पांच वर्षों में पूरी तरह बदल जायेगा स्मार्टफोन
आगामी पांच वर्षों में यानी 2023 तक स्मार्टफोन की दुनिया बिल्कुल बदल जायेगी. इसमें आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस एप्लीकेशंस का योगदान सर्वाधिक होगा. ‘डेलॉइट ग्लोबल’ की एक रिपोर्ट में अनुमान व्यक्त किया गया है कि वर्ष 2023 के आखिर तक विकसित देशों में युवाओं के बीच स्मार्टफोन का विस्तार 90 फीसदी तक हो जायेगा और स्मार्टफोन की […]
आगामी पांच वर्षों में यानी 2023 तक स्मार्टफोन की दुनिया बिल्कुल बदल जायेगी. इसमें आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस एप्लीकेशंस का योगदान सर्वाधिक होगा.
‘डेलॉइट ग्लोबल’ की एक रिपोर्ट में अनुमान व्यक्त किया गया है कि वर्ष 2023 के आखिर तक विकसित देशों में युवाओं के बीच स्मार्टफोन का विस्तार 90 फीसदी तक हो जायेगा और स्मार्टफोन की बिक्री सालाना 1.85 अरब तक पहुंच जायेगी. इसका बड़ा कारण होगा कि दुनियाभर में बुजुर्ग लोग भी तब तक इसे अपना चुके होंगे. किस तरह से बदल जायेगी स्मार्टफोन की दुनिया तब तक,बताने का प्रयास कर रहा है आज का इन्फो टेक पेज …
स्मार्टफोन की उपयोगिता दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही है. इससे जुड़ी हर चीज बदल रही है. स्मार्टफोन की दुनिया अब भुगतान करने और फोटो-वीडियो बनाने से कहीं आगे निकल चुकी है. अनेक चीजों के इसमें जुड़ने से इसकी खासियत बढ़ रही है. रिपोर्ट के मुताबिक, विकसित देशों में वर्ष 2023 तक 55 से 75 वर्ष की उम्र के करीब 85 फीसदी लोग इसे अपनायेंगे.
इस्तेमाल की आवृत्ति में व्यापक बढ़ोतरी
अनुमान है कि उस समय लोग दिनभर में औसतन 65 बार अपने मोबाइल फोन से इंटरेक्ट होंगे. इसका कारण होगा कि उस समय फोन का इस्तेमाल मौजूदा समय में फोटोग्राफी और भुगतान सरीखे कारणों के मुकाबले कहीं अधिक चीजों के लिए किया जायेगा.
मौजूदा समय में दुनियाभर में बतौर डिवाइस स्मार्टफोन का इस्तेमाल 90 फीसदी लोग तकरीबन रोजाना ही करते हैं. वर्ष 2023 तक रोजाना स्मार्टफोन का इस्तेमाल करने वालों की संख्या 96 फीसदी तक पहुंच जायेगी. इसमें उल्लेखनीय यह है कि किसी भी अन्य डिजिटल डिवाइस के मुकाबले स्मार्टफोन का इस्तेमाल दुनियाभर में सबसे ज्यादा होगा. और यही कारण होगा कि इसकी बिक्री भी सर्वाधिक होगी. साथ ही स्मार्टफोन के इस्तेमाल की आवृत्ति में भी व्यापक बढ़ोतरी होगी.
650 अरब डॉलर का बाजार
वर्ष 2023 में स्मार्टफोन के लिए औसत बिक्री मूल्य 350 डॉलर तक रहने का अनुमान व्यक्त किया गया है. यानी इसका बाजार 650 अरब डॉलर से अधिक हो जायेगा. वर्ष 2016 के मुकाबले 2017 में स्मार्टफोन के वैश्विक कारोबार में 10 फीसदी की बढ़ोतरी हुई, जो 434 अरब डॉलर से बढ़ कर 478 डॉलर तक पहुंच गया.
अपनी प्राथमिकता को रखेगा बरकरार
डिजिटल सेवाओं और कंटेंट तक पहुंचने के लिए स्मार्टफोन अपनी प्राथमिकता को बरकरार रखेगा. जबकि वर्ष 2023 में स्मार्टफोन आज के मुकाबले बिलकुल भिन्न होंगे. महज पांच-छह इंच के हाई-डेफिनेशन रेक्टेंगुलर टच स्क्रीन फीचर वाले स्मार्टफोन में कम से कम दो कैमरे होंगे.
लिथियम-आयन बैटरी
इसका वजन महज 130 से 200 ग्राम के बीच होगा. बैटरी लिथियम-आयन की क्षमता वाली होगी, जो आज के मुकाबले बहुत अधिक होगी.
डेडिकेटेड एआई चिप्स बन सकते हैं मानक
वर्ष 2023 तक स्मार्टफोन के लिए खास आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस चिप्स एक मानक बन जायेंगे. इनके जरिये मशीन-लर्निंग एप्लीकेशंस को मदद मुहैया करायी जायेगी और मेन सीपीयू का लोड कम होगा. अंगुलियों को पढ़ने के लिहाज से यह मानक बन चुका होगा.
उन्नत सॉफ्टवेयर से होगा सुधार
उन्नत सॉफ्टवेयर के मिश्रण से आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस अपने रूट्स पर बेहतर तरीके से चीजों काे डिलीवर करने में सक्षम होगा. साथ ही इसे ऑगमेंटेड रियलिटी को भी जोड़ा जायेगा. इससे इसकी उपयोगित और बढ़ सकती है.
इनोवेशन पर टिकी होगी कामयाबी
आज से पांच वर्ष बाद स्मार्टफोन लोगों के लिए कितना ज्यादा उपयोगी होगा, यह इस बात पर भी निर्भर होगा कि यूजर्स के लिए यह कितना अधिक इनोवेटिव तरीके से डिजाइन किया जायेगा.
फेशियल रिकॉग्निशन
विशेषज्ञों ने उम्मीद जतायी है कि फेशियल रिकॉग्निशन आधारित स्मार्टफोन इस दिशा में नयी क्रांति को अंजाम दे सकते हैं. इससे मोबाइल में मैप और फोटो ज्यादा स्पष्ट तरीके से देखे जा सकेंगे. साथ ही मोबाइल सिक्योरिटी के लिहाज से भी यह अहम साबित होगा.
जीपीएस होगा ज्यादा सटीक
मौजूदा समय में जीपीएस की सटीकता करीब पांच मीटर है. उम्मीद जतायी गयी है कि उस समय यह बढ़ कर 30 सेंटीमीटर तक हो जायेगी.
128 जीबी तक हो सकता है स्टोरेज
आज स्मार्टफोन में रैम की क्षमता औसतन दो जीबी से 16 जीबी के बीच है. वर्ष 2023 में इसकी स्टोरेज क्षमता 128 जीबी तक हो जायेगी.
चाभी और कार्ड का विकल्प
विविध प्रकार की चाभियों और ऑफिस एंट्री समेत अनेक संबंधित चीजों का विकल्प भी बन सकता है स्मार्टफोन. साथ ही, डेबिट और क्रेडिट कार्ड की जरूरत को भी यह खत्म कर देगा. घरों और ऑफिस से लेकर होटल के कमरों, बसों, ट्रेन आदि में फिजिकल और डिजिटल माहौल में प्रवेश करने के अलावा कॉरपोरेट इंफोर्मेशन सिस्टम व बैंकिंग साइट्स के लिए यह प्रमाण के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है.
मशीन लर्निंग का वर्चस्व
विकसित देशों में करीब दो-तिहाई वयस्क स्मार्टफोन धारक मशीन लर्निंग आधारित कम से कम एक एप्लीकेशन का इस्तेमाल जरूर करते हैं. पांच साल बाद यह प्रत्येक स्मार्टफोन में मानक बन चुका होगा.