वेंचर कैपिटल फर्म्स : भारतीय स्टार्टअप इकोसिस्टम में सक्रिय यह 10 प्रमुख निवेशक
भारत में इस वर्ष स्टार्टअप में रिकॉर्ड स्तर पर निवेश हुआ है. वर्ष 2015 में इस लिहाज से बाजार में तेजी आयी थी, लेकिन अगले वर्ष 2016 में इसमें भारी गिरावट आ गयी. वर्ष 2016 में वैश्विक अर्थव्यवस्था में गिरावट के दौर के बावजूद भारत में स्टार्टअप डील एक्टिविटी में ज्यादा कमी नहीं आयी और […]
भारत में इस वर्ष स्टार्टअप में रिकॉर्ड स्तर पर निवेश हुआ है. वर्ष 2015 में इस लिहाज से बाजार में तेजी आयी थी, लेकिन अगले वर्ष 2016 में इसमें भारी गिरावट आ गयी.
वर्ष 2016 में वैश्विक अर्थव्यवस्था में गिरावट के दौर के बावजूद भारत में स्टार्टअप डील एक्टिविटी में ज्यादा कमी नहीं आयी और 965 कारोबारी सौदों को अंजाम दिया गया, जबकि इससे एक वर्ष पूर्व 2015 में 881 सौदे तय किये गये थे. अर्ली स्टेज इनवेस्टर भारत में ज्यादा सक्रिय माने जाते हैं. वेंचर कैपिटल एनालिटिक्स फर्म ‘सीबी इनसाइट्स’ द्वारा हालिया जारी आंकड़े इस तथ्य की पुष्टि करते हैं. मौजूदा समय में भारत में 10 सर्वाधिक सक्रिय निवेशकों और उनकी विविध गतिविधियों के बारे में बता रहा है आज का स्टार्टअप पेज ..
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ब्लूम वेंचर्स
घरेलू तौर पर विकसित हुआ भारत में यह पहला वीसी फर्म्स है. अमेरिका से लौटे कार्तिक रेड्डी और संजय नाथ ने वर्ष 2010 में इसका गठन किया था. फंडिंग के अलावा इन दोनों को स्टार्टअप्स को मेंटरिंग का शौक है.
अपने ग्लोबल नेटवर्क के जरिये ये उन्हें व्यापक जानकारी मुहैया कराते हैं. हाल ही में इस वेंचर्स ने अपने लोगों को चीन के तकनीकी केंद्रों पर विजिट के लिए भेजा था, ताकि वहां की नयी चीजों के बारे में सीख सकें. ब्लूम का बड़ा दांव था ग्रेऑरेंज में सीरिज बी फंडिंग के तहत तीन करोड़ डॉलर का निवेश करना, जो वेयरहाउस रोबोट को विकसित करने में जुटा है. पिछले पांच वर्षों के दौरान इसने अनेक भारतीय स्टार्टअप्स समेत 76 कंपनियों में निवेश किया है.
इंडियन एंजेल नेटवर्क
ये देश के सबसे पुराने एंजेल नेटवर्क में शामिल है. वर्ष 2006 में इसने स्टार्टअप इकोसिस्टम के तहत काम करना शुरू किया था. धीरे-धीरे इसने अपना दायरा बढ़ाया और हाल ही में इसने तेल अबीब स्थित इजराइल के एक स्टार्टअप में भी निवेश किया है. ‘सीबी इनसाइट्स’ के मुताबिक इंडियन एंजेल नेटवर्क द्वारा वर्ष 2012 से 64 निवेश के सौदे अंजाम दिये गये हैं. इसमें मुख्य इस प्रकार हैं :
-यूएनबीएक्सडी, जो इकॉमर्स में प्रोडक्ट डिस्कवरी के लिए क्लाउड-आधारित आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का इस्तेमाल करता है.
-यूनीफोर, स्पीच रिकॉग्निशन सॉफ्टवेयर
-लॉजीनेक्स्ट, जो एक लॉजिस्टिक्स एनालिटिक्स कंपनी है.
मुंबई एंजेल्स
एंजेल नेटवर्क्स भारत में आरंभिक स्तर पर सर्वाधिक सक्रिय निवेशकों में शामिल हैं. इसलिए इसमें कोई आश्चर्य नहीं कि इंडियन एंजेल नेटवर्क के बाद इसका नाम दूसरे नंबर पर होना चाहिए. मुंबई एंजेल्स की शुरुआत 2006 में ही हुई थी, जब भारत में एंजेल इनवेस्टिंग बेहद आरंभिक अवस्था में था.
वीसी फर्म की सूची में शीर्ष पर रहे ब्लूम वेंचर्स के सह-संस्थापक कभी मुंबई एंजेल्स से जुड़े रहे थे. वर्ष 2012 से मुंबई एंजेल्स ने एप्प डेली, पर्पल समेत नाउ फ्लोट्स और इड्रीम्स एडुसॉफ्ट में निवेश किया है.
कलारी कैपिटल
भारत के घरेलू वीसी फर्म्स में शामिल कलारी कैपिटल की बड़ी खासियत है कि इसका नेतृत्व महिला उद्यमी से वीसी बनी वानी कोला करती हैं. इसने भारत में इकॉमर्स क्षेत्र से अपना दांव शुरू करते हुए फैशन पोर्टल माइंत्रा और इकॉमर्स वेबसाइट स्नैपडील में निवेश किया था.
हालांकि, वर्ष 2014 में फ्लिपकार्ट ने माइंत्रा का अधिग्रहण कर लिया और मौजूदा समय में वह अपने प्रमुख प्रतिद्वंद्वी स्नैपडील को कड़ी टक्कर दे रहा है. वर्ष 2012 से अब तक इसने ब्लूस्टोन, जिवामे और रोबोसॉफ्ट जैसे स्टार्टअप में निवेश किया है.
आइडीजी वेंचर्स इंडिया
सैन फ्रांसिस्को से आयी आइडीजी वेंचर्स एशिया के बड़े निवेशकों में शामिल है. भारत के अलावा इसने चीन, कोरिया और वियतनाम में निवेश किया है. वर्ष 2007 में इसने भारत में अपनी यात्रा शुरू की. यात्रा, लेंसकार्ट, आइप्रूफ और नेस्टवे जैसे जानेमाने स्टार्टअप को इसने रकम मुहैया करायी है.
टाइगर ग्लोबल मैनेजमेंट
वर्ष 2015 के बाद भारत में स्टार्टअप में दुनिया में लोकप्रिय हुए अनेक संगठनों में इसका योगदान है. हालांकि, पिछले वर्ष के दौरान इसकी गतिविधियां कुछ कम हो गयीं, जिससे अब यह सुर्खियों में नहीं है. वर्ष 2012 से अब तक इसने निवेश के 36 सौदे को अंजाम दिया है.
सैफ पार्टनर्स
इसकी शुरुआत तो भारत में हुई, लेकिन इसका मुख्यालय हांगकांग में है. भारत में वर्ष 2002 में ही इसकी शुरुआत हो चुकी है. वर्ष 2012 से अब तक इसने निवेश के 35 सौदे को अंजाम दिया है. इसका सबसे बड़ा निवेश पेटीएम में है.
सिकोइया कैपिटल इंडिया
ग्लोबल वेंचर कैपिटल फर्म सिकोइया कैपिटल के पास भारत केंद्रित पांच फंड्स हैं, जिसका कुल मूल्य 3.2 अरब डॉलर है. इसने अपना पांचवां इंडिया फंड पिछले वर्ष 930 मिलियन डॉलर के रूप में जेनरेट किया था. भारत में आज अनेक जाने-पहचाने स्टार्टअप्स को यह फंड मुहैया करा चुका है, जिसमें से प्रमुख हैं :
-ओला -ओयो-जोमैटो -प्रैक्टो-बाइजू -बैंक बाजार
एक्सेल पार्टनर्स इंडिया
एक सक्रिय भारतीय यूनिट के साथ एक्सेल पार्टनर्स एक अन्य अमेरिकी वेंचर कैपिटल फर्म है, जो एक अरब डॉलर से अधिक रकम को मैनेज करता है.
भारत में इसने अपने पांचवें फंड की घोषणा इस साल के आरंभ में की थी, जिसके तहत भारतीय इकोसिस्टम को प्रोत्साहित करने के लिए निवेशकों से 450 मिलियन डॉलर की रकम जुटायी गयी थी. वर्ष 2012 से इसने 55 स्टार्टअप्स के साथ दांव आजमाये हैं. इसमें से प्रमुख इस प्रकार हैं :
– फ्लिपकार्ट
– स्विगी
– प्रोपटाइगर
– बुक माइ शो
– फ्रेशडेस्क
हेलियन वेंचर पार्टनर्स
भारत-केंद्रित यह वीसी फर्म मूल रूप से मॉरीशस आधारित है, जिसका गठन वर्ष 2006 में किया गया था. इसके एक सह-संस्थापक संजीव अग्रवाल ने हाल ही में नंदन नीलेकणी के साथ एक खास प्रोजेक्ट के लिए साझेदारी की है. वर्ष 2012 से अब तक इसने निवेश के 31 दांव आजमाये हैं, जिसमें से बिगबास्केट, येपमी, टॉपर और गोजेफो में निवेश मुख्य रूप से शामिल है.
(सभी आंकड़े जून, 2017 तक अनुमानित हैं)
(स्रोत : टेक इन एशिया डॉट कॉम)
प्रस्तुति : कन्हैया झा