दुर्गा पूजा : 19 को महालया और महिषासुर मर्दिनी का मंचन, 27 को मां का नवपत्रिका प्रवेश

दुर्गाबाटी, मेन रोड में पारंपरिक पूजा की तैयारी शुरू हो गयी है. यहां श्री श्री हरिसभा दुर्गा पूजा समिति की अोर से पूजा आयोजित की जाती है. यहां बांग्ला रीति रिवाज से पूजा-अर्चना होती है. यहां काफी संख्या में भक्त श्रद्धा व आस्था के साथ मां की पूजा-अर्चना व पुष्पांजलि में शामिल होते हैं. भोग […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 7, 2017 9:28 AM
दुर्गाबाटी, मेन रोड में पारंपरिक पूजा की तैयारी शुरू हो गयी है. यहां श्री श्री हरिसभा दुर्गा पूजा समिति की अोर से पूजा आयोजित की जाती है. यहां बांग्ला रीति रिवाज से पूजा-अर्चना होती है. यहां काफी संख्या में भक्त श्रद्धा व आस्था के साथ मां की पूजा-अर्चना व पुष्पांजलि में शामिल होते हैं. भोग प्रसाद ग्रहण करते हैं. यहां शारदीय उत्सव 27 सितंबर को मां का नवपत्रिका प्रवेश होगा. इसके बाद विधिवत आराधना शुरू होगी.
29 सितंबर तक हर दिन मां की विधिवत पूजा-अर्चना तय समय के अनुसार होगी. 30 सितंबर यानी विजयादशमी को सुबह 8.30 बजे मां की आराधना की जायेगी. शाम 5.40 बजे के बाद प्रतिमा का विसर्जन किया जायेगा. यहां की प्रतिमा को परपंरागत ढोल बाजे व शंख ध्वनि के बीच भक्त कंधा पर लेकर तालाब में विसर्जन करने के लिए ले जाते हैँ. शाम में सभी भक्तों के ऊपर शांति जल दिया जाता है. संस्था के अध्यक्ष ज्योर्तिमय चौधरी व सचिव गोपाल भट्टाचार्य हैं. श्री भट्टाचार्य ने बताया कि सभी लोगों के सहयोग से पूजा के भव्य आयोजन की तैयारी चल रही है.
19 को महालया और महिषासुर मर्दिनी का मंचन
19 को महालया के अवसर पर शाम 6.30 बजे से महिषासुर मर्दिनी का मंचन किया जायेगा. स्थानीय उदिति ग्रुप की अोर से इसका मंचन होगा. इसे देखने के लिए काफी संख्या में भक्त जुटते हैं. चार अक्तूबर को विजया सम्मेलिनी है.
पूजा का कार्यक्रम
26 सितंबर : प्रात: 8.41 बजे के बाद और 9.41 बजे के पहले कल्पारंभ होगा. शाम 6.45 बजे आमंत्रण अधिवास होगा.
27 सितंबर : नव पत्रिका प्रवेश सुबह 7.50 बजे से पहले. सुबह 8.15 बजे के अंदर पूजा अर्चना और चंडी पाठ शुरू. दिन के 10.15 बजे भोग निवेदन,10.45 बजे पुष्पांजलि व शाम सात बजे संध्या आरती व प्रसाद वितरण.
28 सितंबर : सुबह 6.30 बजे से पूजा शुरू, 9.30 बजे कुंवारी पूजन. दिन के 10.15 बजे भोग निवेदन. 10.45 बजे पुष्पांजलि. इसी दिन शाम में 7.06 बजे से संधि पूजा शुरू होगी. शाम 7.54 पूजा समाप्त अौर शाम 7.30 बजे बलिदान होगा.
29 सितंबर : सुबह 6.30 बजे से पहले पूजा-अर्चना शुरू होगी. 9.30 बजे भोग निवेदन अौर उसके बाद बलि अौर आरती. शाम सात बजे आरती व प्रसाद वितरण .

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