यूं बन सकती हैं आप हर दिल अजीज

कुछ लोग ऐसे होते हैं, जिनसे हम केवल एक बार मिलते हैं, लेकिन इसके बावजूद वे हमारे मन-मस्तिष्क पर एक अमिट छाप छोड़ जाते हैं. हम यह सोचने पर मजबूर हो जाते हैं कि आखिर ऐसा क्या खास है उनकी पर्सनैलिटी में, जो हममें नहीं है. जानिए वे बातें, जिन्हें अपना कर आप भी बन […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 2, 2018 7:16 AM
कुछ लोग ऐसे होते हैं, जिनसे हम केवल एक बार मिलते हैं, लेकिन इसके बावजूद वे हमारे मन-मस्तिष्क पर एक अमिट छाप छोड़ जाते हैं. हम यह सोचने पर मजबूर हो जाते हैं कि आखिर ऐसा क्या खास है उनकी पर्सनैलिटी में, जो हममें नहीं है. जानिए वे बातें, जिन्हें अपना कर आप भी बन सकती हैं हर दिल अजीज.
नेचुरल व्यवहार करें :
आप अगर गौर करें, तो पायेंगी कि ऐसे लोग चाहे जिससे भी मिले, बिल्कुल बिंदास होकर मिलते हैं और बतियाते हैं. उन्हें इस बात की फिक्र नहीं होती कि लोग उनके बारे में क्या सोचेंगे. उनकी इस सोच की वजह होती है
उनका सेल्फ कॉन्फिडेंस और उनका एडिट्यूट. दरअसल लोगों से नेचुरल व्यवहार करने पर सामनेवाले व्यक्ति को आप अपने में से ही एक महसूस होते हैं और वह भी आपको उसी के अनुरूप रेस्पॉन्स भी देता है. ज्यादा फॉर्मैलिटी निभाने या अकड़ दिखाने से आपका रिश्ता बस हाय-हैलो तक सीमित होकर ही रह जाता है.
कोई धारणा न बनाएं :
हम जब भी किसी से पहली बार मिलते हैं, तभी अपने मन में उस व्यक्ति के बारे में एक निश्चत धारणा बना लेते हैं. ये धारणाएं पॉजिटिव, निगेटिव या फिर न्यूट्रल भी हो सकती है.
हम जैसी धारणा बना लेंगे, हमारा व्यवहार भी उसके अनुरूप ही होगा और यह इंसान का स्वभाव होता है कि वह हमेशा खुद को बेहतर साबित करना चाहता है, तो जाहिर-सी बात है सामनेवाले की पर्सनैलिटी में वह निगेटिव चीजों को ही ढूंढेगा. इसलिए बेहतर होगा कि आप जब भी किसी से मिले, तो अपने दिमाग के पूर्वाग्रहों को परे रख कर मिलें और लोगों में अच्छाईयां ढूंढने की कोशिश करें. अच्छाई ढूढेंगी, तो सब अच्छा ही दिखेगा.
खुल कर प्रशंसा करना सीखिए :
जब भी किसी व्यक्ति की कोई चीज पसंद आये, तो खुल कर उसकी प्रशंसा करें. इसमें कंजूसी न बरतें. मनोवैज्ञानिकों के अनुसार प्रशंसा करने और प्रशंसा सुनने दोनों से ही हमारे मस्तिष्क में पॉजिटिव एनर्जी सर्कुलेट होती है. इससे हमारा चित एवं मन प्रसन्न होता है. हम अपने कामों में बेहतर परफॉर्म कर पाते हैं और इसमें कोई शक नहीं कि इससे आपसी संबंध भी मजबूत होते हैं. बस ध्यान रखें कि बड़ाई की ओवरलोडिंग न होने पाये. सामनेवाले को ऐसा न लगे कि आप अपना मतलब निकालने के लिए उसकी चापलूसी कर रही हैं.
माफ करना और माफी मांगना सीखें :
गलतियां करना मनुष्य का स्वभाव हैं. कहते हैं ‘अगर इंसान गलती न करे, तो जिंदगी का तजुर्बा अधूरा रह जाये.’ हम सब आये दिन अपने जीवन में छोटी-मोटी गलतियां करते रहते हैं. लेकिन किसी की गलतियों को दिल से लगा लेना या अपनी गलतियों को स्वीकार नहीं करना- दोनों की गलत है. एक वेल डेवलप्ड पर्सनैलिटी हमेशा दूसरों को उनकी गलतियों के लिए क्षमा करना और अपनी गलतियों को स्वीकार करने में बिलीव करता है.
दें सबको इज्जत
दुनिया में तरह-तरह के लोग हैं. उनमें से कई लोगों की बातों और विचारों से आप सहमत हो सकती हैं और कई की बातें आपको नागवार लग सकती हैं, लेकिन इसका यह मतलब नहीं कि वह व्यक्ति गलत है. आपको यह समझना होगा कि दुनिया केवल एक अकेले आपके या मेरे दृष्टिकोण से नहीं चलती. यहां हर किसी के विचारों और बातों का अपना एक विशेष महत्व है. अत: आपसे बड़े हों या छोटे, सबकी बातों को गौर से सुनने और उन्हें उचित सम्मान देने की आदत डालें. साथ ही अगर कोई आपसे किसी तरह की मदद चाहता हो, तो पूरी तत्परता के साथ उसकी मदद करें.इन बातों पर अमल करके देखिए. आप भी जल्द ही सबकी चहेती और हर-दिल अजीज बन जायेंगी.

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