टम में शिक्षक और अभिभावक दोनों की शामिल हो सकते हैं.
(इंक 42 डॉट कॉम पर प्रकाशित अनिरुद्ध मलपानी के आलेख का अनुवादित व संपादित अंश, साभार)
छोटे-छोटे वीडियो के जरिये छात्रों को मनपसंद टॉपिक समझने में होगी सहूलियत
ऑनलाइन व्याख्यान के माध्यम से बेहद सक्षम तरीके से ऑनलाइन लर्निंग समुदाय को प्रभावी बनाना होगा, जिसमें छात्र एकदूसरे से रूबरू हो सकते हैं. इससे छात्रों को नयी चीजों को समझने का मौका मिलेगा. इस मॉडल के तहत छात्र अपनी इच्छानुसार किसी भी टॉपिक पर पांच मिनट का एक वीडियो देखने में सक्षम होंगे. इसमें छात्रों को मनपसंद चीजें कभी भी, कहीं भी चुनने की आजादी होगी. चूंकि प्रत्येक वीडियो सेगमेंट में केवल एक ही टॉपिक होगा, इसलिए यह छोटा होगा. चूंकि ज्यादातर लाेगों के पास टाॅपिक के प्रति ध्यानाकर्षण के लिए बेहद कम समय होता है, इसलिए यह ज्यादा उपयोगी होगा.
एडटेक कंपनियों की पहल
बाइजू और रोबोमेट जैसी एडटेक कंपनियों ने इसकी शुरुअात कर दी है, क्योंकि इनके पास उच्च गुणवत्तायुक्त कंटेंट की लाइब्रेरी है. हालांकि, ये स्वयं को समयानुकूल नहीं कर पाये हैं, लेकिन रोबोमेट मेमोरी कार्ड के जरिये कंटेंट मुहैया करा रहा है. दूसरी ओर बाइजू इसके लिए एप्प का इस्तेमाल करता है, लेकिन अभी इसमें कई खामियां हैं.
दरअसल, छात्र एप्प से उब चुके हैं और अब वे इन्हें और डाउनलोड नहीं करना चाहते. साथ ही, एप्प के जरिये कंटेंट खरीदना भी महंगा है, क्योंकि छात्रों को एकसाथ पूरे वर्ष का कंटेंट खरीदने के लिए बाध्य किया जाता है. चूंकि वे पूरे कंटेंट का इस्तेमाल नहीं कर पाते, इसलिए उन्हें यह ज्यादा खर्चीला महसूस होता है.
कामयाबी की राह
टीम मेंबर को बनाया जा सकता है ज्यादा सक्षम
फ्रांस के प्रसिद्ध जनरल नेपोलियन बोनापार्ट एक बार अपने मिलिट्री ऑफिसर्स के साथ बैठक कर रहे थे. कुछ अधिकारियों ने अपनी यूनिट्स में कमजोर सैनिकों के होने की शिकायत की. उन्होंने ऐसा तर्क इसलिए दिया था, क्योंकि वे सभी अपने निर्धारित लक्ष्यों को हासिल करने में नाकामयाब रहे थे. कुछ देर तक इस पर चर्चा जारी रही. नेपोलियन ने अपने अधिकारियों से अपनी भावनाएं व्यक्त करने को कहा था. इसके बाद नेपोलियन मुस्कुराये और धीरे से जवाब दिया, ‘जेंटलमैन, कोई सिपाही कमजोर नहीं है, कमजोर हैं तो केवल अधिकारी.’
इसके बाद वहां बेहद चुप्पी का माहौल बन गया. अपने सैनिकों की तीखी आलोचना व शिकायत करने वाले बगलें झांकने लगे. अपने छोटे से वक्तव्य में जनरल ने अच्छे लीडरशिप की महत्ता को रेखांकित करते हुए समझाया कि इससे सामान्य टीम मेंबर्स को ज्यादा सक्षम बनाया जा सकता है.
असरदार लीडरशिप की जरूरत सभी जगहों पर होती है. कारोबार के लिए भी यह लागू होता है. सक्रिय और प्रभावशाली लीडरशिप के अभाव में संगठन दिशाहीन हो जाता है. एक लीडर अपने कारोबार को बना या बिगाड़ सकता है. एक प्रेरक लीडर दूसरों को प्रेरित करता है और उनमें जोश व ऊर्जा पैदा करता है. एक टीम लीडर की भांति वह सभी चीजों को अपने हाथों में लेता है. और एक अच्छे टीम लीडर को एक अच्छा टीम मेट भी होना पड़ेगा. एक महान लीडर ऐसा माहौल तैयार करता है, जिससे जोश, सृजनशीलता, उत्पादकता और भविष्य का नेतृत्व पैदा होते हैं. अपने स्वयं के उदाहरण के जरिये वह सामान्य टीम मेंबर्स को उच्च क्षमतावान सदस्यों के रूप में तब्दील कर देता है.
अपने दल के सदस्यों को वह आत्मविश्वास के साथ प्रेरित करता है और उनके दिमाग में नेतृत्व की सक्षमता को उभारता है. वह एक प्रभावी संप्रेषक होता है, जो एकता और विजन के साथ अपने टीम के सदस्यों को मिशन के रूप में उन्हें संप्रेषित करता है. समय-समय पर वह अपने लोगों को जरूरत के अनुसार प्रशिक्षित करता है या उनके प्रशिक्षण को सुनिश्चित करता है, ताकि उन्हें आगे बढ़ाया जा सके.
स्टार्टअप क्लास
लोगों में फंड जुटाने की जरूरतों के कारण फाइनेंशियल प्लानर का बेहतर भविष्य
– महानगरों में फाइनेंशियल प्लानर कामयाब हो रहे हैं. क्या छोटे शहरों में इनका अच्छा स्कोप हो सकता है? खासकर ऐसे समय में जब लोग इस ओर जागरूक हो रहे हैं.
बढ़ती आय, आयकर में बचत की उम्मीद और रिटायरमेंट के लिए फंड जुटाने की जरूरत के कारण लोगों में इनवेस्टमेंट संबंधी जागरुकता बढ़ रही है. साथ ही म्यूचुअल फंड और इंशोरेंस कंपनी के प्रावधानों में भी परिवर्तन आने के कारण फाइनेंशियल प्लानर का कारोबार उन्नति पर है. छोटे शहरों में इस में पेशेवर कुशलता की कमी दिखाई देती है. इसलिए आप इसको ध्यान में रखते हुए इस कारोबार की शुरुआत कर सकते हैं. इसमें सफलता पाने के लिए आपको कुछ बातों पर ध्यान देना होगा :
(क) फाइनेंशियल एक्सपर्ट : सबसे पहला उद्देश्य है कि आपके ग्राहकों के इनवेस्टमेंट में बढ़ोतरी दिखे. ऐसा करने के लिए आपको कुछ अच्छे फाइनेंशियल एक्सपर्ट नियुक्त करने होंगे, जिन्हें बाजार की उछाल और गिरावट की समझ हो. इससे आपके ग्राहकों का निवेश बढ़ेगा और आपकी कंपनी की शाख बढ़ेगी.
(ख) प्रोसेस : आपकी कंपनी में कस्टमर सर्विस की सुविधा जितनी सुदृढ़ रहेगी, ग्राहकों का भरोसा उतना ही ज्यादा होगा. आपके कस्टमर सर्विस डिपार्टमेंट को ग्राहक की प्रीमियम जमा करने की अवधि निवेश करने के अन्य अवसरों के बारे में समय-समय पर सूचित करते रहना चाहिए.
(ग) सॉफ्टवेयर : ग्राहक अपने निवेश की पारदर्शी जानकारी चाहेंगे, जिसके लिए आपके पास जरूरी बैक ऑफिस सॉफ्टवेयर होना चाहिए, जिससे आप हर तरह की रिपोर्ट बना सकें और ग्राहकों को दे सकें. कारोबार से जुड़ी महत्वपूर्ण चुनौती है लोगों की मानसिकता. जहां लोग लाइफस्टाइल से जुड़ी चीजों में खर्च करने से पहले नहीं सोचते, वहीं फाइनेंशियल प्लानर्स को फीस देने में कतराते हैं. इसलिए आपको ग्राहकों को यह बताना होगा कि आपकी विशेषज्ञता से उन्हें कितना फायदा होगा. अपने कारोबार को ज्यादा सुदृढ़ करने के लिए आप फाइनेंशियल प्लानिंग के साथ पोर्टफोलियो मैनेजमेंट में भी काम कर सकते हैं.
चुनौती के साथ संभावनाएं भी हैं प्रॉपर्टी मैनेजमेंट में
– भारत में प्रॉपर्टी मैनेजमेंट के कारोबार में कितनी संभावनाएं हैं? इसमें क्या चुनौतियां और अवसर हैं. कृपया इस बारे में विस्तार से बताएं.
प्रॉपर्टी मैनेजमेंट फिलहाल देश में एक नये कॉन्सेप्ट के तौर पर उभर रहा है. प्रॉपर्टी की तरफ बढ़ता रुझान, आय और मोबिलिटी की वजह से लोग एक भरोसेमंद प्रॉपर्टी मैनेजमेंट कंपनी की जरूरत महसूस करते हैं. यह कारोबार खास तौर पर एनआरआइ में ज्यादा कारगर साबित हो सकता है. इस कारोबार से प्रॉपर्टी मालिक को कई लाभ दिये जा सकते हैं :
(क) प्रॉपर्टी का सुचारु रूप से रख-रखाव हो सकता है. (ख) प्रॉपर्टी के जरिये नियमित किराया मिलता रहेगा.
(ग) प्रॉपर्टी से संबंधित सारे बिल का समय पर भुगतान हो पायेगा और केवल एक स्रोत से उन्हें सारे खर्च मिल पायेंगे.
प्रॉपर्टी मैनेजमेंट के तहत आपको मालिक से एक अनुबंध करना होगा, जिसके बाद मालिक घर की चाबी आपके हवाले कर सकेंगे. आपको इस कारोबार में कुछ विशेष पहलुओं पर ध्यान देना होगा-
(क) चूंकि किरायेदार से अनुबंध आप करेंगे, उनके बैकग्राउंड चेक करने की जिम्मेवारी आपकी बनती है. इस लिहाज से एक अच्छे किरायेदार का चयन बहुत जरूरी है. किरायेदार के घर खाली करने के बाद घर का सही मुआयना जरूरी है, जिससे किरायेदार के द्वारा प्रॉपर्टी को पहुंचाये गये नुकसान की भरपाई उससे करायी जा सके. अन्यथा यह नुकसान आपके ऊपर आ सकता है. (ख) मालिक के साथ अनुबंध में अगर आपने डाउनटाइम का प्रावधान नहीं रखा है, तो दो किरायेदारों के बीच का डाउनटाइम आपके खाते में आता है. इसलिए, अनुबंध करते वक्त इसका ध्यान रखें.
वेबसाइट के जरिये कर सकते हैं यूज्ड बुक्स का कारोबार
– यूज्ड बुक्स यानी एक बार इस्तेमाल हो चुकी किताबों की वेबसाइट के जरिये खरीद-बिक्री का कारोबार कैसा रहेगा? संबंधित नियम-कानून समेत समग्रता से जानकारी मुहैया कराएं.
हमारे देश में यूज्ड बुक्स के लिए कुछ पोर्टल्स फिलहाल काम कर रहे हैं. लोगों में पर्यावरण के प्रति बढ़ती जागरुकता और अच्छे किताबों का वेबसाइट पर ही मिल जाना इस कारोबार के लिए लाभकारी साबित हो रहा है. इसके लिए कोई विशेष कानूनी प्रावधान नहीं है और यह सामान्य ट्रेडिंग के कानून के तहत ही है. यूज्ड बुक्स के कारोबार को दो वर्गों में देखा जा सकता है :
(क) रीसेलर वेबसाइट : इसमें आप यूज्ड बुक्स खरीद सकते हैं और फिर अपने वेबसाइट के जरिये बेच सकते हैं. इसमें आपको सीधा कारोबार करने का फायदा मिल सकेगा. इसके लिए पहले आपको तय करना होगा कि आप किस तरह की किताबों में डील करना चाहते हैं- जैसे स्कूल की किताबें, मनोरंजक किताबें आदि.
इसके बाद आप जरूरत के अनुसार किताबों की सोर्सिंग को सुनिश्चित कर पायेंगे. रीसेल के कारोबार में यूज्ड किताबों की सोर्सिंग करने वक्त उनकी गुणवत्ता पर विशेष ध्यान देना होगा- किताबों का रख-रखाव अच्छा हो, किताबों के पन्ने गायब न हों या किताबों में कुछ लिखा न गया हो.
(ख) ट्रेडिंग वेबसाइट : इसमें आप अपनी वेबसाइट पर खरीदार और विक्रेता को खरीद-फरोख्त की सुविधा मुहैया कराते हैं. विक्रेता आपके वेबसाइट पर अपनी किताबों की तसवीर के साथ उसका बिक्री मूल्य प्रकाशित करता है और खरीदार फिर अपनी जरूरत के अनुसार किताबों का चयन करके उन्हें खरीद पाता है.
इसमें आपको अपने वेबसाइट को सर्च के दृष्टिकोण से अलग-अलग सुविधाजनक वर्गों में बांटना होगा, जिससे खरीदार आसानी से अपनी रुचि के वर्ग में किताबों को ढूंढ सके. यहां आपकी आय का स्रोत विज्ञापन से बनता है और इसलिए आपका लाभ आपकी वेबसाइट के प्रचार पर निर्भर करता है.
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