बढ़ेगी इंटरनेट स्पीड, भारत में 5जी का सफल परीक्षण, लॉन्च की तैयारी

बीते माह भारत समेत दुनिया के अन्य कई इलाकों में 5जी के सफल परीक्षण पूरा होने के बाद स्मार्टफोन बनानेवाली व नेटवर्क मुहैया कराने वाली कंपनियों ने सालभर के भीतर इसे आम लोगों तक पहुंचाने की घोषणा की है. इससे स्मार्टफोन को एक नयी रफ्तार मिलेगी, जिससे अनेक काम अब महज कुछ सेकेंड में हो […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 25, 2018 6:02 AM
an image
बीते माह भारत समेत दुनिया के अन्य कई इलाकों में 5जी के सफल परीक्षण पूरा होने के बाद स्मार्टफोन बनानेवाली व नेटवर्क मुहैया कराने वाली कंपनियों ने सालभर के भीतर इसे आम लोगों तक पहुंचाने की घोषणा की है.
इससे स्मार्टफोन को एक नयी रफ्तार मिलेगी, जिससे अनेक काम अब महज कुछ सेकेंड में हो जायेंगे. क्या और कैसे बदलाव होगा 5जी के जरिये और इससे संबंधित अनेक पहलुओं के बारे में बता रहा है आज का इन्फो टेक पेज …
दुनिया की अगुआ स्मार्टफोन निर्माता कंपनी हुआवेई ने हाल ही में यह घोषणा की है कि वह अगले साल यानी 2019 तक 5जी स्मार्टफोन लॉन्च करेगा. हाल ही में चीन के शेनझेन में आयोजित ग्लोब एनालिस्ट समिट में यह जानकारी दी गयी है. कंपनी के रोटेटिंग चेयरमैन एरिक जू ने यह भी घोषणा की है कि वर्ष 2018 के आखिर तक इस संबंध में अनेक दिक्कतों को दूर कर लिया जायेगा.
अगले वर्ष तक वीवो और क्वालकॉम भी 5जी स्मार्टफोन तकनीक को लॉन्च करने की तैयारी में जुटे हैं. इसके लिए क्वालकॉम ने शाओमी, नोकिया के लाइसेंस वाली एचएमडी ग्लोबल, सोनी, एलजी, एचटीसी और ओप्पो जैसी कंपनियों से साझेदारी की है. एरिक जू का कहना है कि 5जी तकनीक को विकसित करने के लिए उनकी कंपनी भरपूर निवेश कर रही है और इस लक्ष्य को जल्द हासिल किया जा सकता है.
उनका कहना है कि 4जी का ढांचा पुराना हो चुका है, लिहाजा सघन आबादी वाले इलाकों में बढ़ती बैंडविड्थ की मांग पूरी करने में दिक्कत हो रही है. ऐसे में सबसे पहले इन्हीं क्षेत्रों में 5जी लॉन्च की जायेगी. इसके लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस जैसी तकनीक की मदद ली जायेगी, जो वैश्विक स्तर पर इसका नेटवर्क सुधारने में मददगार साबित होंगे.
भारत में 5जी का सफल परीक्षण
चीन की टेक्नोलॉजी कंपनी हुआवेई और भारत की सबसे बड़ी टेलिकॉम कंपनी एयरटेल ने दो माह पहले ही यानी फरवरी के आखिर में 5जी नेटवर्क के सफल परीक्षण की घोषणा कर दी थी. एयरटेल ने दिल्ली के पास यह परीक्षण किया था. भारती एयरटेल के डायरेक्टर ने कहा था कि हम 5जी इंटेरोपेराबिलिटी और विकास परीक्षण (आईओडीटी) और भागीदारी की तरफ तेजी से बढ़ रहे हैं.
भारत में एक मजबूत 5जी सिस्टम विकसित करने के लिए अपने भागीदारों के साथ मिलकर काम करने की उन्होंने उम्मीद जतायी थी. कंपनी ने दावा किया कि परीक्षण के दौरान 5जी सर्विस की इंटरनेट स्पीड तीन जीबीपीएस से अधिक रही. यह 3.5 गीगाहर्ट्ज बैंड पर 100 मेगाहर्ट्ज बैंडविथ के साथ हासिल की गयी, जो इसकी अधिकतम स्पीड है, और जिसकी एंड-टू-एंड नेटवर्क लेटेंसी करीब एक मिलीसेकेंड रही.
एरिक्सन भी आगे
दुनिया की प्रमुख टेलिकॉम कंपनी एरिक्सन ने भी पहली बार 5जी तकनीक का एंड-टू-एंड प्रदर्शन किया. इसमें पाया गया कि महज तीन मिली सेकेंड में इसकी स्पीड 5.7 गीगा बाइट प्रति सेकेंड तक पहुंच सकती है. एरिक्सन की एक स्टडी रिपोर्ट में यह दावा किया गया है कि 5जी तकनीक में भारतीय दूरसंचार सेवा प्रदाताओं के लिए वर्ष 2026 तक 27.3 अरब राजस्व पैदा करने की क्षमता है.
एक सेकेंड में डाउनलोड होगी 800 एमबी की फाइल
5जी आधारित स्मार्टफोन के जरिये महज एक सेकेंड में 800 एमबी तक की फाइल को डाउनलोड किया जा सकेगा. लेटेस्ट टेक्नोलॉजी 4जी के जरिये इतनी ही एमबी की फाइल को डाउनलोड करने में करीब 40 सेकेंड का वक्त लगता है. यानी 4जी के मुकाबले 5जी तकनीक 40 गुना ज्यादा तेज होगी.
दो सेकेंड में मूवी डाउनलोड
सामान्य हिंदी मूवी करीब 1,500 एमबी की होती है. 5जी के जरिये यूजर्स इसे महज दो सेकेंड में डाउनलोड करने में सक्षम हो पायेंगे. फिलहाल इसके लिए कम-से-कम 40 सेकेंड का समय लगता है.
2025 तक 1.1 बिलियन 5जी कनेक्शन
हुआवेई का अनुमान है कि वर्ष 2025 तक दुनियाभर में 5जी कनेक्शन की संख्या 1.1 अरब से अधिक हो जायेगी. इसके अलावा, 20 करोड़ से अधिक वाहन 5जी से जुड़ जायेंगे.
क्या है 5जी
सेलुलर टेक्नोलॉजी का नवीनतम प्रारूप है 5जी, जो वायरलेस नेटवर्क की स्पीड और रेस्पोन्सिवनेस यानी प्रभाव्यता को बहुत हद तक बढ़ाता है. 5जी के माध्यम से वायरलेस ब्रॉडबैंड कनेक्शन से डाटा ट्रांसमिट की स्पीड को 20 जीबीपीएस तक उच्च रूप से बढ़ाया जा सकता है.
यह अधिक उपलब्ध बैंडविड्थ और एडवांस एंटीना टेक्नोलॉजी के कारण वायरलेस सिस्टम पर प्रसारित डेटा की मात्रा में तेजी से बढ़ोतरी करने में भी सक्षम हो सकेगा. स्पीड, कैपेसिटी और लेटेंसी में सुधार के अलावा, 5जी नेटवर्क मैनेजमेंट फीचर्स को आसान नेटवर्क मुहैया कराता है, जो मोबाइल ऑपरेटरों को एक फिजिकल 5जी नेटवर्क के भीतर कई वर्चुअल नेटवर्क बनाने की मंजूरी देता है. खास इस्तेमाल की चीजों को सपोर्ट करने के लिए यह क्षमता वायरलेस नेटवर्क संपर्क मुहैया कराता है.
इसके जरिये किसी होम अप्लायंस को भी जोड़ा जा सकता है, लेकिन इससे स्पीड कम हाे सकती है. 5जी से विभिन्न नये एप्लीकेशंस, उपयोगों और कारोबारी माैकों के पैदा होने की व्यापक उम्मीद है.
कैसे काम करता है यह
सेल साइटों से बने वायरलेस नेटवर्क उन क्षेत्रों में विभाजित होते हैं, जो रेडियो तरंगों के माध्यम से डेटा भेजते हैं. फोर्थ-जेनरेशन लॉन्ग टर्म इवोलुशन (एलटीई) वायरलेस टेक्नोलॉजी 5जी को नींव मुहैया कराती है.
4जी में जहां लंबी दूरी पर संकेतों को भेजने के लिए बड़े, उच्च-शक्ति वाले सेल टावरों की जरूरत होती है, वहीं 5जी वायरलेस सिग्नल मकान की छतों पर छोटे सेल स्टेशन के जरिये प्रसारित किया जा सकता है. इसमें विविध प्रकार के छोटे सेल्स का इस्तेमाल इसलिए जरूरी है, क्योंकि उच्च स्पीड के लिए मिलीमीटर वेव स्पेक्ट्रम – 30 गीगाहर्ट्ज से 300 गीगाहर्ट्ज तक स्पेक्ट्रम बैंड 5जी पर निर्भर होगा.
जल्द ही 5जी का समय आ रहा है, और हम इस बात को लेकर आश्वस्त हैं कि दुनिया में 5जी लॉन्चिंग के मामले में भारत पीछे नहीं रहेगा. वैश्विक समयसीमा के भीतर ही इसे भारत में भी लॉन्च किया जायेगा.
– जय चेन, सीईओ, हुआवेई इंडिया
Exit mobile version