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जरूरत से ज्यादा पानी पीना भी सेहत के लिए है नुकसानदेह, जानें कैसे, और कितना पीना चाहिए प्रतिदिन
चिलचिलाती गरमी का मौसम आ चुका है. ऐसे में कई लोग मानते हैं कि डिहाइड्रेट रहने के लिए शरीर में पानी की मात्रा बढ़ा देनी चाहिए. वैसे भी आम धारणा है कि ज्यादा हमेशा अच्छा होता है, मगर हकीकत कुछ और ही है. किसी भी चीज की अति सही नहीं होती. कम पानी पीने से […]
चिलचिलाती गरमी का मौसम आ चुका है. ऐसे में कई लोग मानते हैं कि डिहाइड्रेट रहने के लिए शरीर में पानी की मात्रा बढ़ा देनी चाहिए. वैसे भी आम धारणा है कि ज्यादा हमेशा अच्छा होता है, मगर हकीकत कुछ और ही है.
किसी भी चीज की अति सही नहीं होती. कम पानी पीने से जहां शरीर में डिहाइड्रेशन की समस्या हो जाती है, वहीं ज्यादा पीने के नुकसान भी हो सकते हैं. ऐसे में आम सवाल है कि आखिर एक व्यक्ति को रोज कितना पानी पीना चाहिए? किसी का मानना है कि 4 से 5 लीटर, तो कोई 8 गिलास पानी रोज पीने के नियम को अपनाता है.
विशेषज्ञों की मानें, तो हमारे शरीर में पानी की आवश्यकता लिंग, उम्र, जीवनशैली, वातावरण और हमारे स्वास्थ्य जैसे विभिन्न कारकों पर यह निर्भर करती है. एक सक्रिय व स्वस्थ व्यक्ति जिसका वजन 70 किलो हो, उसे रोज औसतन 4-5 लीटर पानी पीना चाहिए. वहीं बहुत ज्यादा शारीरिक श्रम करनेवालों की जरूरत इससे ज्यादा भी हो सकती है.
जबकि अपेक्षाकृत जो लोग एयरकंडीशन में रहते हैं, उन्हें पानी तभी पीना चाहिए जब प्यास लगी हो. उनके लिए 2.5 लीटर पानी भी ज्यादा है, क्योंकि ऐसे वातावरण में यह अंतत: आपके गुर्दों में इकट्ठा हो जायेगा और एडीमा का कारण बनेगा. नियम तो यह कहता है कि आपको पानी उसी अनुपात में पीना चाहिए, जितनी आपमें नमक की खपत हो. अगर आप रोज 5 से 7 ग्राम नमक लेते हैं, तो आपकी शारीरिक जरूरत 5 से 7 लीटर पानी की हो सकती है.
कितना पानी पीना है सही
आमतौर पर गर्म देशों में गर्मियों के दौरान शरीर से काफी पसीना निकलता है. तापमान बहुत ज्यादा हो और काफी पसीना आये तो ढाई से तीन लीटर पानी पीना चाहिए. हालांकि ग्लोबल वार्मिंग और मोटापा ने हमारे शरीर में पानी की मांग को बदल दिया है.
20 वर्ष पहले एक स्वस्थ वयस्क को, जिसका वजन 65-70 किलो हो, उसकी जरूरत गर्मी के दिनों में 3-4 लीटर और 2-3 लीटर पानी सर्दी में हुआ करती थी, मगर आजकल लोगों के खान-पान में बदलाव आया है. साथ ही पानी का सेवन कम हो गया है. पानी पीने का अर्थ सिर्फ सामान्य जल पीना ही नहीं, बल्कि उस मात्रा से भी है, जिसे हम समग्र रूप में रोज विभिन्न चीजों से प्राप्त करते हैं, जैसे- फल, सब्जियां, दूध, सूप आदि.
ज्यादा पानी पीने के नुकसान
2. ज्यादा पानी रक्त के घनत्व को बढ़ा देता है, जिससे दिल को रक्त पंप करने में दबाव पड़ता है. खास कर जिन मरीजों की बाय-पास सर्जरी हुई है, उन्हें कम पानी पीने की सलाह दी जाती है.
4. शरीर के लिए पोटैशियम एक आवश्यक पोषक तत्व है और इसका शरीर में उचित स्तर बनाये रखना जरूरी है. लेकिन कभी-कभी अधिक पानी पोटैशियम की स्थिति को बिगाड़ सकता है. इससे सीने में दर्द, पैर में दर्द आदि जैसी समस्याएं हो सकती हैं.
5. जरूरत से ज्यादा पानी हमारे शरीर की पाचन प्रक्रिया को बिगाड़ सकता है, इससे खाना देरी से पचने लगता है. इस वजह से पेट से संबंधित रोग होने की संभावना रहती है.
वाटर गाइड
सोकर उठने के बाद 2 से 4 गिलास पानी (करीब 800 एमएल) अवश्य पीएं.
यदि आप वातानुकूलित वातावरण में काम करते हैं और आपकी जीवनशैली अस्त-व्यस्त है, तो प्रतिदिन 2 से 2.5 लीटर पानी से अधिक का सेवन न करें.
सेल्स पर्सन या फील्ड में कार्य करनेवाले लोग या अत्यधिक शारीरिक श्रम करनेवाले 3 लीटर पानी का सेवन रोज करें.
यह भी जरूरी है कि पानी की खपत को मौसम में परिवर्तन के अनुसार बदल देना चाहिए.
खाने के आधा घंटा बाद पानी पीना स्वास्थ्य के लिहाज से अच्छा है. पानी गुनगुना या सामान्य तापमान में ही लें. ठंडा पानी पीने से शरीर के कुछ अंगों में रक्त नहीं पहुंचता.
एक बार में ज्यादा पानी न पीएं, बल्कि चाय की तरह घूंट-घूंट करके पीएं.
मूत्र का रंग पीला हो, तो पानी की जरूरत
अनुश्री मंडल
असिस्टेंट डाइटीशियन, टाटा मेन हॉस्पिटल, जमशेदपुर
पानी की जरूरत जानने का आम तरीका है कि जब प्यास लगे तब पानी पीएं. मगर एक डायबिटीज मरीज को तब भी प्यास लग सकती है, जब उसके शरीर को पानी की जरूरत न हो.
वहीं कुछ विशेषज्ञ बताते हैं कि जब प्यास लगती है तब तक आप डिहाइड्रेट हो चुके होते हैं, इसलिए जरूरी है कि इससे पहले ही पानी पी लिया जाये, ताकि ऐसी नौबत ही न आये. वहीं कुछ यह भी बताते हैं कि यूरिन बेस्ट इंडीकेटर है. यह साफ-रंगरहित हो, तो संकेत है कि आप बिल्कुल हाइड्रेट हैं और अभी पानी की जरूरत नहीं.
अगर मूत्र का रंग पीला हो, तो समझें कि शरीर को पानी की जरूरत है. मगर किसी डायबिटीज रोगी के केस में, जिसका किडनी बिल्कुल स्वस्थ हो, तो उसके लिए अत्यधिक पानी पीना फायदेमंद है, क्योंकि फ्रीक्वेंट यूरिनेशन के जरिये उसे प्राकृतिक रूप से शूगर लेवल कम करने में मदद मिलती है. वहीं जिन लोगों को ज्यादा नमक लेने की मनाही है, उन्हें अपने डॉक्टर से मिल कर चेकअप कराना चाहिए और इस बारे में सही राय लेनी चाहिए.
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