सोलर एनर्जी से बढ़ेगी स्मार्टफोन की क्षमता, जानें
सोलर पैनल के जरिये दुनियाभर में घरों और व्यावसायिक प्रतिष्ठानों में ऊर्जा मुहैया कराने का काम तेजी से आगे बढ़ रहा है. स्मार्टफोन की बढ़ती उपयोगिता को देखते हुए इसकी निर्माता कंपनियां अब इसे भी सोलर पैनल से जोड़ने की कवायद में जुटी हैं, ताकि इसे कहीं पर भी आसानी से चार्ज किया जा सके. […]
सोलर पैनल के जरिये दुनियाभर में घरों और व्यावसायिक प्रतिष्ठानों में ऊर्जा मुहैया कराने का काम तेजी से आगे बढ़ रहा है. स्मार्टफोन की बढ़ती उपयोगिता को देखते हुए इसकी निर्माता कंपनियां अब इसे भी सोलर पैनल से जोड़ने की कवायद में जुटी हैं, ताकि इसे कहीं पर भी आसानी से चार्ज किया जा सके. क्यों महसूस हुई है इसकी जरूरत और इस दिशा में कैसे हो रहा है इनाेवेशन समेत इससे जुड़े विविध पहलुओं के बारे में बता रहा है आज का इन्फो टेक पेज…
मौजूदा दौर में प्रत्येक मोबाइल उपभोक्ता की चाहत होती है कि उसे अपने मोबाइल में अधिक-से-अधिक चीजें हासिल हों. यानी इसके लिए व्यापक इनोवेशन की जरूरत है. मोबाइल की स्पीड से लेकर बेहतर कैमरे, बेहतर सुरक्षा, समृद्ध एप्स, वर्चुअल रियलिटी, ऑगमेंटेड रियलिटी और इससे भी आगे की चीजों के होने की ग्राहक उम्मीद करता है.
इसके लिए डिवाइस निर्माता और एप्प डेवलपर्स अपनी ओर से उन्नत डिजाइन प्रस्तुत भी करते हैं. वे यह भी चाहते हैं कि उनका फोन कभी डिस्चार्ज न हो, और इसके लिए निर्माता लगातार प्रयासरत हैं व बेहतर किस्म की बैटरी का ईजाद करने में भी जुटे हैं. आजकल नये स्मार्टफोन की बैटरी पुराने के मुकाबले ज्यादा बेहतर होती जा रही है, लेकिन इसे सभी लोग इसलिए आसानी से नहीं समझ पाते हैं, क्योंकि स्मार्टफोन का दायरा और उस पर लोड बढ़ता जा रहा है.
इस संबंध में नये इनाेवेशन के तहत सोलर ऊर्जा आधारित मोबाइल को इसके समाधान के रूप में देखा जा रहा है. ‘टेक राडार’ की एक रिपोर्ट के मुताबिक, इसके कुछ प्रोटोटाइप और सीमित डिवाइसों में यह देखा गया है कि सोलर स्मार्टफोन और चार्जर से इस समस्या का व्यापक पैमाने पर समाधान किया जा सकता है.
तो फिर इसमें रुकावट क्या है? मोबाइल मार्केट में किस तरह की सोलर तकनीक उपलब्ध है और क्या नया आने वाला है?
सोलर पावर : आसान पहुंच और मुश्किल दोहन
ऊर्जा का सर्वाधिक सस्ता और उपलब्ध स्राेत सूर्य है और अमेरिकी ऊर्जा विभाग की एक रिपोर्ट के मुताबिक, इससे 1,73,000 टेरावॉट्स सोलर एनर्जी हासिल की जा सकती है. दुनिया की कुल ऊर्जा खपत से यह दस हजार गुना अधिक है.
इसके लिए सोलर सेल की जरूरत होती है, जिसमें सूरज की रोशनी इलेक्ट्रॉन को उत्तेजित करती है. हालांकि, सोलर सेल की शुरुआत कई दशक पहले की जा चुकी है, लेकिन मोबाइल के लिए इसका प्रयोग हाल ही में शुरू किया गया है. दुनियाभर में लाखों घरों और कारोबार सोलर एनर्जी से संचालित हो रहे हैं, लेकिन स्मार्टफोन के मामले में अब तक एेसा क्यों नहीं हो पाया है?
दरअसल, स्मार्टफोन के लिए पर्याप्त ऊर्जा की जरूरत होती है और इसके लिए सोलर पैनल का क्षेत्र अपेक्षाकृत कम होता है. दूसरी ओर, ज्यादा देर के लिए लोग अपने मोबाइल को धूप में रख भी नहीं सकते हैं. हालांकि, इन चुनौतियों से निपटने के लिए बहुत धीरे ही सही, लेकिन प्रगति हो रही है.
नये सोलर-पावर्ड डिवाइस : चार्जर्स से स्मार्टवॉच तक
सोलर सेल फोन चार्जर्स बाजार में कई वर्षों से मौजूद हैं और वाटरप्रूफ समेत बैकअप चार्जर्स के तौर पर कई आकार-प्रकार में उपलब्ध रहे हैं. कई इलाकों में पार्क और अन्य सार्वजनिक जगहों पर सोलर-पावर्ड चार्जिंग स्टेशन इंस्टॉल किये गये हैं. इंडस्ट्री टुडे के मुताबिक, इन उत्पादों के लिए बाजार अगले आठ वर्षों में मध्यम सीएजीआर से आगे बढ़ने की उम्मीद है.
लेकिन, अपेक्षाकृत कम क्षमता अौर अधिक लागत के कारण इसे कम ही लोग अपनायेंगे. हालांकि, धीरे-धीरे इसकी लोकप्रियता बढ़ेगी और लोग आकर्षित होंगे. दरअसल, मौजूदा तकनीक के तहत अधिकतर स्मार्टफोन में सोलर चार्ज के लिए सूर्य की ऊर्जा को पर्याप्त रूप से हासिल करने की क्षमता नहीं है, लेकिन भविष्य में इन्हें उसी अनुकूल बनाया जायेगा.
उदाहरण के लिए, पॉकेट लिंट के मुताबिक, जीपीएस ट्रैकिंग युक्त एक हाइब्रिड फिटनेस वॉच अपने बैटरी खपत के लिए कुख्यात है. इसे बनानेवाली कंपनी का दावा है कि एक चार्ज में यह 33 घंटे तक चलती है, लेकिन साथ ही इसमें सोलर पैनल भी दिया गया है. प्रत्येक चार घंटे के बाद उस पर सूरज की रोशनी की दरकार होती है, ताकि वह पूरी तरह से काम कर सके. ल्यूनाआर नामक एक कंपनी ने भी एक हाइब्रिड स्मार्टवॉच विकसित किया है. वर्ज की एक रिपोर्ट में यह दावा किया गया है कि इसे डायरेक्ट सूर्य की रोशनी और घर की रोशनी से चार्ज किया जा सकता है. इसके लिए केवल एक घंटे चार्ज होना जरूरी है.
सोलर मोबाइल इनोवेशन में भविष्य में क्या हैं उम्मीदें
सोलर सेल और पैनल के विकास में शोधकर्ताओं को जैसे-जैसे नयी कामयाबी हासिल होती जा रही है, वैसे-वैसे मोबाइल टेक्नोलॉजी कंपनियां व्यापक इनोवेशन को अंजाम देने में जुटी हैं. इसी वर्ष आयोजित मोबाइल वर्ल्ड कॉग्रेस में 11 सर्वाधिक इनोवेटिव स्टार्टअप्स ने इस बारे में बेहतरीन पहल भी की है.
सोलर कंपनियाें ने ऑल-इन-वन हब की स्थापना की है, ताकि विविध मकसद के लिए इसे प्रभावी बनाया जा सके. हालांकि, अनेक इनोवेटर्स इस बारे में कुछ नये डिजाइन की तलाश में भी जुटे हैं, ताकि सोलर स्मार्टफोन के लिए सोलर पैनल स्क्रीन को विकसित किया जा सके.
विकसित किये गये हैं बेहतर सोलर पैनल
‘द साउथ चाइना मोर्निंग ‘पोस्ट की एक रिपोर्ट के मुताबिक, इस वर्ष आयोजित मोबाइल वर्ल्ड कॉग्रेस में दुनिया के सबसे दक्ष सोलर पैनल को प्रदर्शित किया गया है. इन सोलर पैनल के निर्माण में पेरोवेस्काई नामक इनऑर्गेनिक सेल्स का इस्तेमाल किया गया है. साथ ही, इसमें ग्रैफिन इंक, एक पतले और हलके पदार्थ का भी इस्तेमाल किया गया है, जो पारदर्शी होने के साथ बिजली का सुचालक है.
शोधकर्ताओं का कहना है कि अभी इस संबंध में बहुत काम करना बाकी है, ताकि इन सोलर पैनल्स को मोबाइल फोन के साथ आसानी से और सुगमता से जोड़ा जा सके और लोगों को इसे साथ रखने में दिक्कत भी नहीं हो. हालांकि, ग्रैफिन से साेलर सेल की क्षमता को काफी हद तक बढ़ाया जा सकता है, और यह स्थिर व सस्ता भी है. लेकिन, इसमें कुछ खामियांं भी हैं, जिन्हें दूर करना शेष है. देखा जाये तो सोलर एनर्जी के क्षेत्र में अभी व्यापक संभावनाएं मौजूद हैं, और वैज्ञानिकों, इंजीनियरों और मोबाइल टेक्नोलॉजी कंपनियों के लिए अभी इसमें बहुत संभावनाएं हैं.
हालांकि, अभी वह दिन देखना शेष है, जब सोलर एनर्जी से संचालित पहला स्मार्टफोन आपको देखने को मिलेगा, लेकिन इतना तय है कि वह दिन अब दूर नहीं है, क्योंकि अनेक मोबाइल कंपनियां इस दिशा में इनोवेशन में जुट चुकी हैं और जल्द ही बड़ी कामयाबी हाथ लग सकती है.