अलग-अलग देशों में ऐसे मनाया जाता है बाल दिवस
बाल दिवस की नींव 1925 में रखी गयी थी, जब बच्चों के कल्याण पर विश्व कॉन्फ्रेंस में बाल दिवस मनाने की घोषणा हुई. वर्ष 1954 में दुनियाभर में इसे मान्यता मिली. संयुक्त राष्ट्र ने यह दिन 20 नवंबर के लिए तय किया, लेकिन अलग-अलग देशों में यह अलग दिन मनाया जाता है. कुछ देश 20 […]
बाल दिवस की नींव 1925 में रखी गयी थी, जब बच्चों के कल्याण पर विश्व कॉन्फ्रेंस में बाल दिवस मनाने की घोषणा हुई. वर्ष 1954 में दुनियाभर में इसे मान्यता मिली. संयुक्त राष्ट्र ने यह दिन 20 नवंबर के लिए तय किया, लेकिन अलग-अलग देशों में यह अलग दिन मनाया जाता है.
कुछ देश 20 नवंबर को भी बाल दिवस मनाते हैं. यह दिन इस बात की याद दिलाता है कि हर बच्चा खास है और बच्चों के बेहतर भविष्य के लिए उनकी मूल आवश्यकताओं और पढ़ाई-लिखाई की जरूरतों का पूरा होना बेहद जरूरी है. यह दिन बच्चों को बेहतर जीवन दिये जाने की भी याद दिलाता है. बच्चों के प्रति नेहरू जी के प्यार को देख कर उन्हें चाचा नेहरू कहा जाने लगा.
चाचा नेहरू का बाल प्रेम
चाचा नेहरू के बाल प्रेम को प्रकट करतीं कई कहानियां हैं. दिल्ली स्थित तीन मूर्ति भवन जवाहर लाल नेहरू का आवास हुआ करता था. एक दिन तीन मूर्ति भवन के बगीचे में लगे पेड़-पौधों के बीच नेहरू जी टहल रहे थे. उनका ध्यान पौधों पर था, तभी उन्हें एक छोटे बच्चे के रोने की आवाज सुनायी दी. नेहरू जी ने आसपास देखा, तो उन्हें पेड़ों के बीच दो माह का एक बच्चा दिखायी दिया, जो ऊंचे स्वर में रो रहा था. नेहरू जी ने सोचा- इसकी मां कहां होगी?
उन्होंने इधर-उधर देखा. वह कहीं नजर नहीं आ रही थी. उन्होंने सोचा शायद वह बगीचे में ही कहीं काम कर रही होगी. इस पर उन्होंने उस बच्चे को उठा कर अपनी गोद में लेकर उसे थपकियां दीं और झुलाया, तो बच्चा चुप हो गया और मुस्कुराने लगा. बच्चे को मुस्कुराते देख चाचा नेहरू भी खुश हो गये और बच्चे के साथ खेलने लगे. थोड़ी देर बाद जब बच्चे की मां वहां पहुंची, तो उसे अपनी आंखों पर विश्वास नहीं हुआ. उसका बच्चा नेहरू जी की गोद में मंद-मंद मुस्कुरा रहा था.
इसी तरह एक बार जब नेहरू जी तमिलनाडु के दौरे पर गये थे, तब जिस सड़क से वह गुजर रहे थे, वहां के लोग साइकिलों पर खड़े होकर, तो कहीं दीवारों पर चढ़ कर उनकी एक झलक पाने को बेताब थे.
इस भीड़ भरे इलाके में नेहरू जी ने देखा कि दूर एक गुब्बारेवाला पंजों के बल खड़ा डगमगा रहा था. नेहरू जी की गाड़ी जब गुब्बारेवाले तक पहुंची, तो उन्होंने ड्राइवर को गाड़ी रोकने के लिए बोला और वह गाड़ी से उतर कर वह गुब्बारे खरीदने आगे बढ़े. गुब्बारेवाला हक्का-बक्का रह गया. नेहरू जी ने अपने तमिल जाननेवाले सचिव से कह कर सारे गुब्बारे खरीदवाये और वहां उपस्थित सारे बच्चों में वे गुब्बारे बंटवा दिये.
अलग-अलग देशों में बाल दिवस
हर वर्ष दुनिया के सभी देशों में काफी उत्साह के साथ बाल दिवस
मनाया जाता है, लेकिन दुनिया के अलग-अलग देशों में इसकी तारीख एक नहीं, बल्कि अलग-अलग रहती है.
बांग्लादेश
पहले यहां 20 मार्च यानी बांग्लादेश के राष्ट्रपिता शेख मुजीबुर रहमान के जन्मदिन के अवसर पर बाल दिवस मनाया जाता था. वर्ष 1996 से 2000 तक यह सिलसिला चलता रहा, लेकिन इसके बाद बांग्लादेश की सरकार ने 20 नवंबर को यूनिवर्सल चिल्ड्रेंस डे को ही बाल दिवस के रूप में मनाने का फैसला लिया.
कनाडा
कनाडा में भी 20 नवंबर को नेशनल चाइल्ड डे मनाया जाता है. यह दिन चाइल्ड डे एक्ट के नाम से भी जाना जाता है, क्योंकि वर्ष 1993 में कनाडा की संसद में चाइल्ड डे एक्ट पारित किया गया था.
जर्मनी
जर्मनी में चिल्ड्रेंस डे को किंडरटैग के रूप से जानते हैं. यहां यह पहली जून को मनाया जाता है. जर्मनी में पारंपरिक रूप से माता-पिता बच्चों को इस दिन कोई खास उपहार देते हैं. इसके अलावा स्कूल के आयोजन में भी बच्चे हिस्सा लेते हैं.
अमेरिका
यहां जून का पहला या दूसरा रविवार बच्चों के नाम रहता है. यहां तो पूरा सप्ताह फैमिली वीक के नाम से मनाया जाता है. वहीं ऑस्ट्रेलिया में जुलाई के पहले रविवार को चिल्ड्रेंस डे तथा अक्तूबर के अंतिम सप्ताह को चिल्ड्रेंस वीक के रूप में बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है.