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बिहार के दरभंगा में बनेगा देश का पहला थ्री-डी शौचालय, जानें कैसे करेगा काम

!!सतीश कुमार!! दरभंगा : देश का पहला थ्री-डी प्रिंटेड शौचालय दरभंगा में बनेगा. इस माह के अंत तक इस तकनीक से शौचालय का निर्माण कार्य शुरू हो जायेगा. मनीगाछी प्रखंड में सेंटर फॉर रूरल इन्फॉरमेशन एंड एक्शन (क्रिया) संस्था इसका निर्माण करेगी. सिंगापुर की कंपनी हैमिल्टन लैब थ्री-डी प्रिंटर उपलब्ध करायेगी. इसके एवज में कंपनी […]

!!सतीश कुमार!!

दरभंगा : देश का पहला थ्री-डी प्रिंटेड शौचालय दरभंगा में बनेगा. इस माह के अंत तक इस तकनीक से शौचालय का निर्माण कार्य शुरू हो जायेगा. मनीगाछी प्रखंड में सेंटर फॉर रूरल इन्फॉरमेशन एंड एक्शन (क्रिया) संस्था इसका निर्माण करेगी. सिंगापुर की कंपनी हैमिल्टन लैब थ्री-डी प्रिंटर उपलब्ध करायेगी. इसके एवज में कंपनी ‘क्रिया’ से प्रति शौचालय 20 डॉलर लेगी. तैयार शौचालय नौ हजार रुपये में लोगों को मिल सकेगा. ‘क्रिया’ के कारीगर खरीदारों के यहां जाकर शौचालय को सेट करेंगे.

थ्री-डी प्रिंटर से एक दिन में 75 शौचालय बनाये जा सकेंगे. कंक्रीट से बनाये जानेवाले ये शौचालय देखने में आकर्षक, मजबूत एवं सुविधा संपन्न होंगे. मनीगाछी में प्रोजेक्ट के लिए जमीन, बिजली व मजदूर की व्यवस्था ‘क्रिया’ करेगी. कच्चा माल चेन्नई की कंपनी ‘वी सीड’ देगी. शौचालय में रोशनी के लिए सोलर पैनल भी लगाया जायेगा. तत्काल सोलर पैनल के लिए शौचालय में जगह छोड़ी जायेगी. बाद में संस्था मामूली राशि लेकर शौचालयों में सोलर पैनल सेट करेगी. इससे शौचालय में रोशनी की व्यवस्था हो सकेगी. क्रिया के सचिव श्यामानंद झा ने बताया कि सात नवंबर को सिंगापुर में महासम्मेलन हुआ था. कार्यक्रम में उन्होंने दुनिया भर के प्रतिभागियों के बीच देश में ओडीएफ के रास्ते में आनेवाली कठिनाइयों का जिक्र करते हुए सहयोग की मांग की थी. फिर सिंगापुर की इंटरनेशनल इंटरप्राइज से थ्री-डी प्रिंटर को लेकर समझौता हुआ.

नयी तकनीक से बना शौचालय कंप्यूटरीकृत होगा

नयी तकनीक से बननेवाला शौचालय पूर्णत: कंप्यूटरीकृत होगा. रोबोट मशीन में सभी निर्माण सामग्री एक साथ डाली जायेगी. इसके बाद मशीन से बना-बनाया शौचालय तैयार होकर निकलेगा. पिछले तीन साल में उनकी संस्था पांच हजार शौचालय ही बना सकी. थ्री-डी प्रिंटर से बननेवाले शौचालय भी सरकार द्वारा तैयार शौचालय की तरह ही होंगे. शौचालय को हवादार एवं प्राकृतिक रोशनी वाला बनाया जायेगा. उन्होंने बताया कि नयी तकनीक में प्लास्टिक की बोतल, पॉलीथिन आदि का भी इस्तेमाल किया जायेगा. नो प्रोफिट नो लॉस के तहत संस्था शौचालय बना कर बेचेगी. संस्था द्वारा मानव मल को ले लिया जायेगा.इस अवशिष्ट से जैविक खाद का निर्माण किया जायेगा. दरभंगा में 11 लाख और मधुबन में पांच लाख शौचालय बनने हैं़ दो साल में दोनों जिले ओडीएफ हो जायेंगे.

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