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भरणी व कृतिका के योग में मनेगा श्रीकृष्ण जन्मोत्सव, पांच साल बाद बन रहा ऐसा संयोग
बार भगवान श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव रोहिणी नक्षत्र में नहीं बल्कि भरणी और कृतिका नक्षत्र के योग में मनाया जायेगा. पांच साल बाद ऐसा योग बन रहा है, जब स्मार्त और वैष्णव जन बगैर रोहिणी नक्षत्र के जन्माष्टमी मनायेंगे. इस साल भगवान श्रीकृष्ण का 5244वां जन्मोत्सव मनाया जायेगा. 14 को अष्टमी तिथि शाम 5.40 से शुरू […]
बार भगवान श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव रोहिणी नक्षत्र में नहीं बल्कि भरणी और कृतिका नक्षत्र के योग में मनाया जायेगा. पांच साल बाद ऐसा योग बन रहा है, जब स्मार्त और वैष्णव जन बगैर रोहिणी नक्षत्र के जन्माष्टमी मनायेंगे.
इस साल भगवान श्रीकृष्ण का 5244वां जन्मोत्सव मनाया जायेगा. 14 को अष्टमी तिथि शाम 5.40 से शुरू होगी व 15 अगस्त को शाम 3.26 तक रहेगी. रोहिणी नक्षत्र इस बार 16 को है. 15 अगस्त की रात कृष्ण जन्म के समय न अष्टमी तिथि होगी और न ही रोहिणी नक्षत्र बल्कि उस समय भरणी और कृतिका नक्षत्र का योग होगा.
14 को गृहस्थ व 15 को वैष्णव मनायेंगे जन्माष्टमी : श्रीमद्भागवत को प्रमाण मान कर स्मार्त संप्रदाय को माननेवाले चंद्रोदय व्यापिनी अष्टमी व रोहिणी नक्षत्र में जन्माष्टमी मनाते हैं जबकि वैष्णव संप्रदाय को माननेवाले उदयकाल अष्टमी व उदय काल रोहिणी नक्षत्र को जन्माष्टमी का त्योहार मनाते हैं. अर्ध रात्रि व्यापिनी अष्टमी तिथि में गृहस्थों स्मार्तकों के लिए श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का व्रत 14 अगस्त को होगा व उदया तिथि अष्टमी को मान्यता देनेवाले वैष्णव मतावलंबी श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का व्रत 15 अगस्त मंगलवार को मनायेंगे .
महाराणा प्रताप भवन में जन्माष्टमी 15 को : महाराणा प्रताप भवन ट्रस्ट द्वारा इस वर्ष 15 अगस्त को जन्माष्टमी मनाया जायेगा. यह जानकारी ट्रस्ट के अध्यक्ष नवल भगत ने बैठक के बाद दी. कार्यक्रम की शुरुआत भगवान श्रीकृष्ण के अलौकिक शृंगार से होगी. एक बजे दिन से भजन व कीर्तन होगा. तीन बजे मटकी फोड़ व संध्या पांच बजे छप्पन भोग लगाया जायेगा. बैठक में ट्रस्ट के सचिव सुशील अग्रवाल, राधेश्याम अग्रवाल, विनोद चौधरी, राजेंद्र अग्रवाल मौजूद थे.
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