विश्व बाल दिवस आज : दुनिया में 6.1 करोड़ बच्चे अब भी हैं प्राथमिक शिक्षा से दूर

20 नवंबर को विश्व बाल दिवस के रूप में मनाया जाता है. इस दिन संयुक्त राष्ट्र बाल अधिकार समझौता (यूएनसीआरसी) को अपनाया गया था. इस दिवस को ‘फॉर चिल्ड्रेन, बाई चिल्ड्रेन’ के रूप में मनाया गया. 14 से 20 नवंबर तक युनिसेफ ने बाल अधिकार सप्ताह मनाकर विश्व में बच्चों के अधिकार को लेकर कई […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 20, 2018 7:25 AM
20 नवंबर को विश्व बाल दिवस के रूप में मनाया जाता है. इस दिन संयुक्त राष्ट्र बाल अधिकार समझौता (यूएनसीआरसी) को अपनाया गया था. इस दिवस को ‘फॉर चिल्ड्रेन, बाई चिल्ड्रेन’ के रूप में मनाया गया. 14 से 20 नवंबर तक युनिसेफ ने बाल अधिकार सप्ताह मनाकर विश्व में बच्चों के अधिकार को लेकर कई कार्यक्रम किये. इस वर्ष बच्चों के लिए सात अधिकारों को सुनिश्चित करने का लक्ष्य रखा गया है.
इन सात अधिकारों में स्वास्थ्य और शिक्षा प्रमुख है.यूनिसेफ दुनिया भर में ‘गो ब्लू अभियान’ चला रहा है. ब्लू रंग को बाल अधिकारों का प्रतीक माना गया है.
6.1 करोड़ बच्चे अब भी प्राथमिक शिक्षा से दूर
3.2 करोड़ लडकियां शामिल हैं इन बच्चों में
05 में से 01 बच्चे नहीं पूरी कर पाते स्कूली शिक्षा
करोड़ है छात्र
140 करोड़ है छात्र
6.5 करोड़ शिक्षक हैं
चैलेंज : 21 बच्चों पर एक शिक्षक, सभी को शिक्षित कर पाना असंभव
भारत में स्कूली ड्रॉप आउट कम
देश शिक्षा नहीं कक्षा दो कक्षा चार कक्षा पांच
नेपाल 11% 47% 80% 92%
पाकिस्तान 03% 31% 57% 74%
बांग्लादेश 01% 08% 36% 54%
भारत 01% 15% 33% 48%
40 प्रतिशत भारतीय बच्चे हैं कुपोषित
भारत की जनसंख्या का 40 प्रतिशत 14 साल से कम उम्र के बच्चों का है. उसमें हर सौ बच्चों में से लगभग 12 बच्चे, पांच साल से कम उम्र के हैं. 100 जीवित पैदा हुए बच्चों में से पांच की मृत्यु अपनी उम्र का एक साल पूरा करने से पहले ही हो जाती हैं. करीब 40 प्रतिशत बच्चे कुपोषित हैं.
भारत में सबसे ज्यादा होता है बाल श्रम
अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन के अनुसार, दुनिया भर में 21 करोड़ से अधिक बच्चों से मजदूरी करवायी जाती है, जिनमें से 1.7 करोड़ बाल श्रमिक भारत में हैं.
विश्व में
21 करोड़ बच्चे हैं बाल श्रम में
21 घंटे प्रति सप्ताह काम
03 घंटे प्रतिदिन
भारत में
1.7 करोड़ बच्चे करते हैं बाल मजदूरी
70-80 घंटे कराये जाते हैं काम
10-11 घंटे प्रतिदिन
19% बच्चे घरों में करते हैं काम
90% गांव के बच्चों को शहरों में बना दिया गया है नौकर
85% बच्चे काम करते हैं असंगठित क्षेत्रों में
80% बच्चे जुड़े हैं कृषि कार्यों से
बच्चों में सुसाइडल रेट
14 साल से कम उम्र
एक लाख में पांच सौ बच्चे करते हैं सुसाइड
14 साल से अधिक एक लाख में 9520 बच्चे करते हैं आत्महत्या

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