मोदी सरकार के 4 साल : 69% चाहते हैं मोदी ही बनें पीएम, 31 % राहुल के पक्ष में

आज मोदी सरकार के ठीक चार साल पूरे हो रहे हैं. पिछले चार साल में देश की राजनीतिक दिशा और दशा में काफी परिवर्तन आया है. अभी देश के ज्यादातर राज्यों में भाजपा की सरकार है. विपक्ष अब नये िसरे से लामबंद हो रहा है. इस मौके पर प्रभात खबर ने जनता का मन जानने […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 26, 2018 6:42 AM
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आज मोदी सरकार के ठीक चार साल पूरे हो रहे हैं. पिछले चार साल में देश की राजनीतिक दिशा और दशा में काफी परिवर्तन आया है. अभी देश के ज्यादातर राज्यों में भाजपा की सरकार है. विपक्ष अब नये िसरे से लामबंद हो रहा है. इस मौके पर प्रभात खबर ने जनता का मन जानने की कोिशश की. पेश हैं सर्वेक्षण के नतीजे.
सरकार के चार साल का सफर, कितना असर
गिनाने को हैं ये 4 बड़े काम
4 चुनौतियां हैं सरकार के सामने
जन-धन योजना
इस योजना का मकसद हर नागरिक को बैंकिंग सुविधा से जोड़ना है. इससे 31.31 करोड़ लोगों को फायदा भी मिला है. आर्थिक जगत में ये दुनिया की सबसे बड़ी योजना है.
उज्ज्वला योजना
देश के करोड़ों परिवार जिनके पास गैस कनेक्शन नहीं था और उन्हें खाना बनाने के लिए कई मुश्किलों का सामना करना पड़ता था, उनके लिए यह योजना वरदान साबित हुई.
जीएसटी
जीएसटी का मतलब है ‘एक राष्ट्र, एक टैक्स’. वर्ष 1991 में अर्थव्यवस्था के उदारीकरण के बाद यह वित्तीय क्षेत्र में सुधार को लेकर सबसे बड़ा कदम है.
मुद्रा योजना
प्रधानमंत्री मुद्रा योजना 10 लाख तक की ऋण प्रदान करने के लिए शुरू की गयी है. 23 मार्च तक 2,28,144,.72 करोड़ रुपये के 4,53,51,509 कर्ज बांटे गये हैं.
नौकरियां पैदा करना
पिछले चार साल में मोदी सरकार बेरोजगारी खत्म करने के मुद्दे पर कुछ खास नहीं कर पायी है. चुनाव में भाजपा ने करोड़ों रोजगार के अवसर पैदा करने का वादा किया था.
कल्याणकारी योजना
देश के ज्यादातर भागों में भाजपा या उसके समर्थन से सरकारें चल रही हैं. फिर भी कई योजनाओं में लेट-लतीफी हो रही है. सरकार के सामने यही बड़ी चुनौती है.
अर्थव्यवस्था संभालना
नोटबंदी और जीएसटी के बाद से अर्थव्यवस्था सुस्त है. विशेषज्ञों का दावा है कि छह महीने में इसकी हालत में सुधार नहीं आया, तो बड़ा आर्थिक संकट खड़ा हो जायेगा.
महंगाई पर नियंत्रण
आंकड़ों में भले ही महंगाई पहले की अपेक्षा कम हुई है, लेकिन मध्यम वर्ग के लिए अब भी यह बड़ी चिंता है. महंगाई पर काबू पाना मोदी सरकार के लिए सबसे बड़ी चुनौती होगी.
बड़े राज्यों में अब भी कायम है नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता
बड़े राज्य जैसे यूपी, बिहार, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, पंजाब, ओड़िशा और गुजरात में सेंटर फॉर एम्पावरमेंट स्टडीज द्वारा किये गये सर्वेक्षणों पर नजर डालें, तो पता चलता है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता अब भी बनी हुई है. इन राज्यों में लोकसभा की कुल 220 सीटें हैं. सर्वेक्षण देश के मिजाज की एक झलक तो दे ही देते हैं.
69% चाहते हैं मोदी ही पीएम बनें, 31 % राहुल के पक्ष में
इन चार सालों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता में 12% की बढ़ोतरी हुई है. 2014 में जहां 57% मतदाता नरेंद्र मोदी को अगले प्रधानमंत्री के रूप में देखना चाहते थे, वहीं ऐसे लोगों का प्रतिशत अब बढ़ कर 69% हो गया है. दूसरी ओर इन राज्यों के मात्र 31% मतदाता ही राहुल गांधी को प्रधानमंत्री के रूप में देखना चाहते हैं. इनमें ऐसे राज्य भी हैं, जहां इस साल के अंत में विधानसभा चुनाव होने हैं.
2019 तक संपूर्ण स्वच्छता का वादा कॉरपोरेट सेक्टर ने मोदी के स्वच्छ भारत अभियान को अपनाया.
ये उपलब्धियां भी मोदी सरकार के खाते में
36 राफेल युद्धक विमान की खरीदारी को मंजूरी, रक्षा खरीद में तेजी.
49% तक बढ़ी बीमा और पेंशन में विदेशी निवेश की सीमा
15 करोड़ से अधिक बैंक खाते खुले जीवन बीमा और पेंशन वाले 10 करोड़ से अधिक के डेबिट कार्ड जारी.
49% रक्षा में विदेशी निवेश की हुई सीमा, प्रौद्योगिकी हस्तांतरण मामले में सीमा 74 फीसदी.
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