सोने से पहले पैसे की तंगी जागी तो गोद में पड़े थे पैसे
5 उदारता आप किसी जरूरत में हों और कोई अनजान व्यक्ति बिना बताये आपकी मदद करके चला जाये, तब आप कैसा महसूस करेंगे? जाहिर है कि आप उसका शुक्रिया अदा करेंगे और जानने की कोशिश करेंगे कि कौन था वह. नेशनल कंटेंट सेल ली ड्स के बेकेट यूनिवर्सिटी की स्नातक छात्रा एला जोहानसन 27 जनवरी […]
5 उदारता
आप किसी जरूरत में हों और कोई अनजान व्यक्ति बिना बताये आपकी मदद करके चला जाये, तब आप कैसा महसूस करेंगे? जाहिर है कि आप उसका शुक्रिया अदा करेंगे और जानने की कोशिश करेंगे कि कौन था वह.
नेशनल कंटेंट सेल
ली ड्स के बेकेट यूनिवर्सिटी की स्नातक छात्रा एला जोहानसन 27 जनवरी को पीटरबोरो से लीड्स जा रही थी. लंदन किंग्स क्रॉस से उसने वर्जिन ईस्ट कोस्ट ट्रेन पकड़ा. अपनी सीट लेने के बाद उसने अपने किसी परिचित को फोन लगाया और बहुत दुखी होते हुए कहा कि उसके भेजे हुए 3,175 रुपये कहां चले गये, उसे याद नहीं आ रहा है. इस वजह से वह बेहद परेशान है और अब क्या करे उसे कुछ समझ नहीं आ रहा है. उसके सारे पैसे खत्म हो गये हैं और बीच रास्ते में किसी तरह से पैसों का इंतजाम नहीं किया जा सकता.
इतना कहकर उसने फोन काट दिया और सीट पर बैठे-बैठे ही सो गयी. कुछ देर बाद जब उसकी आंख खुली, तो उसने देखा कि उसकी गोद में एक रूमाल में कुछ लपेट कर रखा हुआ है. जब उसने इसे खोल कर देखा, तो उसके आश्चर्य का ठिकाना नहीं रहा. रूमाल में लगभग नौ हजार रुपये थे. उसने वहां बैठे लोगों से इसके बारे में बहुत पूछताछ की, लेकिन उसे कोई जवाब नहीं मिला.
तभी एक आदमी ने बताया कि जब वह फोन पर बात कर रही थी, तो वहां बैठे एक अजनबी ने उसकी सारी बातें सुन ली थीं. उतरने से पहले उसने अपने पॉकेट से कुछ रुपये निकाले और अपने रूमाल में लपेटकर उसकी गोद में रख दिया और चुपचाप ट्रेन से उतरकर चला गया. काफी पूछताछ करने के बाद भी वह आदमी उस अजनबी का हुलिया बताने में असमर्थ रहा.
किसी अजनबी द्वारा इस तरह मदद किये जाने से एला भाव-विभोर हो गयी और मन-ही-मन उस अजनबी का शुक्रिया अदा करने लगी. साथ ही पूरी घटना का विवरण फेसबुक पर शेयर किया. उसने लिखा कि आज भी दुनिया में इंसानियत जिंदा है और मदद करने वाले उस भले इंसान को जितना भी धन्यवाद कहा जाये, कम होगा.
फेसबुक पर दयालुता की यह कहानी काफी पसंद की जाने लगी. लगभग 5,100 लोगों ने इसे शेयर किया. कुछ ने लोगों को मानवता पर फिर से भरोसा करने की बात कही तो एक ने कर्म का फल मिलने की बात कही.