12वीं के छात्र को 12 लाख की सैलरी
उपलब्धि : गूगल ने ग्राफिक डिजायनर के तौर पर चुना ट्रेिनंग में मिलेंगे चार लाख मािसक हर्षित चंडीगढ़ : चंडीगढ़ के 12वीं कक्षा के छात्र हर्षित को गूगल ने ग्राफिक डिजाइनिंग के लिए चुना है. वह सात अगस्त को गूगल में ट्रेनिंग के लिए कैलिफोर्निया जायेगा. शुरुआती एक साल के लिए हर्षित को ट्रेनिंग पर […]
उपलब्धि : गूगल ने ग्राफिक डिजायनर के तौर पर चुना
ट्रेिनंग में मिलेंगे चार लाख मािसक
हर्षित
चंडीगढ़ : चंडीगढ़ के 12वीं कक्षा के छात्र हर्षित को गूगल ने ग्राफिक डिजाइनिंग के लिए चुना है. वह सात अगस्त को गूगल में ट्रेनिंग के लिए कैलिफोर्निया जायेगा. शुरुआती एक साल के लिए हर्षित को ट्रेनिंग पर रखा जायेगा और इस दौरान उसे हर माह चार लाख रुपये सैलरी दी जायेगी.
ट्रेनिंग खत्म होने के बाद उसे हर महीने 12 लाख रुपये सैलरी मिलेगी. हर्षित हरियाणा के कुरुक्षेत्र का रहने वाला है और एक सरकारी स्कूल में पढ़ता है. वह पढ़ाई में औसत रहा है, मगर धुन का पक्का है. हर्षित जब वह 10 साल का था, तभी से ही उसका झुकाव ग्राफिक डिजाइनिंग सीखने की तरफ हो गया था और धीरे-धीरे यह उसके जुनून का हिस्सा बन गया. इसके बाद उसने गूगल में नौकरी पाने का सपना देखा और बकायदा ग्राफिक डिजाइनिंग की ट्रेनिंग लेनी शुरू की.
हालांकि उसने इस बात को राज बनाये रखा और पूरी लगन एवं कड़ी मेहनत से काम सीखना शुरू किया. ग्राफिक डिजाइनिंग सीखने के लिए उसने किसी इंस्टीट्यूट में दाखिला नहीं लिया, बल्कि अपने एक अंकल रोहित शर्मा से इसका ज्ञान प्राप्त किया. रोहित शर्मा खुद भी बड़े ग्राफिक डिजाइनर हैं और पंजाबी गायकों के लिए पोस्टर डिजाइन करते हैं. चाचा को देख कर ही हर्षित डिजाइनिंग की ओर प्रेरित हुआ. हर्षित पढ़ाई के साथ अपने चाचा के काम में हाथ बंटाता था. हर्षित के पिता कैथल में एक कॉलेज के प्रिंसिपल और मां एक स्कूल की प्रिंसिपल हैं.
हर्षित ने दसवीं कक्षा तक की पढ़ाई हरियाणा शिक्षा बोर्ड से की. उसके बाद इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी की पढ़ाई के लिए उसने शहर के गवर्नमेंट मॉडल सीनियर सेकेंडरी स्कूल सेक्टर-33 में दाखिला लिया. वह हर राेज सुबह पांच बजे घर से निकलकर करीब 200 किमी का सफर तय कर स्कूल पहुंचता था और शाम पांच बजे घर लाैटता था. इतनी कम उम्र में इतनी बड़ी उपलब्धि हासिल करने से वह बेहद खुश है और इसका सारा श्रेय अपने अंकल रोहित शर्मा को देता है.