ऐसे पता चला छिपे एनपीए का

मोदी सरकार जब सत्ता में आयी तब बैंकों का एनपीए 2.61 लाख करोड़ रुपये था, जो वर्ष 2017 सितंबर के आखिर में 8.4 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गया. एनपीए में यह वृद्धि इसलिए हुई, क्योंकि वर्ष 2015 में भारतीय रिजर्व बैंक ने बैंको पर दबाव बनाया कि वे छिपे हुए एनपीए को सामने लाएं. […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 11, 2018 12:55 AM

मोदी सरकार जब सत्ता में आयी तब बैंकों का एनपीए 2.61 लाख करोड़ रुपये था, जो वर्ष 2017 सितंबर के आखिर में 8.4 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गया. एनपीए में यह वृद्धि इसलिए हुई, क्योंकि वर्ष 2015 में भारतीय रिजर्व बैंक ने बैंको पर दबाव बनाया कि वे छिपे हुए एनपीए को सामने लाएं. वहीं सरकार ने दिवालिया काूनन बनाकर आरबीआई को इस समस्या से निबटने के लिए कड़े कदम उठाने की छूट दी. इसके अलावा, सरकार ने सरकारी बैंकों की पूंजी की कमी को दूर करने के लिए 2.11 लाख करोड़ रुपये की पुनर्पूंजीकरण योजना (रिकैपिटलाइजेशन प्लान) को भी कार्यरूप दिया.

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