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ज्योतिष : बाजार में मंदी, पर शेयर बाजार में होगी तेजी….. जानिए कैसे ?

ग्रहों की चाल बदलने से हर क्षेत्र पर असर सदगुरु स्वामी आनन्द जी 21 जून की अलस्सुबह जब वक्री शनि चार महीने 25 दिन बाद अपने कट्टर शत्रु मंगल की राशि वृश्चिक में पुनः लौटे, तो आकाश मंडल के ग्रहों की सरगोशी से नजूमियों यानि भविष्य पढ़ने वालों की सिर्फ आंखें ही नहीं सिकुड़ी, बल्कि […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 10, 2017 7:09 AM
ग्रहों की चाल बदलने से हर क्षेत्र पर असर
सदगुरु स्वामी आनन्द जी
21 जून की अलस्सुबह जब वक्री शनि चार महीने 25 दिन बाद अपने कट्टर शत्रु मंगल की राशि वृश्चिक में पुनः लौटे, तो आकाश मंडल के ग्रहों की सरगोशी से नजूमियों यानि भविष्य पढ़ने वालों की सिर्फ आंखें ही नहीं सिकुड़ी, बल्कि उनकी पेशानियों पर भी बल पड़ गये. इस समय मंगल अपने परम मित्र सूर्य के साथ अपने परम शत्रु बुध की राशि मिथुन में, शुक्र स्वयं की राशि वृष में, केतु शनि की राशि कुंभ में, चंद्रमा मित्र वृहस्पति की राशि धनु में, शनि महा शत्रु मंगल की राशि वृश्चिक में, वृहस्पति शत्रु बुध की राशि कन्या में, राहू धुर विरोधी सूर्य की राशि सिंह में और बुध अपने दुश्मन चंद्रमा की राशि कर्क में गतिशील हैं.
जैसा कि पहले से अनुमान था, ग्रहों की यह स्थिति एक गंभीर चेतावनी की तरह नजर आती है. वक्री शनि की वृश्चिक में मौजूदगी जहां आगजनी, विरोध, आंदोलन, दंगे-फसाद, खून-खराबा और वैमनस्य के साथ हवाई दुर्घटना, रेल दुर्घटना व सड़क दुर्घटनाओं से जान-माल की क्षति का संकेत दे रही है, वहीं बुध के घर में शत्रु मंगल की उपस्थिति खस्ता व्यापार, बेरौनक बाजार और किसी बड़े षड्यंत्र की कथा भी कह रही है. वृहस्पति की शत्रु बुध की राशि कन्या में बैठक ज्ञान और व्यावहारिकता के टकराव, और राजा और विचारकों के दुराव की द्योतक है.
इस दरम्यान पड़ोसियों और सरहद पर तनाव के इशारे तो साल के आगाज से सरगोशी कर रहे हैं, पर शुक्र की स्वघर में मौजूदगी कुछ झड़पों के अलावा किसी भीषण युद्ध का संकेत फिलहाल तो नहीं दे रही हैं, पर योजनाओं और कूटनीतिक स्तर पर विफलताओं का आभास जरूर करा रही है.
राजा के ईमानदार प्रयास नाकाफी सिद्ध होंगे. राजनैतिक दृष्टि से ये काल किसी साजिश के साथ बड़ी भूल की ओर स्पष्ट इशारा कर रहा है. यह ग्रहयोग राजनैतिक दुस्साहस और जनता की बेचैनी की चुगली कर रहा है. छोटे व्यापारी जहां उलझन में नजर आयेंगे, वहीं बड़े कारोबारी मोटा माल कमायेंगे. व्यापारी कानूनी पचड़े में उलझा महसूस करेगा. बहुतों की नौकरियां जाती हुई दृष्टिगोचर हो रही हैं. ग्रहों की चाल कारोबार में जहां सुस्ती की तसवीर उकेर रही है, वहीं आश्चर्यजनक रूप से शेयर बाजार में तेजी मंदी की उठापटक के दौरान चुपचाप किसी तेज कदम के संकेत साफ दिखाई दे रहे हैं. 18 नवंबर तक शेयरों की शतरंजी चाल शायद कभी ऊपर, कभी नीचे की नूरा कुश्ती की तरह प्रतीत हो, पर आने वाला साल निश्चित रूप से स्टॉक मार्केट के लिए कोई बड़ा उछाल दर्ज करायेगा.
सोने के भाव में नवंबर तक नरमी बनी रहेगी. रीयल स्टेट चरमरा जायेगा और दिवालियेपन की कगार पर पहुंच रहे बिल्डरों को कानून का खौफ सतायेगा.
18 नवंबर, 2017 तक बाढ़, भूकंप, प्रकृतिक और सूनामी जैसी प्रकृति प्रदत्त आपदाओं का खतरा लगातार बना हुआ है. राहू जब सूर्य की राशि से विदा लेकर अपने महा शत्रु चंद्रमा की राशि कर्क में जायेगा, तब मानसिक पीड़ा प्रदान करने के साथ जल से जुड़ी आपदा या महामारी की पृष्ठभूमि तैयार करेगा. वृहस्पति जब कन्या से निकल कर अपने वैचारिक विरोधी दैत्यगुरु शुक्र के घर तुला में जायेंगे, लग्जरी के व्यापार के साथ व्यक्तिगत व राष्ट्रों के संबंधों पर प्रहार करेंगे.

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