तकनीक और इनोवेशन के जरिये खेती की तसवीर बदल रहे ये स्मार्टफोन एप्स!

भारत में एक बड़ी आबादी की जीविका अब भी मुख्य रूप से खेती पर निर्भर है. इस बड़ी आबादी के लिए खेती न केवल जीविकोपार्जन का मुख्य स्रोत है, बल्कि देश की जीडीपी यानी सकल घरेलू उत्पाद में इसकी सबसे अधिक हिस्सेदारी भी है. हालांकि, देश में खेती सेक्टर में तकनीक और इनोवेशन के अभाव […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 21, 2018 5:44 AM
भारत में एक बड़ी आबादी की जीविका अब भी मुख्य रूप से खेती पर निर्भर है. इस बड़ी आबादी के लिए खेती न केवल जीविकोपार्जन का मुख्य स्रोत है, बल्कि देश की जीडीपी यानी सकल घरेलू उत्पाद में इसकी सबसे अधिक हिस्सेदारी भी है. हालांकि, देश में खेती सेक्टर में तकनीक और इनोवेशन के अभाव के कारण व्यापक पैमाने पर किसान इससे मुंह मोड़ रहे हैं.
इस हालात को बदलने के लिए मेकेनाइजेशन पर जोर दिया जा रहा है. मोबाइल फोन से जुड़ी तकनीकों के जरिये किसानों की मदद के मकसद से कुछ स्टार्टअप्स इनोवेटिक तरीके विकसित कर रहे हैं. आज के इन्फो टेक में जानते हैं कुछ ऐसे ही भारतीय स्टार्टअप्स द्वारा किसानों के लिए विकसित किये गये मोबाइल एप्स के बारे में, जो इनोवेटिव तरीकों से भारतीय खेती में क्रांतिकारी बदलाव लाने की मुहिम में जुटे हैं…
नापंता
नापंता यानी एनएपीएएनटीए एक एग्रीटेक स्टार्टअप है, जो अपने यूजर्स यानी किसानों को मोबाइल एप्लीकेशन के जरिये मुफ्त में अनेक प्रकार की सेवाएं मुहैया कराता है. इसके संस्थापक नवीन कुमार वी ने इसे किसानों को संगठित तरीके से बीजों, खादों, कीटनाशकों और खेती संबंधी अन्य जरूरत की चीजों को खरीदने के मकसद से बनाया है. इसके जरिये किसान कम-से-कम कीमत पर खेती के साधन खरीद-बेच सकते हैं या किराये पर ले-दे सकते हैं.
साथ ही इस एप को एक ऐसे बाजार की तरह विकसित किया गया है, जिसमें किसानों को अपनी उपज को बेचने के लिए बिचौलिये की जरूरत नहीं होगी. इसके इस्तेमाल से किसान रोजाना का बाजार भाव रीयल-टाइम में जान सकते हैं. इसमें देशभर के 3,500 से अधिक बाजारों और 300 से अधिक खेती के उत्पादों की रोजाना की कीमत दर्शायी जाती है. साथ ही, तीन सालों की कीमत का ट्रेंड क्या रहा है, इसकी जानकारी भी मुहैया करायी जाती है.
क्रॉप मैनेजमेंट स्किल्स, पेस्टीसाइड्स, इनसेक्टिसाइड्स, आगामी पांच दिनों के मौसम का पुर्वानुमान, मिट्टी जांच की प्रयोगशाला, फसल बीमा, कोल्ड स्टोरेज समेत खेती से संबंधित अनेक प्रकार की जानकारी इस एप के जरिये किसानों को दी जाती है. इस एप की एक बड़ी खासियत यह है कि इसे इंटरनेट के बिना भी संचालित किया सकता है. फिलहाल इसका दायरा आंध्र प्रदेश और तेलंगाना की भाषाओं तक ही है, लेकिन जल्द ही इसे हिंदी में भी लॉन्च करने की तैयारी है.
मंडी ट्रेड्स
यह बेंगलुरु आधारित एक स्टार्टअप है. एप के जरिये यह स्टार्टअप किसानों को अपने उत्पादों को सीधे डीलर्स को बेचने में मदद करता है. इससे ज्यादा दूरी तक अनाज को ढोने से होने वाले नुकसान को तो बचाया ही जा रहा है, साथ ही ट्रांसपोर्टेशन की लागत भी कम होती है.
एडविन वर्गीज ने इस एग्री बिजनेस की स्थापना की है, जो खास तकनीकों और विशेषज्ञता के जरिये ज्यादा स्मार्ट तरीके से उपभोक्ताओं तक कम-से-कम कीमत में अनाज की आपूर्ति करने में सहायक होता है. इस एप के जरिये स्मार्टफोन से किसान अपने अनाज की विस्तृत जानकारी को सीधे पोस्ट कर सकते हैं. यह जानकारी स्थानीय तौर पर मौजूद खरीदारों और कारोबारियों तक पहुंचती है.
रेनबो एग्री एप
रेनबो एग्री एप को ग्रीनो टेक सोलुशंस ने विकसित किया है. यह किसानों के लिए खेती संबंधी विविध पदार्थों को खरीदने में सहायक है. इस स्टार्टअप का मिशन है कि किसान को उसके उत्पाद का ग्राहक महज दो मिनट में तलाश कर मुहैया कराया जाये. इस एप के जरिये किसान ये कार्य कर सकते हैं :
-अपने उत्पादों को सूचीबद्ध करना और जिस कीमत पर आप उसे बेचना चाहते हैं उसे दर्शाना
-अपने उत्पाद के बारे में विस्तार से विवरण लिख सकते हैं
-संभावित खरीदारों या बेचनेवालों की सूची देख सकते हैं
-यदि आपके प्रोडक्ट के बारे में कोई दिलचस्पी लेता है, तो उसकी सूचना आप तक पहुंचाना.
एग्रीएप
एग्रीएप किसानों की सुविधा के लिए विकसित किया गया एप है, जो आईटी, आईसीटी और आईओटी आधारित तकनीकों के जरिये उनकी विविध तरीकों से मदद करता है. यह किसानों के लिए मददगार होने के साथ अर्थव्यवस्था और इकोलॉजी के समग्र फायदे को बढ़ावा देने हेतु खेती के लिए एक मजबूत तंत्र को विकसित करने में व्यापक योगदान दे रहा है.
एक क्लिक के जरिये यह किसानों को सभी प्रकार के एप तक पहुंच मुहैया कराता है. इसके अलावा, प्रत्येक फसल के बारे में खास जानकारी देता है. किसानों को व्यापक तरीके की जानकारी को अपडेट रखने वाला यह एप फिलहाल अंग्रेजी ओर कुछ अन्य क्षेत्रीय भाषाओं में उपलब्ध है. यह एप किसानों को डिजिटल तौर पर ज्यादा मजबूत बना रहा है. इसे फाइबर, फर्टीलाइजर, ईंधन और भोजन की चुनौतियों का समग्र समाधान करने के रूप में समझा जा रहा है.

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