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गेम एडिक्शन बन रहा मौत का सबब

चिंता : मुंबई में ‘ब्‍लू व्‍हेल’ के लती किशोर ने की खुदकुशी मुंबई : मोबाइल, टैब और कंप्यूटर पर गेम खेलनेवाले बच्चों को लेकर नयी चिंता पैदा हुई है. खास कर उन बच्चों को लेकर जिनके मां-बाप इस बात पर नजर नहीं रखते कि उनका बच्चा नेटवर्क प्लेटफॉर्म पर किस तरह के गेम खेल रहा […]

चिंता : मुंबई में ‘ब्‍लू व्‍हेल’ के लती किशोर ने की खुदकुशी
मुंबई : मोबाइल, टैब और कंप्यूटर पर गेम खेलनेवाले बच्चों को लेकर नयी चिंता पैदा हुई है. खास कर उन बच्चों को लेकर जिनके मां-बाप इस बात पर नजर नहीं रखते कि उनका बच्चा नेटवर्क प्लेटफॉर्म पर किस तरह के गेम खेल रहा है. मुंबई की एक घटना उन्हें सावधान कर रही है, जिसमें एक 14 साल के लड़के ने अपने घर की सातवीं मंजिला से कूद कर आत्महत्या कर ली. वह लड़का कथित तौर पर गेम एडिक्शन के प्रभाव में था. उसे ऑनलाइन गेम ‘ब्लू व्हेल’ की लत लगी हुई थी और इसी गेम के प्रभाव में आकर उसने आत्महत्या की.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक ब्लू व्हेल एक अंडरग्राउंड गेम है. इस गेम में खिलाड़ी को 50 टास्क दिये जाते हैं, जिनमें से आखिरी टास्क आत्महत्या करने का होता है. गेम में देर रात अकेले कमरे में कोई डरावनी फिल्म देखना, हाथ पर ब्लेड से व्हेल की आकृति बनाना जैसे कई विचित्र टास्क शामिल होते हैं. माना जाता है यह गेम सबसे पहले रूस में सामने आया था. इस गेम के ज्यादा-से-ज्यादा टारगेट टीनएजर हैं और एक सीमा के बाद उनमें इस गेम को लेकर प्रकार की दीवानगी आ जाती है. रूस में इस गेम के चलते लगभग 100 से ज्यादा टीनएजर्स के मारे जाने की रिपोर्ट्स हैं.
इस ग्रम की वजह से आत्महत्या का पहला मामला 2015 में सामने आया था. मुंबई में आत्महत्या की हुई यह घटना भारत में पहली है.
वह लड़का अंधेरी के एक इंटरनेशनल स्कूल का छात्र था और 9वीं कक्षा में पढ़ता था. लड़के के एक पड़ोसी ने उसे छत पर चलते हुए देखा था.
लड़के ने पहले छत पर चलते हुए सेल्फी ली और उसके बाद उसने छत से नीचे छलांग लगा दी. इससे उसकी मौके पर ही मौत हो गयी.
गौरतलब है कि डिजिटल गेम वैश्विक नेटवर्क का हिस्सा है और कई कंपनियां इसकी मुफ्त सेवा देती हैं. खुद को डिजिटल गेम का वर्ल्ड लीडर होने का दावा करने वाली एक ऐसी ही कंपनी के मुताबिक उसके ऑनलाइन प्लेटफार्म से 200 मिलियन यूजर्स हर माह जुड़ रहे हैं और 195 देशों में उसका नेटवर्क है.
यह कंपनी अपने डिजिटल गेम स्पेस पर 1,000 से ज्यादा ऑनलाइन गेम्स उपलब्ध करा रही है. ऐसा अनेक कंपनियां हैं और करीब 500 मिलियन मोबाइल गेम्स ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध हैं. इसमें से कई गेम्स के बारे में यह बहा जाता रहा है कि वे यूजर्स और खास कर टीनएजर्स को अवसद का शिकार बनाते हैं और उन्हें आत्महत्या के लिए उत्प्रेरित करते हैं. बहरहाल, मुंबई की इस घटना ने बाद बाल मनोविज्ञानियों, शिक्षकों और अभिभावकों के लिए चिंता पैदा कर दी है.

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