मुंबई के जुहू बीच पर छठ पूजा का उल्लास
उर्मिला कोरी छठ पूजा अब महाराष्ट्र का भी विशेष पर्व बन चुका है. जुहू बीच,अक्सा बीच, भाईंदर का एक्सेल पार्क, नवी मुंबई में पामबीच का भगत तालाब,पनवेल,जुई नगर और कोपर खैरने में छठ पूजा का भव्य आयोजन होता है. मुंबई के जुहू बीच पर डेढ़ लाख से ज्यादा लोग छठ पूजा के आयोजन में शामिल […]
उर्मिला कोरी
छठ पूजा अब महाराष्ट्र का भी विशेष पर्व बन चुका है. जुहू बीच,अक्सा बीच, भाईंदर का एक्सेल पार्क, नवी मुंबई में पामबीच का भगत तालाब,पनवेल,जुई नगर और कोपर खैरने में छठ पूजा का भव्य आयोजन होता है. मुंबई के जुहू बीच पर डेढ़ लाख से ज्यादा लोग छठ पूजा के आयोजन में शामिल होते हैं. पिछले बीस सालों से छठ पूजा का आयोजन कर रहे संजय निरुपम कहते हैं कि जब शुरुआत की थी उस वक़्त 15 हज़ार लोग आते थे.
आज 14 किलोमीटर फैले जुहू बीच में कई मंच और घाट बनते हैं, जिसमें डेढ़ लाख से ज़्यादा श्रद्धालु जुटते हैं. पूजा की तैयारियों पर निरुपम बताते हैं कि हर साल की तरह इस साल भी छठ पूजा का आयोजन पूरे हर्षोल्लास के साथ किया जा रहा है. 20 साल पहले मैंने बिहारी फ्रंट के मंच से इस पर्व को सेलिब्रेट करने की शुरुआत की थी. अब महाराष्ट्र सरकार भी छठ पूजा को एक फेस्टिवल मानती है.
जुहू तारा रोड में कुछ मराठी और गुजराती परिवार हैं. वे छठ पर्व करते हैं. बिहार और उत्तर प्रदेश के लोगों के पड़ोस में जो रहते हैं वह भी धीरे-धीरे इस पर्व से जुड़ने लगे हैं. उनको भी ये समझ आने लगा है कि सूर्य की पूजा किसी एक विशेष जाति-धर्म की पूजा नहीं है. यह सबकी पूजा है.
जुहू बीच के अलावा मुंबई के मीरा भाईंदर के
हेतल पार्क स्थित घाट में 40 हज़ार की संख्या में श्रद्धालुओं की भीड़ जुटती है. 18 साल से यहां की छठ पूजा में सक्रिय योगदान दे रहे बिहारी छठ पूजा संघ के अध्यक्ष विजय ठाकुर बताते हैं कि इसमें मुंबई महानगर पालिका, पुलिस और स्थानीय लोगों का सहयोग रहता है.
मीरा भयंदर इलाके में पटना के रहनेवाले विक्रांत
पांडे कहते हैं कि भगवान सूरज देव सिर्फ बिहार और उत्तर प्रदेश के देवता नहीं हैं. गुजराती बहुल इस इलाके में भी अब बदलाव देखने को मिल रहा है. गुजराती समाज के लोग भी अब छठ से जुड़ने लगे हैं.
यह बहुत अच्छी बात है कि मुंबई में भी छठ पूजा काफी उल्लास के साथ मनायी जाती है. जूहू में तो मैं स्पेशली छठ पूजा को लेकर जाती हूं. मैं बचपन से छठ पूजा के त्योहार से जुड़ी हूं. मेरी मां, दादी और चाची छठ पर्व करती हैं.मुंबई में भी इस त्योहार को पूरे हर्ष उल्लास और भोजपुरी गीतों के जरिये मनाया जाता है. इससे अच्छी क्या बात हो सकती है.
नीतू चंद्रा, अभिनेत्री