बजट 2018-19 : कर राहत से 99% छोटे उद्योगों को फायदा
कर छूट : 250 करोड़ की टर्नओवर वाले उद्यमों को छूट प्रतिभूति लेनदेन कर (एसटीटी) में कोई बदलाव नहीं किया गया 14 साल बाद शेयरों से होने वाले दीर्घकालिक पूंजीगत लाभ (लॉन्ग टर्म कैपिटल) पर 10 प्रतिशत का टैक्. सूक्ष्म लघु और मझोले उद्यमों के पूरे संवर्ग को फायदा पहुंचायेगा. नयी दिल्ली : केंद्रीय वित्त […]
कर छूट : 250 करोड़ की टर्नओवर वाले उद्यमों को छूट
प्रतिभूति लेनदेन कर (एसटीटी) में कोई बदलाव नहीं किया गया
14 साल बाद शेयरों से होने वाले दीर्घकालिक पूंजीगत लाभ (लॉन्ग टर्म कैपिटल) पर 10 प्रतिशत का टैक्.
सूक्ष्म लघु और मझोले उद्यमों के पूरे संवर्ग को फायदा पहुंचायेगा.
नयी दिल्ली : केंद्रीय वित्त एवं कॉरपोरेट मामलों के मंत्री अरुण जेटली ने उन कंपनियों के लिए 25 प्रतिशत के घटे हुए दर का प्रस्ताव किया है, जिनका वित्त वर्ष 2016-17 के दौरान टर्नओवर 250 करोड़ रुपये तक है. यह सूक्ष्म लघु और मझोले उद्यमों के पूरे संवर्ग को फायदा पहुंचायेगा. टैक्स रिटर्न दाखिल करने वाली 99 प्रतिशत कंपनियां इसी संवर्ग में आती हैं.
हालांकि इस निर्णय से सरकार को वित्त वर्ष 2018-19 में 7000 करोड़ रुपये की राजस्व हानि होगी. वित्त मंत्री के मुताबिक, कॉरपोरेट टैक्स की निम्न दर से 99 प्रतिशत कंपनियों को फायदा होगा. उनके पास निवेश करने के लिए अतिरिक्त धन होगा. इससे रोजगार के नये मौके बनेंगे.
मालूम हो कि पिछले साल बजट में सरकार ने 50 करोड़ रुपये तक टर्नओवर वाली कंपनियों के लिए कॉरपोरेट टैक्स को कम करके 25 प्रतिशत तक लाने की घोषणा की थी. टैक्स रिटर्न दाखिल करने वाली कुल कंपनियों में से 96 प्रतिशत कंपनियों को इससे फायदा हुआ.
एक लाख से ज्यादा के लॉन्ग टर्म कैपिटल लाभ पर दस फीसदी टैक्स
सरकार ने 14 साल बाद शेयरों से होने वाले दीर्घकालिक पूंजीगत लाभ (लॉन्ग टर्म कैपिटल) पर 10 प्रतिशत की दर से कर लगाने का एलान किया है. माना जा रहा है कि सरकार ने यह कदम कर चोरी पर अंकुश लगाने के लिए उठाया है. इसके साथ ही इक्विटी केंद्रित म्यूचुअल फंड की वितरित आय पर भी 10 प्रतिशत कर लगाने का बजट में प्रस्ताव किया गया है. वित्त मंत्री अरुण जेटली की इस बजट घोषणा से शेयर बाजार को झटका लगा है.
जेटली ने 2018-19 का बजट पेश करते हुए कहा, ‘मैं इस प्रकार के एक लाख रुपये से अधिक के दीर्घकालिक पूंजीगत लाभ पर 10 प्रतिशत की दर से कर लगने का प्रस्ताव करता हूं, इसमें किसी प्रकार के सूचीकरण का लाभ मान्य नहीं होगा. हालांकि, 31 जनवरी 2018 तक कि इस प्रकार के लाभ पर यह कर लागू नहीं होगा. वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि पहले साल में इस कर प्रस्ताव से सरकार को 20,000 करोड़ रुपये प्राप्त होंगे.
उसके बाद के सालों में यह राशि बढ़ सकती है. वर्तमान में खरीदने के एक साल के भीतर शेयरों की बिक्री से होने वाले पूंजीगत लाभ पर 15 प्रतिशत की दर से कर लगता है, लेकिन एक साल से ज्यादा अवधि के बाद शेयर बेचने से होने वाला पूंजीगत लाभ कर मुक्त रखा गया था. अब ताजा बजट प्रस्ताव के मुताबिक एक लाख रुपये से अधिक के दीर्घकालिक पूंजीगत लाभ पर 10 प्रतिशत कर देय होगा. बजट में हालांकि प्रतिभूति लेनदेन कर (एसटीटी) में कोई बदलाव नहीं किया गया है. शेयर बाजार में होने वाली सभी तरह की खरीद-फरोख्त पर एसटीटी लगता है.
अच्छे दिनों का मूड बने रहने दीजिए साहेब
एसटीटी और लांग टर्म कैपिटल गेन टैक्स में से एक ही रहना चाहिए
शशांक भारद्वाज
वीपी एंड रीजनल हेड, चॉइस ब्रोकिंग
जेटली साहब, माफ कीजियेगा,इस बार का आपका बजट जमा नहीं और अब तक के आपके सभी बजटों में ये सबसे कमज़ोर बजट ही माना जाएगा.
विशेष कर शेयर बाजार और कॉर्पोरेट सेक्टर के लिए तो ये निराशाजनक ही है. वर्षो से शेयर बाजार के प्रति उदासीन और आशंकित आम भारतीय हाल में शेयर बाज़ार की और आने लगा था.
म्यूच्यूअल फण्ड में भी उनका निवेश और विश्वास बढ़ने लगा था और विदेशी निवेशकों का लगभग एकछत्र अधिकार टूटने लगा था.
अभी विकसित राष्ट्रों की तुलना में अभी भी हमारा शेयर बाजार का मार्केट कैपिटलाइजेशन काफी कम है.
चूंकि शेयर बाजार के माध्यम से पूंजीकरण और पूंजी की उपलब्धता में सहूलियत होती है, इसलिए भारत जैसे देश जहां पूंजी की कमी है वहां शेयर बाजार को सतत प्रोत्साहन की जरूरत होती है. और जेटली सर, आपने तो लांग टर्म कैपिटल गेन पर टैक्स ही लगा दिया. अभी इससे बचा जाना चाहिये था और बचा भी जा सकता था. और ये तो तिहरा कराधान हो गया.
एक तो कंपनी अपने लाभ पर कर देती ही है और ये अप्रत्यक्ष रूप से निवेशकों पर ही भार है,साथ ही उन्हें हर ट्रांसेक्शन पर एसटीटी भी चुकानी पड़ती है.
और अब ये नया कर.
एसटीटी और लांग टर्म कैपिटल गेन टैक्स में से एक ही रहना चाहिए. अर्थव्यस्था के मोर्चे पर भी उसे सहारा देने के लिए बहुत कुछ नया नही है.
प्रत्यक्ष करो में कमी नही की गई. 40000 रुपये का स्टैंडर्ड डिडक्शन कुछ खास नही. टैक्स स्लैब में भी कोई राहत नही. इससे करदाता की जेब में कोई उल्लेखनीय बचत नही होगी और अर्थव्यस्था में खर्च नही बढ़ेगा. ग्रामीण अर्थव्यस्था पर विशेष ध्यान की कोशिश हुई है ,धन का आवंटन बढ़ा है पर इसके साथ अगर भारतीय कॉपोरेट जगत ,मध्य वर्ग औऱ वित्तीय बाजार की भी ध्यान रखा जाता तो देश अच्छे दिनों की तरफ औऱ मज़बूती से बढ़ता जेटली साहब.
1.48 लाख करोड़ रुपये रेल को,ग्रामीण इंफ्रास्ट्रक्चर को 14.43 लाख करोड़ रुपये, सभी को घर,हर घर को बिजली,स्वास्थ्य सुविधाओं का विस्तार, डिजिटलाइजेशन को बढ़ावा, 8 करोड़ रसोई गैस के कनेक्शन ,टेक्सटाइल सेक्टर को प्रोत्साहन, सड़कों के निर्माण के लिए बड़ी धनराशि आदि आदि से पीठ थापथपायी जा सकती है पर अर्थनीति के बजट पर राजनीति की छाप कुछ ज्यादा ही हावी दिखती है इस बार.
लांग टर्म कैपिटल गेन टैक्स के बाद ये मांग उठ रही हैं कि एसटीटी को हटा दिया जाए.अगर वित्त मंत्री इसे सुन और मान लेते हैं तो ये एक राहत भरी और अच्छी खबर होगी.
भारतीय शेयर बाजार ऐतिहासिक ऊंचाइयों के आस पास है और इसने नोट बंदी तथा जीएसटी जैसें कड़े कदमों को आत्मसात करने का साहस दिखाया है. ऐसे में हो सकता है कि कॉर्पोरेट टैक्स में कमी न होने और लांग टर्म कैपिटल गेन पर टैक्स को भी ये पचा जाये पर देश के वित्त मंत्री से उम्मीदें उम्मीदें सहज राह बनाने की ही होती है. चुनावी साल है और चुनावी मजबूरियां सबकी होती हैं.
पर अच्छे दिन पर ब्रेक न लगे, यही प्रार्थना है. आशा है कुछ चीजों पर कुछ पुनर्विचार होगा.
बाजार निराश
भारी उतार-चढ़ाव के बीच सेंसेक्स 58 अंक टूटा
मुंबई. मुंबई. सरकार द्वारा शेयरों पर पूंजीगत लाभ कर लगाने की घोषणा तथा राजकोषीय घाटा लक्ष्य से अधिक रहने के अनुमान से शेयर बाजारों में गुरुवार को जोरदार उतार-चढ़ाव रहा तथा सेंसेक्स 58 अंक टूट गया. दोपहर के कारोबार में बंबई शेयर बाजार का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स 460 अंक तक नीचे आ गया था. बाजार में भारी बिकवाली दबाव था, लेकिन कारोबार के अंतिम घंटे में घरेलू संस्थागत निवेशकों की लिवाली से इसका असर कम हो गया.
सेंसेक्स सकारात्मक रुख के साथ 36,048.99 अंक पर खुला और 36,256.83 अंक तक गया. बाद में यह 35,501.74 अंक के निचले स्तर तक आ गया. हालांकि, अंत में सेंसेक्स 58.36 अंक या 0.16 प्रतिशत के नुकसान से 35,906.66 अंक पर बंद हुआ. निफ्टी भी उतार-चढ़ाव के बीच 10.80 अंक या 0.10 प्रतिशत टूटकर 11,016.90 अंक पर बंद हुआ. कारोबार के दौरान यह 11,117.35 से 10,878.80 अंक के दायरे में रहा. वर्ष 2017 में बजट के दिन सेंसेक्स 485.68 अंक जबकि निफ्टी 155.10 अंक चढ़ा था. —
शेयर चढ़े : शीतल कूल, अवंती फूड्स, गोदरेज एग्रोवेट और फ्रेशट्राप फ्रूट्स, एलएंडटी, इंडसइंड बैंक, बजाज आटो, एशियन पेंट्स, आईटीसी लि., यस बैंक, हीरो मोटोकार्प, कोटक बैंक, टीसीएस, पावर ग्रिड, एचडीएफसी लि., अडाणी पोर्ट तथा हिंदुस्तान यूनिलीवर.
गिरावट : ओएनजीसी, सनफार्मा, डॉ रेड्डीज, एसबीआई, आईसीआईसीआई बैंक, रिलायंस इंडस्ट्रीज, टाटा स्टील, मारुति सुजुकी, कोल इंडिया, टाटा मोटर्स, विप्रो, एक्सिस बैंक, एनटीपीसी, एचडीएफसी बैंक, एक्सिस बैंक, इन्फोसिस और भारती एयरटेल
अंतरराष्ट्रीय वित्तीय सेवा केंद्र को टैक्स में छूट
अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय सेवा केन्द्र में कार्य करने वाले गैर-कॉरपोरेट कर प्रदाताओं पर 9 प्रतिशत का रियायती कर लगेगा, जो कॉरपोरेट पर लगने वाले न्यूनतम वैकल्पिक कर (एमएटी) के समान होगा.
बुनियादी उद्योग का दर्जा न मिलने से रियल्टी क्षेत्र निराश
मुंबई. रियल्टी क्षेत्र ने बजट में ढांचागत क्षेत्र पर जोर दिये जाने की सराहना की, लेकिन रियल्टी क्षेत्र को बुनियादी उद्योग का दर्जा नहीं दिये जाने पर निराशा जाहिर की. अनारॉक प्रॉपर्टी कंस्ल्टेंट्स के चेयरमैन अनुज पुरी ने कहा, ‘बजट लोक-लुभावन है तथा काफी सतर्कता बरती गयी है जबकि अभी संरचनात्मक बदलावों व नीतिगत सुधारों के कारण दबाव में चल रही अर्थव्यवस्था को उत्साहजनक प्रोत्साहन देने की जरूरत थी.’
जेएलएल इंडिया के मुख्य कार्यकारी अधिकारी एवं कंट्री हेड रमेश नैयर ने कहा कि बजट में रीयल एस्टेट क्षेत्र के लिए कोई घोषणा नहीं की गयी है. क्रेडाई-एमसीएचआई के अध्यक्ष मयुर शाह ने कहा, ‘अर्थव्यवस्था में सर्वाधिक योगदान देने वाले रियल्टी क्षेत्र को बुनियादी उद्योग का दर्जा दिया जाना वक्त की जरूरत थी.
कमेंट
डिजिटल इंडिया के बजट को 3073 करोड़ रुपये के साथ 2018-19 में दोगुना कर दिया गया है, जो सरकार के विजन और कमिटमेंट को दर्शाता है.
रविशंकर प्रसाद, केंद्रीय मंत्री
सरकार ने बांस की खेती और बांस उद्योग को बढ़ावा देने के लिए 1290 करोड़ की योजना बनायी है. इससे नॉर्थइस्ट के किसानों को काफी लाभ पहुंचेगा.
डॉ जितेंद्र सिंह, केंद्रीय राज्य मंत्री
मैं बजट में अप्रशिक्षित शिक्षकों को प्रशिक्षित करने और शिक्षा अनुसंधान के लिए 1 लाख करोड़ रुपये आवंटित करने का दिल से स्वागत करता हूं.
सरदार तरणजीत सिंह, एमडी, जेआइएस ग्रुप
प्रधानमंत्री उज्जवला योजना द्वारा मोदी सरकार ने आठ करोड़ बीपीएल महिलाओं को नये वित्तीय वर्ष में लाभ पहुंचाने का लक्ष्य रखा है.
धर्मेंद्र प्रधान, केंद्रीय पेट्रोलियम तथा प्राकृतिक गैस मंत्री
फ्लैश बैक
एफआइपीबी समाप्त, एफडीआइ और उदार होगा
सूचीबद्ध होंगे रेलवे के सार्वजनिक उपक्रम
एनपीएस को प्रोत्साहन देने की पहल
मसाला बांडों को और अधिक कर लाभ
एफडीआइ की अर्जी ऑनलाइन होगी
व्यपारियों के लिए कैशबैक का प्रस्ताव