जेइइ एडवांस्ड-2018 : प्रश्नों को हल करने के लिए अपनाएं ये ट्रिक्स
II आरएल त्रिखा II डॉयरेक्टर, फिटजी मल्टीपल च्वाइस सिंगल करेक्ट : इस प्रकार के प्रश्नों को हल करने का सबसे बेहतर उपाय है- क्वेश्चन-ऑप्शन-क्वेश्चन पर जाना. एक बार ऑप्शन पर जाने के बाद फिर क्वेश्चन को स्कैन कर प्रश्न को हल करने में एक नयी दिशा मिल जाती है. मल्टीपल च्वाइस मल्टी करेक्ट : प्रत्येक […]
II आरएल त्रिखा II
डॉयरेक्टर, फिटजी
मल्टीपल च्वाइस सिंगल करेक्ट : इस प्रकार के प्रश्नों को हल करने का सबसे बेहतर उपाय है- क्वेश्चन-ऑप्शन-क्वेश्चन पर जाना. एक बार ऑप्शन पर जाने के बाद फिर क्वेश्चन को स्कैन कर प्रश्न को हल करने में एक नयी दिशा मिल जाती है.
मल्टीपल च्वाइस मल्टी करेक्ट : प्रत्येक प्रश्न का सभी दिये गये विकल्पों के साथ मिलान करना चाहिए. अक्सर देखने में आता है कि सभी ऑप्शन की एक जैसी ही वैल्यू होती है, लेकिन उसे अलग-अलग फार्म में लिखा होता है. अमूमन, इस प्रकार के प्रश्नों का सही जवाब देनेवालों का प्रतिशत बहुत कम होता है.
कांप्रिहेंसन आधारित : यदि आप कांप्रिहेंसन में उल्लेख किये गये कंसेप्ट से भलीभांति वाकिफ हैं, तो भी आपको पूरा कांप्रिहेंसन पूर्ण एकाग्रता के साथ पढ़ना चाहिए. ऐसा करने से कंसेप्ट को नये तरीके से समझने या उसका एक काल्पनिक खाका तैयार करना आसान हो जाता है. ऐसे मामलों में लकीर का फकीर बने रहने से अक्सर उत्तर गलत हो जाते हैं.
मैट्रिक्स मैच टाइप (वन-टू-मैचिंग) : वन-टू-वन मैचिंग पर आधारित प्रश्नों को हल करते समय आपका ध्यान ऑड मैच (अगर कोई है तो) को ढूंढने पर होना चाहिए. इससे आपको करेक्ट मैपिंग पर पहुंचने में जल्दी होगी.
मैट्रिक्स मैच टाइप (वन टू मेनी मैच) : इस प्रकार के मैट्रिक्स मैच प्रश्न काफी चुनौतीपूर्ण होते हैं और इसमें थोड़ा समय भी लगता है. ऐसे मामले में मेरा सुझाव यही रहेगा कि यदि आप सभी चारों पंक्तियों के कंसेप्ट को लेकर आश्वस्त है, तभी इसको हल करने का प्रयास करें, अन्यथा इस प्रकार के प्रश्नों को सबसे आखिर के लिए रखें.
इंटीजर आंसर टाइप : सामान्यत: इस प्रकार के प्रश्न सब्जेक्टिक प्रकार के होते हैं, जिसे ऑब्जेक्टिक प्रकार के प्रश्न के रूप में बदल दिया जाता है, जिसकी वजह से इसे हल करने में थोड़ा वक्त लगता है.
ऐसे प्रश्नों को हल करने का सबसे बेहतर उपाय है कि इसे सब्जेक्टिव मान कर ही हल किया जाये. अमूमन, ऐसे प्रश्नों के सही जवाब दे पानेवालों की संख्या कम होती है. अगर गलत जवाब के लिए नेगेटिव मार्किंग नहीं लागू है, तो ऐसे प्रश्नों को जरूर हल करने का प्रयास करना चाहिए.
असर्शन रीजनिंग टाइप : आजकल इस प्रकार के प्रश्न कम पूछे जाते हैं, लेकिन अगर कुछ प्रश्न आते भी हैं, तो दोनों स्टेटमेंट को लेकर विशेष सावधानी बरतने की जरूरत है. क्योंकि ऑप्शन-ए और ऑप्शन- बी में से सही चुनना थोड़ा पेचीदा होता है.अन्य मामलों में आप आसानी से सही जवाब दे सकते हैं.
शेष बचे समय का करें बेहतर इस्तेमाल
फार्मूलों और कंसेप्ट की कंपैक्ट शीट पर सरसरी निगाह बनाये रखें. परीक्षा दिन तक इसे नियमित पढ़ते रहें. कम समय में फार्मूलों की शीट दोहराने और तथ्यों को याद रखने में मददगार होगी. शॉर्ट नोट्स की मदद से पूरे सिलेबस को कम समय में दोहरा पायेंगे.
दोहराते समय कोनिक क्वेश्चन के फार्मूलों में कॉमन एट्रीब्यूट्स का नोट्स बनाते चलें.
अपने सोने की अच्छी आदत को बरकरार रखें. सोने से पहले पूरे दिनभर में आपने जो कुछ भी पढ़ा है, उसे जरूर दोहराएं.
रोजाना कम-से-कम छह घंटे की नींद जरूर पूरी करें और दोपहर में भी 20 मिनट की एक जरूर झपकी लें.
उपयोगी सुझाव
परीक्षा केंद्र पर निर्धारित समय से पहले पहुंचें.
अपना प्रवेश पत्र और फोटो आइडी प्रूफ जरूर साथ ले जाएं.
उत्तर अंकित करने से पहले कम-से-कम दो बार उसे जरूर चेक करें.
शुरू के 10 मिनट का समय पूरे प्रश्नपत्र को पढ़ने के लिए दें.
अगर किसी प्रश्न पर असमंजस है, तो उस पर बिल्कुल भी न उलझें.
अगर कट-ऑफ मार्क से ऊपर स्कोर कर पाने के लिए आश्वस्त हैं, तो प्रश्नों पर तुक्का मारने का जोखिम बिल्कुल भी न लें.
उन सभी प्रश्नों को जरूर हल करने का प्रयास करें, जिसके गलत जवाब पर निगेटिव मार्किंग नहीं है.
जेइइ एडवांस्ड 2018 के लिए शुभकामनाएं