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12वीं के बाद कैरियर

केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने 12वीं कक्षा का परिणाम घोषित कर दिया है. राज्य शिक्षा समितियों द्वारा भी परीक्षा परिणामों की घोषणा करने का सिलसिला चल रहा है. पढ़ाई के इस अहम पड़ाव को पार करने के बाद छात्र अब उच्च शिक्षा के लिए विभिन्न ग्रेजुएट-अंडरग्रेजुएट कोर्स, प्रोफेशनल कोर्स या फिर जॉब की तैयारी […]

केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने 12वीं कक्षा का परिणाम घोषित कर दिया है. राज्य शिक्षा समितियों द्वारा भी परीक्षा परिणामों की घोषणा करने का सिलसिला चल रहा है. पढ़ाई के इस अहम पड़ाव को पार करने के बाद छात्र अब उच्च शिक्षा के लिए विभिन्न ग्रेजुएट-अंडरग्रेजुएट कोर्स, प्रोफेशनल कोर्स या फिर जॉब की तैयारी का रुख करेंगे. ऐसे वक्त में कैरियर चुनने को लेकर मन में तमाम प्रकार के सवाल-जवाब और जिज्ञासों-आशंकाओं का उठना लाजिमी है.

मनमाफिक कोर्स और कॉलेज में प्रवेश पाने की राह थोड़ी कठिनाईयों से भरी होती है. इसके लिए हमें सबसे पहले अपना लक्ष्य स्पष्ट कर पूर्ण आत्मविश्वास के साथ आगे बढ़ना होगा. हर स्ट्रीम में कुछ लोकप्रिय कैरियर विकल्प होते हैं, जिनमें प्रवेश के लिए काफी मारामारी होती है. ऐसे में लकीर का फकीर बने रहने की बजाय अपनी रुचि और पसंद के कैरियर को देखें, उपलब्ध विषयों में से अपने लिए एक बेहतर विषय चुनें. कुछ ऐसे ही खास कोर्सेज और कैरियर विकल्पों पर केंद्रित है आज का यह विशेष पेज…

साइंस स्ट्रीम में विकल्पों की भरमार

विज्ञान वर्ग से 12वीं करने के बाद बीई/ बीटेक और एमबीबीएस करने के अलावा साइंस के साथ आर्ट्स व ह्यूमेनिटी में भी जाने का विकल्प होता है. यदि आपने 12वीं विज्ञान विषयों के साथ पास की है, तो आर्ट्स, ह्यूमेनिटी और कॉमर्स स्ट्रीम में भी कैरियर तलाश सकते हैं. इसके अलावा कई जॉब्स हैं, जिसके लिए आप सीधे 12वीं के बाद आवेदन कर सकते हैं. इंडियन आर्मी, इंडियन एयरफोर्स और नेवी में 12वीं पास छात्रों के लिए समय-समय पर वेकेंसी आती रहती है. भारतीय सेना में बतौर ऑफिसर कैरियर बनाने के लिए आयोजित की जानेवाली एनडीए/ एनए परीक्षा भी 12वीं पास छात्रों के लिए होती है.

बीएससी प्रोग्राम : साइंस स्ट्रीम से 12वीं के बाद इंजीनियरिंग या मेडिकल में जाने के अलावा बड़ी संख्या में छात्र तीन वर्षीय कोर्स बैचलर ऑफ साइंस यानी बीएससी को चुनते हैं. फिजिक्स, केमिस्ट्री और मैथ्स में बीएससी ऑनर्स करने के अलावा अन्य विषयों में भी बीएससी की जा सकती है, जैसे-एग्रीकल्चर, फॉरेस्ट्री, कंप्यूटर साइंस, आईटी, हॉर्टिकल्चर, नॉटिकल साइंस, बायोटेक्नोलॉजी, एविएशन, इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्युनिकेशन और एनिमेशन व मल्टीमीडिया आदि.

मैथ्स की पढ़ाई यहां आयेगी काम

कंप्यूटर एप्लीकेशन अच्छे संस्थानों से कंप्यूटर एप्लीकेशन की पढ़ाई कर आनेवालों के लिए आईटी इंडस्ट्री में अच्छे पैकेज पर जॉब ऑफर की जाती है. यदि आपने 12वीं गणित विषय के साथ पास की है, तो बैचलर ऑफ कंप्यूटर एप्लीकेशन यानी बीसीए में प्रवेश ले सकते हैं. कई प्रतिष्ठित विश्वविद्यालयों में बीसीए के अलावा बीएससी (कंप्यूटर साइंस) और बीएससी (इन्फॉरमेशन टेक्नोलॉजी) प्रोग्राम संचालित किये जाते हैं. तीन वर्षीय इन पाठ्यक्रमों को पूरा करने के बाद एमसीए या एमएससी (आइटी) या एमएससी (कंप्यूटर साइंस) कर बेहतर भविष्य की दिशा में आगे बढ़ सकते हैं.

आर्किटेक्चर आइआइटी समेत देश के कई प्रतिष्ठित संस्थानों में स्नातक और परास्नातक स्तर पर यह कोर्स उपलब्ध है. कल्पनाशीलता और रचनात्मकता से पूर्ण इस कैरियर में भवनों, इमारतों, पुलों आदि की डिजाइन करने जैसा महत्वपूर्ण कार्य शामिल होता है. 12वीं मैथ्स के बाद पांच वर्षीय बैचलर ऑफ आर्किटेक्चर मेें प्रवेश लिया जा सकता है. इसमें प्रवेश के लिए नेशनल एप्टीट्यूट टेस्ट इन आर्किटेक्चर (नाटा) आयोजित किया जाता है.

इंटीग्रेटेड कोर्स 12वीं मैथ्स से पास करने के बाद चार वर्षीय या पांच वर्षीय इंटीग्रेटेड कोर्स में प्रवेश ले सकते हैं. कई संस्थानों और विश्वविद्यालयों द्वारा इंटीग्रेटेड बीएस-एमएस कोर्स संचालित किया जाता है. इसके अलावा पांच वर्षीय इंटीग्रेटेड एमएससी प्रोग्राम में भी प्रवेश ले सकते हैं. इन कोर्सेज के अलावा बीएससी-एलएलबी और बीएससी-बीएड जैसे इंटीग्रेटड कोर्सेज का हाल के वर्षों में चलन तेजी से बढ़ा है.

जियोलॉजिस्ट विज्ञान विषय से 12वीं करने के बाद जियोलॉजी के अंडरग्रेजुएट कोर्स में प्रवेश ले सकते हैं. बीएचयू समेत देश के ज्यादातर प्रतिष्ठित विश्वविद्यालयों में जियोलॉजी और एप्लाइड जियोलॉजी में यूजी-पीजी कोर्स उपलब्ध कराये जाते हैं. जियोलॉजिस्ट के लिए सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों के साथ-साथ प्राइवेट सेक्टर की कंपनियों में भरपूर मौके उपलब्ध हैं.

बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन में मास्टर्स या पीजी डिप्लोमा स्तर के कोर्स बेहद लोकप्रिय हैं. आइआइएम से निकले युवाओं के लिए प्रबंधन क्षेत्र में बेशुमार मौके हैं. आप 12वीं के बाद बैचलर ऑफ बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन यानी बीबीए में प्रवेश ले सकते हैं.

पीसीबी के बाद यहां लें प्रवेश

डेंटिस्ट्री दांतों के डॉक्टर के रूप में अपनी पहचान बनाने के लिए आपको 12वीं के बाद बीडीएस यानी बैचलर ऑफ डेंटल सर्जरी में प्रवेश लेना होगा. चार वर्षीय यह यूजी कोर्स देश के लगभग सभी मेडिकल कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में उपलब्ध है. ज्यादातर संस्थानों में प्रवेश के लिए आपको प्रवेश परीक्षा पास करनी होगी. इसमें कोर्स और कैरियर की विस्तृत जानकारी डेंटल काउंसिल ऑफ इंडिया की वेबसाइट से प्राप्त की जा सकती है.

नर्सिंग सरकारी और गैर सरकारी क्षेत्रों में रोजगार की उपलब्धता के कारण नर्सिंग वर्षों से लोकप्रिय कोर्स बना हुआ है. देश में तमाम नर्सिंग कॉलेजों के अलावा कई संस्थान व विश्वविद्यालय हैं, जहां बीएससी नर्सिंग व डिप्लोमा नर्सिंग का कोर्स कराया जाता है. 12वीं के बाद नर्सिंग में सर्टिफिकेशन कोर्स कर आप जॉब पा सकते हैं. नर्सिंग में स्नातक के बाद बतौर फॉरेंसिक नर्स और कंसल्टेंट व स्पेशलाइजेशन के कई विकल्प मौजूद हैं.

फार्मासिस्ट बायोलॉजी से 12वीं करने के बाद आप बैचलर ऑफ फार्मेसी यानी बीफार्मा में प्रवेश ले सकते हैं. बतौर फार्मासिस्ट आपके लिए दवा, इंजेक्शन आदि के प्रबंधन की जिम्मेदारी निभानी होती है. इसके अलावा फार्मास्युटिकल्स प्रोडक्शन, क्वाॅलिटी कंट्रोल आदि कार्यों के लिए भी फार्मासिस्ट की नियुक्ति

की जाती है.

फिजियोथेरेपी फिजियोथेरेपी में स्नातक कोर्स के साथ डिप्लोमा व सर्टिफिकेट के रूप में तमाम शॉर्ट टर्म कोर्स मौजूद हैं. इसमें मानव शरीर के क्रिया-कलापों, हड्डियों, नर्व सिस्टम व मांसपेशियों का अधययन करना होगा. 12वीं के बाद फिजियोथेरेपी के अंडरग्रेजुएट प्रोग्राम में प्रवेश ले सकते हैं. स्नातक के बाद आप पीडिएट्रिक्स, ऑर्थोपेडिक्स, क्लीनिकल इलेक्ट्रोफिजियोलॉजी, स्पोर्ट्स फिजिकल थेरेपी आदि में स्पेशलाइजेशन कर सकते हैं.

बायो-टेक्नोलॉजी बायो टेक्नोलॉजी की दुनिया किसी क्षेत्र विशेष तक सीमित नहीं है, बल्कि आज नयी दवाओं को बनाने से लेकर फूड टेक्नोलॉजी व एग्रीकल्चर जैसे तमाम क्षेत्रों में इसका भरपूर इस्तेमाल हो रहा है. बायोटेक्नोलॉजी में स्नातक और परास्नातक करने के बाद एमएनएसी और रिसर्च के क्षेत्र में बेशुमार मौके हैं. यदि आपने बायोलॉजी विषय के साथ 12वीं कर ली है, तो बीएससी कोर्स में प्रवेश के लिए आवेदन कर एक अच्छे भविष्य की बुनियाद रख सकते हैं.

2.59 करोड़ यानी 25.9 मिलियन नौकरियां सृजित हुईं वर्ष 2017 में ट्रेवल व टूरिज्म सेक्टर में, केपीएमजी और फिक्की के अनुसार.

1.5 करोड़ से अधिक नौकरियों

का अनुमान है रीयल एस्टेट और कंस्ट्रक्शन सेक्टर में आगामी पांच

वर्षों में.

1.8-2 लाख नौकरियों के आने की उम्मीद है इस वर्ष आइटी सेक्टर में, जिनमें इंफोसिस के इस वर्ष के अंत तक 20,000 भर्तियां करने की योजना है, वहीं सैमसंग इंडिया ने घोषणा की है कि वह आगामी दो वर्षों में 1,500 इंजीनियरिंग ग्रेजुएट की भर्ती करेगा.

30 लाख नौकरियाें के सृजित होने की संभावना है 14,19,000 करोड़ के लॉजिस्टिक्स सेक्टर में वर्ष 2018-2022 के बीच.

1.5 लाख नयी नौकरियों के पैदा होने की संभावना है वित्त वर्ष 2019 में बैंकिंग व फाइनेंशियल सेक्टर में. ये नौकरियां टियर-2 व टियर-3 शहरों के लिए होंगी.

20,000 नयी नौकरियों के आने की उम्मीद है इस वर्ष के अंत तक ऑटोमोबाइल सेक्टर में.

वे क्षेत्र, जहां अंक नहीं रुचि से बढ़ता है कैरियर का ग्राफ

आ प में से कई छात्र ऐसे भी होंगे, जिन्हें 12वीं के रिजल्ट में अपनी उम्मीद के अनुसार अंक नहीं प्राप्त हुए हाेंगे. रिजल्ट देखने के बाद कम अंक प्राप्त करनेवाले इन छात्रों के मन में यह प्रश्न उठ रहा होगा कि अब वे सफल कैरियर की दिशा में आगे कैसे बढ़ पायेंगे. लेकिन, इन छात्रों को निराश होने की आवश्यकता नहीं है. ऐसे कई कैरियर क्षेत्र हैं, जहां सफलता प्राप्त करने के लिए अच्छे अंकों की नहीं, बल्कि विशेष गुणों की जरूरत होती है.

जर्नलिज्म एंड मास कम्युनिकेशन : यदि आप आस-पास की घटनाओं और सामाजिक मुद्दों के बारे में लिखना पसंद करते हैं, तो 12वीं के बाद जर्नलिज्म और मास कम्युनिकेशन का कोर्स कर सकते हैं. इसमें बैचलर डिग्री या डिप्लोमा कोर्स करने के बाद आप समाचार पत्रों-पत्रिकाओं, प्रेस सूचना ब्यूरो, वेबसाइट, प्रोडक्शन हाउस, न्यूज एजेंसी, दूरदर्शन से लेकर राष्ट्रीय एवं क्षेत्रीय प्राइवेट चैनलों में नौकरी पा सकते हैं. रिपोर्टिंग, संपादन, फोटोग्राफी, रिसर्च, पब्लिकेशन डिजाइन, फिल्म मेकिंग, स्क्रिप्ट राइटिंग, एंकरिंग, फ्रीलांसिंग के अलावा बतौर समाचार विश्लेषक भी कैरियर बना सकते हैं.

फैशन डिजाइनिंग : यदि आप फैशन में रुचि और अच्छी कम्यूनिकेशन स्किल्स रखते हैं, तो फैशन डिजाइनिंग का रुख कर सकते हैं. इसमें अपेरल डिजाइनिंग, फैशन डिजाइनिंग, प्रोडक्शन मैनेजमेंट, क्लोदिंग टेक्नोलॉजी, टेक्सटाइल साइंस, अपेरल कंस्ट्रक्शन मैथड, फैब्रिक ड्रॉइंग एवं प्रिंटिंग, कलर मिक्सिंग एवं कंप्यूटर एडेड डिजाइन आदि क्षेत्रों में से किसी एक का चुनाव कर सकते हैं. साथ ही कॉस्ट्यूम डिजाइनर, फैशन कंसल्टेंट, टेक्निकल डिजाइनर, ग्राफिक डिजाइनर, प्रोडक्शन पैटर्न मेकर, फैशन कॉडिर्नेटर आदि के रूप में आप शानदार कैरियर बना सकते हैं.

होटल मैनेजमेंट : भारत में होटल मैनेजमेंट की पढ़ाई के लिए नेशनल काउंसिल फॉर होटल मैनेजमेंट एंड केटरिंग टेक्नोलॉजी एक बेहतरीन सरकारी संस्था है. इस कोर्स को करने के बाद आप मैनेजमेंट ट्रेनी, मैनेजर, शेफ, कस्टमर रिलेशन एग्जीक्यूटिव, सेल्स एग्जीक्यूटिव, केटरिंग ऑफिसर की जॉब प्राप्त कर सकते हैं.

इंटीरियर डिजाइनिंग : ये कोर्स उन छात्रों के लिए अच्छा है, जो क्रिएटिव होने के साथ घर की सज्जा में दिलचस्पी रखते हैं. इस कोर्स को करनेवालों का क्रिएटिव, कम्यूनिकेटिव होने के साथ-साथ इमेजिनेटिव होना भी आवश्यक है. इंटीरियर डिजाइनिंग में कई संस्थान डिप्लोमा कोर्स मुहैया करा रहे हैं.

एयर होस्टेस : एयर होस्टेस बनने के लिए 12वीं पास होने के साथ अच्छी कम्युनिकेशन स्किल आवश्यक योग्यता है. किसी एमरजेंसी को कैसे हैंडल करते हैं. आपका प्रेजेंस ऑफ माइंड कैसा है, इन बातों पर विशेष ध्यान दिया जाता है.

ट्रेवल एंड टूरिज्म : अगर आप घूमने के शौकीन हैं और देश की विरासत, संस्कृति और देश-विदेश की खूबसूरत जगहों को देखना चाहते हैं, तो आपके लिए ट्रैवल एंड टूरिज्म अच्छा कैरियर ऑप्शन साबित हो सकता है. गाइड के रूप में भी आप अपनी पहचान बना सकते हैं.

कैसे चुनें अपने लिए बेहतर कोर्स

आप किस विषय में बेहतर कर पायेंगे और कौन सा क्षेत्र आपको तरक्की के मुकाम पर पहुंचायेगा, इसका फैसला करने से पहले आप अपनी रुचि और क्षमता को जरूर जांचें, तभी किसी विषय में उच्च शिक्षा का फैसला करें. बेहतर होगा कि आपने जिस स्ट्रीम से 12वीं की है, उसमें ही बेहतर विकल्प तलाशें. प्रोफेशनल कोर्सेज में प्रवेश से पहले संबंधित कोर्स के लिए उपलब्ध अच्छे संस्थानों की सूची तैयार कर लें और उसमें मौजूद कैरियर संभावनाओं को जरूर जांच लें. इसके लिए आप विशेषज्ञों, पूर्व छात्रों की सलाह भी ले सकते हैं.

अपनी रुचि का रखें ख्याल : अक्सर छात्र किसी के कहने या परिजनों को खुश करने के लिए ऐसे विषय का चयन कर लेते हैं, जो बाद में चलकर उनके लिए उबाऊ हो जाता है. ऐसी स्थिति में पढ़ाई पूरी कर लेने के बाद भी कैरियर की मजबूत नींव पड़ेगी, इस बात की आशंका बनी रहती है. इसलिए, जरूरी है कि जब आप उच्च शिक्षा के लिए किसी ‌विषय को चुनें, तो अपनी रुचि का विशेष ख्याल रखें. हर व्यक्ति एक स्वाभाविक रुझान होता है, अत: विषयों के चयन में विशेष सावधानी बरतें.

कॉमर्स में नहीं है विकल्पों की कमी

बैचलर ऑफ कॉमर्स (बीकॉम) : 12वीं कॉमर्स के बाद तीन वर्षीय बीकॉम कोर्स सबसे लोकप्रिय अंडरग्रेजुएट प्रोग्राम है. अगर आप सीए या सीएस जैसे कोर्सेज में प्रवेश ले चुके हैं, तो भी कॉरेस्पॉन्डेंस से बीकॉम कर सकते हैं. प्रतिष्ठित विश्वविद्यालयों से बीकॉम ऑनर्स करके भी अच्छे कैरियर की शुरुआत की जा सकती है.

चार्टर्ड अकाउंटेंट (सीए) : कॉमर्स बैकग्राउंड के छात्रों के बीच यह सर्वाधिक लोकप्रिय प्रोफेशनल कोर्स है. इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया (आईसीएआई) द्वारा संचालित इस कोर्स को सफलता पूर्वक पूरा करने के बाद टैक्स कंसल्टेंट, ऑडिटर, एडवाइजर और फाइनेंशियल ऑफिसर जैसे बेहतरीन कैरियर में दाखिल हो सकते हैं. इस कोर्स में सफलता कठिन परिश्रम और समझदारी भरे प्रयास से ही संभव है. इस कोर्स में दाखिल होने से पहले अपने विषय और लक्ष्य को लेकर दृढ़ होने की जरूरत होती है.

कंपनी सेक्रेटरी (सीएस): कॉमर्स के छात्रों के बीच कंपनी सेक्रेटरी कोर्स भी एक बेहतर प्रोफेशनल कोर्स माना जाता है. इंस्टीट्यूट ऑफ कंपनी सेक्रेटरी ऑफ इंडिया के इस कोर्स को पूरा करने के बाद कॉरपोरेट हाउस में बतौर सीएस जॉब शुरू की जा सकती है. इसके अलावा खुद भी प्रैक्टिस कर सकते हैं.

कॉस्ट एंड मैनेजमेंट अकाउंटेंट (सीएमए) : 12वीं कॉमर्स के बाद यदि किसी प्रोफेशनल कोर्स में प्रवेश की योजना बना रहे हैं, तो इंस्टीट्यूट ऑफ कॉस्ट अकाउंट्स ऑफ इंडिया (आईसीडब्ल्यूएआई) द्वारा संचालित इस कोर्स में प्रवेश ले सकते हैं. इस कोर्स को पूरा करने के बाद कॉरपोरेट हाउस में कॉस्ट ऑडिटिंग, प्रोडक्ट्स के कंट्रोल व ऑडिटिंग का काम कर सकते हैं. एक सीएमए प्रोफेशनल की प्रोडक्शन ऑपरेशन व प्रॉसेस में भी बड़ी भूमिका होती है.

सर्टिफाइड फाइनेंशियल प्लानर (सीएफपी) : हाल के वर्षों में सर्टिफाइड फाइनेंशियल प्लानर की मांग में तेजी से इजाफा हुआ है. अगर आप बेस्ट इंश्योरेंस प्लान, म्युचुअल फंड इन्वेस्टमेंट और वेल्थ मैनेजमेंट आदि के बारे में लोगों को बताने में रुचि रखते हैं, तो यह एक बेहतर कोर्स है. फाइनेंशियल प्लानिंग स्टैंडर्ड बोर्ड ऑफ इंडिया (एफपीएसबी) सीएफपी लाइसेंस जारी करता है.

आर्ट्स स्ट्रीम है सदाबहार

आर्ट्स में ऐसे कई विषय हैं, जिनकी पढ़ाई करके आप सरकारी और निजी क्षेत्रों में अच्छा मुकाम हासिल कर सकते हैं.

बैचलर इन मैनेजमेंट : यह आम धारणा है कि मैनेजमेंट की पढ़ाई कॉमर्स स्ट्रीम के छात्र करते हैं, लेकिन ऐसा नहीं है. आप बीबीए, बीबीएम यानी बैचलर इन बिजनेस मैनेजमेंट और बैचलर इन बिजनेस स्टडीज की पढ़ाई कर सकते हैं. इन कोर्सेज के बाद आप एमबीए कर सकते हैं.

बैचलर इन फाइन आर्ट्स : यदि आप भी पेंटिंग बनाने में रुचि रखते हैं, तो इसे कैरियर के रूप में आजमा सकते हैं. आप चाहें तो बैचलर डिग्री इन फाइन आर्ट्स का तीन साल का कोर्स कर सकते हैं या सर्टिफिकेट कोर्स भी कर सकते हैं. फाइन आर्ट्स को कोर्स करने के बाद आप विभिन्न कंपनियों में इलस्ट्रेटर, एनिमेटर, ग्राफिक डिजाइनर, विजुअल डिजाइनर, डिजिटल डिजाइनर, क्रिएटिव मार्केटिंग प्रोफेशनल, फ्लैश प्रोग्रामर, 2डी/ 3डी आर्टिस्ट, वेब डेवलपर, क्राफ्ट आर्टिस्ट, लेक्चरर, आर्ट टीचर, कार्टूनिस्ट आदि पदों पर काम कर सकते हैं.

बैचलर इन सोशल वर्क : यदि आप अपनी शिक्षा को समाज सेवा से जोड़ना चाहते हैं,तो 12वीं बाद साेशल वर्क में स्नातक कर सकते हैं. तीन वर्षीय इस कोर्स के माध्यम से आपको अपनी सामाजिक जिम्मेदारियों को प्रभावी ढंग से पूरा करने का ज्ञान और कौशल प्राप्त होगा. इस कोर्स के बाद किसी भी एनजीओ का हिस्सा बनने योग्य हो जायेंगे.

लॉ : आर्ट्स से 12वीं करने के बाद आप पांच वर्षीय इंटीग्रेटेड लॉ कोर्स भी कर सकते हैं. इसके लिए देश की टॉप यूनिवर्सिटी में एडमिशन लेने के लिए कॉमन लॉ एडमिशन टेस्ट यानी क्लैट की परीक्षा दे सकते हैं.

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