स्पेन में अलगाववाद : कैटेलोनिया का जनमत-संग्रह
स्पेन के कैटेलोनिया प्रांत ने जनमत-संग्रह के जरिये आजाद होने का फैसला किया है. लेकिन स्पेनिश सरकार इसके विरुद्ध है और उसके पाले में यूरोपीय संघ भी खड़ा है. इस प्रकरण से यूरोप के अन्य कुछ इलाकों में भी अलग होने के इच्छुक प्रांतों को बढ़ावा मिल सकता है. स्पेन की राजनीति पर तो निश्चित […]
स्पेन के कैटेलोनिया प्रांत ने जनमत-संग्रह के जरिये आजाद होने का फैसला किया है. लेकिन स्पेनिश सरकार इसके विरुद्ध है और उसके पाले में यूरोपीय संघ भी खड़ा है. इस प्रकरण से यूरोप के अन्य कुछ इलाकों में भी अलग होने के इच्छुक प्रांतों को बढ़ावा मिल सकता है. स्पेन की राजनीति पर तो निश्चित तौर पर इसके गंभीर असर होंगे. इस मसले के विविध पहलुओं पर केंद्रित है आज का इन-डेप्थ…
पुष्परंजन
(ईयू-एशिया न्यूज के नयी दिल्ली संपादक)
कैटेलोनिया का स्पेन से अलग होने के कई कारणों में सबसे बड़ा कारण आर्थिक लगता है. वर्ष 2008 में दुनियाभर में जिस तरह से आर्थिक भूचाल आया था, स्पेन लगभग कंगाली के कगार पर खड़ा हो गया था. कर्ज से लदा स्पेन यूरोपीय संघ के लिए बोझ की तरह है.
उसके 17 प्रांतों में से एक कैटेलोनिया भी उससे छुटकारा चाह रहा है. कैटेलोनिया में जो लोग सबसे अधिक धन अर्जित कर रहे हैं, उनकी शिकायत रही कि राजधानी मैड्रिड में स्पेन की अर्थ नीति तय करनेवाले ही बेरोजगारी और कर्ज वृद्धि के लिए जिम्मेदार हैं. कैटेलोनिया का पूरा इलाका स्पेन का इंडस्ट्रियल हब बताया जाता है और इस इलाके से सबसे अधिक करों की वसूली सरकार करती है. मगर, जो करदाता हैं, उनके मन में यह बात घर कर गयी है कि जो पैसा सरकार करदाताओं से वसूलती है, उसे कैटेलोनिया पर नहीं, बल्कि देश के दूसरे दरिद्र इलाकों पर खर्च कर देती है.
कर्ज में डूबा स्पेन
आज की तारीख में स्पेन पर लगभग 125 लाख करोड़ यूरो का कर्ज है. कैटेलोनिया, मैड्रिड को हर साल 12 अरब यूरो टैक्स के रूप में देता है. इससे अलग, स्पेन का लगभग 25 प्रतिशत निर्यात कैटेलोनिया से होता है.
देश के जीडीपी में इस सूबे की अकेले की हिस्सेदारी 20 फीसदी से अधिक की है. विदेशी निवेश भी इस इलाके में काफी है. सारा कुछ देखकर लगता है कि पूरा कैटेलोनिया खुशहाल है, मगर यहां की जनता के मन में यह सवाल बराबर राजनेता कुरेदते रहे कि हमने स्पेन के बाकी इलाकों को संवारने का क्या ठेका ले रखा है? हमारे ही पैसे स्पेन के बदहाल इलाकों पर क्यों खर्च किये जा रहे हैं. ऐसे सवालों ने ही करदाताओं को आंदोलित किया है.
कहां है कैटेलोनिया?
स्पेन के उत्तर-पूर्वी कोने पर कैटेलोन प्रदेश है. फ्रांस और एंडोरा की उत्तरी सीमाएं इसे छूती हैं, और भूमध्यसागर का पूर्वी तट कैटेलोनिया से लगा है. कैटेलोनिया के दक्षिण में स्वायत्त क्षेत्र वेलेंसिया है, और पश्चिम में आरागोन से यह प्रदेश लगा हुआ है.
भूमध्यसागर के तट पर बसा बार्सिलोना, कैटेलोनिया की राजधानी है, जिसे इंडस्ट्रियल हब के रूप में विकसित किया जा चुका है. गिरोना, बार्सिलोना, टेरागोना और लीडा, स्पेन के ये चार ऐसे उत्तर-पूर्वी प्रांत हैं, जो कैटेलोनिया की परिधि में आते हैं. समुद्र, पहाड़, मौसम और प्रकृति की ऐसी कृपा है कि कैटेलोनिया पर्यटन की दृष्टि से भी लोगों को लुभाता रहा है.
पर्यटन, कृषि, और उद्योग से समृद्धि
साल 1992 में बार्सिलोना में ओलंपिक गेम्स का आयोजन हुआ था, उससे ही कैटेलान के इस सिरमौर शहर के महत्व का पता चल जाता है. दिसंबर, 2016 तक का आंकड़ा था कि अकेले बार्सिलोना शहर को देखने 3.20 करोड़ पर्यटक आये थे. इस संख्या से पर्यटन के जरिये कैटेलान की आय का अंदाजा लग सकता है.
खेती इतनी बढ़िया कि कैटेलान के चारो प्रदेश वाइन, ओलिव आॅयल, बादाम, चावल, आलू, मक्का आदि का निर्यात करते हैं. पहले कैटेलान कपड़ा उद्योग के लिए प्रसिद्ध था, बाद के दिनों में फूड प्रोसेसिंग, मेटल वर्किंग, फार्मास्यूटिकल्स, इलेक्ट्रिकल आॅटोमोबिल, कैमिकल इंडस्ट्री के क्षेत्र में झंडे गाड़ने लगा.
अलगाववाद का अधिकेंद्र
पांचवीं सदी तक कैटेलोनिया रोमन, फिर पूर्वी जर्मनी के कबीलाई लड़ाके गोथ्स के अधीन आ गया. वर्ष 712 में मूर, और आठवीं सदी के आखिर में चार्ल्स द ग्रेट के कब्जे में आ गया.
एक सत्ता से दूसरे के हाथों गुजरते हुए कैटालान 1137 में आरोगोन रियासत का हिस्सा बना. कालांतर में स्पेन की रियासत ‘कैस्टिले’ की राजकुमारी इसाबेला से आरोगोन के राजकुमार फर्डिनांड द्वितीय से 1474 में शादी हुई, और दोनों ने मिलकर स्पेन को एक करने का प्रयास किया. इसी एकीकरण अभियान में कैटेलोनिया स्पेन का अहम हिस्सा हो गया.
रानी इसाबेला की मृत्यु 26 नवंबर 1504 को हो गयी. मगर, इसाबेला के अक्स का कैथलिक चर्च पर कितना प्रभाव रहा है, इसका उदाहरण हमें 1974 में मिलता है, जब उन्हें ‘सर्वेंट आॅफ गाॅड’ की उपाधि से नवाजा गया.
कैटेलोनिया का अलगाववाद
अलगाव का यह कोई पहला वाकया नहीं है. वर्ष 1640 में कैटेलोनिया की जनता ने स्पेन से अलग होने के वास्ते विद्रोह किया. इसके पीछे फ्रांस के राजा लुईस तेरहवें थे.
इस विद्रोह को कुचल दिया गया. साल 1714 में एक बार फिर अलगाववाद की सुगबुगाहट हुई, उसे दबाने में स्पेन के राजा फिलिप पंचम की प्रमुख भूमिका रही, जिसने कैटेलोन का संविधान और उसकी स्वायतता को भंग कर दिया था. अलग कैटेलोनिया की सुलगाये रखने में ‘कार्लाइजम’ की जबरदस्त भूमिका थी.
यह एक क्षेत्रीय राजनीतिक चेतना थी, जिसके तहत बास्क विद्रोही तैयार हो रहे थे. कैटालान भाषा को नयी पीढ़ी से जोड़ने के वास्ते प्रिंटिंग प्रेस सक्रिय हो गया था, म्यूजिक व थियेटर के जरिये राजनीतिक चेतना को जगाया जा रहा था.
कमजोर सत्ता से अलगाववाद को मजबूती
साल 1898 में स्पेनिश-अमेरिकन युद्ध में क्यूबा, गुआम, फिलीपींस, पुर्तो रिको स्पेन के हाथों से निकल चुका था. मैड्रिड राजमहल जैसे ही कमजोर हुआ, कैटेलान राष्ट्रवाद सिर उठाने लगा. साल 1913 में कैटेलोनिया को थोड़ी सी स्वायत्तता मिली.
कालांतर में कैटेलोनिया स्वायतता के कई पड़ावों से गुजरता रहा. वर्ष 1979 में कैटेलोनिया को पूर्ण स्वायत्तता मिली. फिर 2006 में कैटेलोनिया को ‘नेशन’ का दर्जा मिला, जिसके आधार पर अलगाववाद की मांग तेज हो गयी. वर्ष 2010 में स्पेन की सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया कि ‘नेशन’ का मतलब कैटेलोनिया की नेशनलिटी (जातीयता) से है, न कि ‘राष्ट्रीयता’ से. अर्थात् कैटेलोनिया एक अलग राष्ट्र नहीं है.
स्काॅटलैंड के जनमत-संग्रह का असर
साल 2013 में ‘कैटालान रीजनल पार्लियामेंट’ में एक प्रस्ताव पास हुआ कि हमें स्पेन से अलग होने के सवाल पर 2014 मेें मतसंग्रह कराना है.
यह संयोग है कि सितंबर, 2014 में ब्रिटेन से अलग होने के वास्ते स्काॅटलैंड में मतसंग्रह हुआ. कैटेलोनिया में 9 नवंबर, 2014 को मतसंग्रह हुआ, जिसमें मात्र 37 प्रतिशत लोग वोट डाल पाये. तब 80 फीसद लोग स्पेन से अलग होने के पक्ष में थे. स्पेन के प्रधानमंत्री मारियानो राजोय ने इस मतसंग्रह का अनुमोदन संसद में नहीं होने दिया क्योंकि सिर्फ 37 फीसदी लोगों ने मतदान में हिस्सा लिया था.
चुनाव बाद अलगाव का जोर
सितंबर, 2015 में 135 सीटों वाली कैटेलोनिया ‘रीजनल पार्लियामेंट’ चुनाव हुआ, जिसमें आजादी पसंद ‘जंट पेल सी’ (हां, हम साथ हैं) नामक गठबंधन को 62 सीटें हासिल हुईं. 10 सीटें पाॅप्युलर यूनिटी कैंडीडेसी (पीयूसी) को हासिल हुई, जो ‘जंट पेल सी’ के साथ साझा सरकार में शामिल हो गयी.
इसके दो साल बाद एक बार फिर मतसंग्रह का जिन्न बाहर निकलकर आया. एक अक्तूबर, 2017 को हुए मतसंग्रह में 90 प्रतिशत लोगों ने आजादी के पक्ष में वोट डाले, यही इसकी सबसे बड़ी उपलब्धि है. कैटेलोनिया के प्रधानमंत्री कोर्लेस पुइडिमोंट ने ऐलान किया कि 22 लाख मतों की गणना हुई, जिसमें से 20 लाख लोगों ने स्पेन से अलग होने के आह्वान को समर्थन दिया.
यों, इस पूरे मतसंग्रह को स्पेन की संवैधानिक अदालत ने अवैध करार दिया है. जनमत संग्रह के दौरान 844 नागरिकों को और 33 पुलिसकर्मियों को चोटें आयीं. मतलब, मतसंग्रह शांतिपूर्ण नहीं था. ऐसा पहली बार हुआ कि मतसंग्रह के पक्ष और विरोध में एक ही देश की दो सरकारें आमने-सामने थीं. दुनिया के समक्ष यह दुविधा की स्थिति है कि वह किसे सही मानें.
जनमत संग्रह
कैटेलोन आजादी जनमत संग्रह-2017
स्थान : कैटेलोनिया, स्पेन
तिथि : 1 अक्तूबर, 2017
परिणाम
मतदान प्रतिशत
पक्ष में 2,020,144 91.96
विपक्ष में 176,565 8.04
वैध मत 2,196,709 97.10
अवैध या खारिज 65,715 2.9
कुल मत 2,262,424 100
पंजीकृत मतदाता 5,313,564 42.58
स्रोत : जनरलिटैट डि कैटालुनया
और तीन इलाके भी कैटेलोनिया की राह पर
जनमत-संग्रह के मौजूदा सिलेसिले की शुरुआत पिछले सप्ताह इराक से अलग होने के लिए कुर्द समुदाय के जनमत संग्रह से हुई थी और इसका अंत हुआ स्पेन के कैटेलोन जनमत संग्रह से. उम्मीद है कि 2017 में इस तरह के तीन और आंदोलन हो सकते हैं.
बियाफ्रा
250 से अधिक जनजातीय समूह वाला देश नाइजीरिया 1960 में ब्रिटिश शासन से आजाद हुआ. साल 1967 में इस देश के दक्षिणी समूह, जिसकी अगुवाई एक प्रमुख जनजातीय समूह इग्बो कर रहा था, ने नाइजीरिया के दक्षिणी क्षेत्र बियाफ्रा को स्वतंत्र गणतंत्र घोषित कर दिया जिसे नाइजीरिया ने मानने से इंकार कर दिया.
इस वजह से इस देश को तीन गृह युद्ध झेलने पड़े जिनमें 10 लाख लोगों के मारे जाने का अनुमान है. वर्ष 1970 में बियाफ्रा ने समर्पण कर दिया. लगभग 50 वर्षों के बाद एक बार फिर अलगाववाद की आग सुलग उठी. नाइजीरिया ने कुछ सप्ताह पहले ही अलगाववादी आंदोलन को आतंकवादी समूह घोषित कर दिया है.
फ्लैंडर्स
बेल्जियम तीन भागों में बंटा है – उत्तर में नीदरलैंड की सीमा से लगा डच भाषी फ्लैंडर्स, दक्षिण में फ्रांस की सीमा से लगा फ्रेंच भाषी वैलोनिया और मध्य में बसा राजधानी क्षेत्र ब्रसेल्स. अलग भाषा और संस्कृति में बंटे इन क्षेत्रों के बीच काफी मतभेद देखने को मिलते हैं. इस मतभेद के बीज 1830 में ही बो दिये गये थे. उन दिनों फ्रांस नीदरलैंड के दक्षिणी भाग के शराब बनानेवाले विद्रोहियों का समर्थन करता था.
वैलोनिया तब उसका पसंदीदा क्षेत्र था और वहीं के लोगों के हाथों में सत्ता थी. लेकिन आज सत्ता फ्लैंडर्स और 60 प्रतिशत डच भाषियों के हाथ में आ गयी है. इन दोनों क्षेत्रों में भाषा और संस्कृति के अलावा आर्थिक असमानता भी काफी है. हालांकि अभी यहां फ्लेमिश की आजादी का आंदोलन धीमा है लेकिन जब समय आयेगा तब बेल्जियम से अलग होने की मांग करने वालों में फ्लेमिश सबसे आगे होंगे.
डोनेस्क और लुहांस्क
यूक्रेन के पूर्वी प्रांत डोनेस्क और लुहांस्क रूस समर्थक हैं और वे यूरोपीय यूनियन में जाने की बजाय रूस के साथ जाना पसंद करते हैं. लेकिन रूस डोनेस्क और लुहांस्क को पूरी तरह अपने देश का हिस्सा बनाना नहीं चाहता है.
यही कारण है कि वह इस कोशिश में है कि यूक्रेन अपने संविधान में बदलाव कर डोनेस्क और लुहांस्क जैसे रूस समर्थक प्रांत के नेताओं को राष्ट्रीय सुरक्षा और व्यापार नीति आदि को लेकर ज्यादा शक्ति प्रदान करे ताकि वे भविष्य में पश्चिमी देशों के साथ जाने से मना करता रहें.
इसके पहले भी रूसी समर्थक राष्ट्रपति विक्टर यांउकाविच के यूक्रेन के यूरोपीय यूनियन के साथ जाने से मना करने को लेकर देश में हिंसक प्रदर्शन हो चुके हैं. एेसे में अगर वर्तमान राष्ट्रपति पेट्रो पोरोशेंको रूस के कहने पर इन दोनों प्रांतों के नेताओं को ज्यादा अधिकार देते हैं तो देश में उनका विरोध होगा. पहले ही यूक्रेनी राष्ट्रवादी रूस को बहुत ज्यादा जमीन देने का विरोध कर चुके हैं.