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नयी तकनीकों से लैस होगा साल 2019:इसरो के लिए होगा महत्वपूर्ण तो व्‍हॉट्सएप्प करेगा अहम बदलाव, 5जी का बढ़ेगा दबदबा

बालेंदु शर्मा दाधीच तकनीकी विशेषज्ञ नित नये और आधुनिक होते समय में विज्ञान और तकनीक के पहिये पर सवार होकर ही विकास अपनी मंजिल तय करता है. हर साल कुछ नयी तकनीकें आती हैं और हमारे जीवन को कुछ आसान बनाकर हमें और भी नया सोचने के लिए मजबूर कर देती हैं. विज्ञान और तकनीक […]

बालेंदु शर्मा दाधीच
तकनीकी विशेषज्ञ
नित नये और आधुनिक होते समय में विज्ञान और तकनीक के पहिये पर सवार होकर ही विकास अपनी मंजिल तय करता है. हर साल कुछ नयी तकनीकें आती हैं और हमारे जीवन को कुछ आसान बनाकर हमें और भी नया सोचने के लिए मजबूर कर देती हैं. विज्ञान और तकनीक की दुनिया में साल 2018 में बहुत कुछ हुआ, इसलिए यह उम्मीद है कि इस साल भी बहुत कुछ होगा. किन खास तकनीकों पर रहेगी नजर, इसी पर आज की प्रस्तुति…
तकनीकें पुरानी पड़ जाती हैं, लेकिन तकनीक का क्षेत्र कभी पुराना नहीं पड़ता, क्योंकि उसमें हमेशा कुछ न कुछ नया ही घटित होता रहता है. यही बात हमें इस साल 2019 में भी देखने को मिलेगी, जब आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से लेकर 5जी और इंटरनेट ऑफ थिंग्स से लेकर ज्यादा शक्तिशाली वर्चुअल असिस्टेंट्स तक हमारे दैनिक जीवन में जगह बनायेंगे.
इस साल 5जी का कमाल
तकनीक के क्षेत्र में आम यूजर के लिहाज से नये साल में जो चीज सबसे अहम होनेवाली है, वह है 5जी. भले ही एप्पल ने अभी किसी 5जी इनेबल्ड आइफोन के बारे में कोई संकेत नहीं दिया है, लेकिन दुनियाभर की स्मार्टफोन निर्माता कंपनियों के बीच इस समय नंबर एक प्राथमिकता वाली तकनीक है. साल 2019 में न सिर्फ 5जी के बारे में तमाम प्रशासनिक और कानूनी प्रक्रियाएं साफ हो जाने की उम्मीद है, वहीं दूरसंचार और उपकरण निर्माता भी खुद को अपग्रेड कर चुके होंगे. इस साल स्मार्टफोन के साथ-साथ तमाम दूसरे हार्डवेयर भी आ चुके होंगे, जिनमें 5जी इंटरनेट कनेक्टिविटी की व्यवस्था होगी- जी हां, लैपटॉप भी.
दरअसल, 5जी का मतलब है दो घंटे की फिल्म का आपके स्मार्टफोन पर दो सेकेंड में डाउनलोड हो जाना. और आधुनिक से आधुनिक तकनीकों के लिए रास्ता और भी ज्यादा आसान हो जाना, जैसे- मिक्स्ड रियलिटी, सेल्फ ड्राइविंग कारें, इंटरनेट ऑफ थिंग्स, बेहतरीन क्वाॅलिटी की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग आदि-आदि. इसी से जुड़ा हुआ एक और बदलाव आप 2019 में देखेंगे और वह है बेहतरीन रिजोल्यूशन में वीडियो गेमों की स्ट्रीमिंग.
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस
दूसरी बड़ी चीज जिसे हम नये साल में जरूर देखेंगे, वह है आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का हमारी जिंदगी में और भी ज्यादा करीब से शामिल हो जाना. अब तकनीक सिर्फ चीजों की निगरानी ही नहीं करेगी, उनका विश्लेषण भी करेगी और उनकी भविष्यवाणी भी करेगी. टेक्नोलॉजी के पास देखने, सुनने, समझने, बोलने, पहचानने, स्पर्श आदि की जो क्षमताएं आ चुकी हैं, वे साल 2019-2020 में मुख्यधारा में आ जायेंगी, यानी कि बड़े सहज रूप में यूजर के पास पहुंच जायेंगी.
तब आप इन चीजों को देखकर चौंकेंगे नहीं, क्योंकि वे इतनी ही सामान्य हो जायेंगी जैसे कि आज का अखबार या फिर घर का बिजली कनेक्शन या कि आपका चश्मा या जूते जिनकी मौजूदगी का अहसास आपको यदा-कदा ही होता है, लेकिन जो हमेशा आपके साथ रहते हैं. अब सेहत (डायग्नोसिस, इलाज और पूर्वानुमान), साइबर सुरक्षा (पहले से चुनौती का अनुमान), सपोर्ट सेवाएं (ऑटोमैटिक कस्टमर केयर, टिकट बुकिंग आदि), क्रिएटिव कामकाज (लेखन, पेंटिंग आदि), कृषि (सही फसल का चयन), परिवहन (सेल्फ ड्राइविंग वाहन) जैसे क्षेत्रों में एआई का दबदबा बढ़ता चला जायेगा.
काम आयेंगे वर्चुअल असिस्टेंट
प्लेटफॉर्म के रूप में संवाद (कन्वर्सेशन ऐज ए प्लेटफॉर्म) इन शक्तियों को आम यूजर तक ले आयेगा. सॉफ्टवेयर की शक्ल वाले रोबोट जिन्हें बॉट कहा जाता है, स्वाभाविक इंसानी भाषा को समझने और हमारे निर्देशों पर काम करने में सक्षम होते हैं. साल 2018 में ऐसे बॉट्स ने अपने आगमन की घंटी बजा दी थी. नये साल में वे आम बात हो जायेंगे और हमारी जिंदगी को बेहतर बनाने में हाथ बंटा रहे होंगे. ऑनलाइन चैट बॉट्स से लेकर कंप्यूटर, मोबाइल, कारों और दूसरे गैजेट्स के जरिये काम करनेवाले वर्चुअल असिस्टेंट हमारे काम का काफी बोझ संभाल लेंगे, जैसे सिनेमा या यात्रा का टिकट बुक करना, बैठकें तय करना, सेहत पर नजर रखना, यातायात और मौसम की भविष्यवाणी करना, कहीं भी उपलब्ध अच्छे अवसरों (डील्स, नौकरियां, कारोबार आदि) की तरफ ध्यान दिलाना आदि-आदि.
मनोरंजन के नये प्लेटफॉर्म
हॉट स्टार, जी 5, सोनी लिव, नेटफ्लिक्स और अमेजन प्राइम जैसे प्लेटफॉर्म अपनी पकड़ और मजबूत बनायेंगे. टेलीविजन को लगातार इन ओवर द टॉप (ओटीटी) गैजेट्स और ऐप्स की तरफ से चुनौती मिलती रहेगी. इस क्षेत्र में बहुत सारे नये खिलाड़ी आयेंगे और सबके बीच दर्शकों का ध्यान खींचने की मारामारी चलेगी. इसमें फायदा दर्शकों का होगा. लेकिन विज्ञापनों और मनोरंजन का एक बड़ा, वैकल्पिक बाजार स्थापित होगा. साल 2020 तक ये वैकल्पिक माध्यम टेलीविजन के लिए बहुत बड़ी चुनौती बन चुके होंगे.
गैजेट्स की होगी बाजार में धमक
सुरक्षा एजेंसियों के सामने मौजूद डिजिटल चुनौतियां बढ़ेंगी, इसलिए सोशल मीडिया और गैजेट्स की साइबर निगरानी भी बढ़ेगी. सरकार ने जिन दस एजेंसियों को हाल ही में इसका हक दिया है, उसका असर चुनावों के पहले से दिखने लगेगा. गैजेट्स के क्षेत्र में फोल्डिंग स्मार्टफोन इस साल आ सकता है. एप्पल भी ऐसा फोन ला सकता है.
स्मार्टफोन और टैबलेट के हाइब्रिड की शुरुआती झलक भी दिखायी देगी. इधर एप्पल ने संकेत दिया है कि उसका 5जी आइफोन 2020 से पहले नहीं आयेगा, लेकिन अगर इसे 2019 में रिलीज कर दिया जाये, तो ताज्जुब नहीं होना चाहिए. एप्पल अपनी योजनाओं को समय से पहले कभी जाहिर नहीं करती. दूसरी बड़ी स्मार्टफोन कंपनियां भी 5जी काम्पैटिबल गैजेट्स बनाने में जुटी हैं, जो अगले साल बाजार में आ सकते हैं. बाजार में 5जी सक्षम लैपटॉप भी आ जायेंगे. एप्पल और सैमसंग भी इस साल अपने स्मार्ट स्पीकर बाजार में उतार सकते हैं.
आईटी की दुनिया में क्रांतिकारी इनोवेशंस
कुल मिलाकर, साल 2019 में आईटी की दुनिया दर्जनों क्रांतिकारी इनोवेशनों और हैरतअंगेज तकनीकों को उभरते हुए देखेगी. भारत में हमें अंतरिक्ष से निगरानी, साइबर सुरक्षा, सोशल मीडिया पर अंकुश, वीडियो कंटेंट की लोकप्रियता में विस्तार, डेटा प्लानों में और अधिक कॉम्पिटिशन और क्लाउड तकनीकों का प्रसार देखने को मिलेगा. अंतरराष्ट्रीय स्तर पर 5जी, फोल्डिंग स्मार्टफोन, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, क्वांटम कंप्यूटिंग और बॉट्स की वजह से हलचल मचेगी. एक लाइन में कहा जाये, तो इस साल हमारे जीवन में तकनीक की भूमिका और अधिक बढ़ जायेगी, हालांकि उसकी इस मौजूदगी का अहसास कम से कम होता चला जायेगा.
एआई और 5जी का बढ़ेगा दबदबा
इस साल मिलेंगी येबड़ी तकनीकी उपलब्धियां
इंटेल, एचपी, लेनोवो और डेल के साझा सहयोग से बने 5जी लैपटॉप आयेंगे.
मिस्र में दुनिया के सबसे बड़े सौर पार्क- बेनबन पार्क- का निर्माण पूरा होगा.
पानी के बीच बने सबसे बड़े वायु ऊर्जा संयंत्र का कामपूरा होगा.
अमेरिकी आकाश में ड्रोन यातायात के प्रबंधन के लिए नासा का तंत्र लागू होगा.
दूसरे ग्रहों पर द्रव जल खोजने के लिए जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप अंतरिक्ष में जायेगा.
प्रति वाट सौर पैनल का खर्च 1.4 डॉलर तक आ जायेगा.
इंग्लैंड के क्रॉसरेल का निर्माण पूरा.
दुनिया में इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री 59 लाख तक पहुंचेगी.
वैश्विक मोबाइल वेब ट्रैफिक 16 एक्साबाइट तक पहुंचेगा.
वैश्विक इंटरनेट ट्रैफिक 158 एक्साबाइट हो जायेगा.
इसरो के लिए बेहद महत्वपूर्ण है यह वर्ष
इसरो के अध्यक्ष के शिवन की मानें, तो नया वर्ष इसरो के लिए काफी महत्वपूर्ण होगा क्योंकि इस वर्ष अंतरिक्ष एजेंसी को 32 स्पेस मिशन लॉन्च करना है.
अपने दूसरे चंद्र अभियान के तहत अंतरिक्ष एजेंसी की योजना इस वर्ष चंद्रयान-2 को लैंडर व रोवर के साथ चांद पर भेजने की है.
भारत के पहले मानव स्पेसफ्लाइट प्रोग्राम गगनयान को 2020-21 तक पूरा करने के लिए इस वर्ष तेज गति से काम होगा.
इस वर्ष इसरो का लक्ष्य राडार इमेजिंग सेटेलाइट (रीसैट) सीरीज के माध्यम से माइक्रोवेव रिमोट सेंसिंग क्षमता और जीयो इमेजिंग सेटेलाइट (जीसैट) सीरीज के जरिये जीयो इमेजिंग क्षमता को पुन: बहाल करना है.
डिजिटल इंडिया के लिए हाई थॉरोआउटपुट बैंडविथ और इन-फ्लाइट कनेक्टिविटी के लिए जीसैट-20 को लॉन्च करने की योजना भी है.
फसलों के उत्पादन का अनुमान लगाने व इसके तहत 10 अतिरिक्त फसलों को जोड़ने और जल व ऊर्जा सुरक्षा से जुड़ी जानकारी उपलब्ध कराने के लिए इस वर्ष रिमोट सेंसिंग डाटा को बढ़ाने के लिए योजना भी है अंतरिक्ष एजेंसी की.
जीयो सिंक्रोनॉस सेटेलाइट लॉन्च व्हीकल (जीएसएलवी) व इसके वेरिएंट की पेलोड क्षमता में इस वर्ष सुधार करने की योजना है.नया वर्ष भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम के संस्थापक विक्रम साराभाई की जन्म शताब्दी भी है, इसलिए इस वर्ष 12 अगस्त से पूरे एक साल तक इसरो अनेक उत्सवों का आयोजन करेगा. इन राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय अायोजनों में फेलोशिप, यूनिवर्सिटी में स्कॉलरशिप जैसे कार्यक्रम शामिल होंगे.
सॉफ्टवेयरों के डिजाइनों में बदलाव
दफ्तरों में जो सॉफ्टवेयर इस्तेमाल किये जाते हैं, उनमें भी इस बार कई परिवर्तन आयेंगे. इन्हें इस्तेमाल करना और एक से दूसरे सॉफ्टवेयर के बीच सूचनाओं का आदान-प्रदान ज्यादा आसान हो जायेगा. अनेक लोकप्रिय सॉफ्टवेयरों के डिजाइनों में भी बदलाव देखने को मिलेगा. अब ये क्लाउड के साथ ज्यादा करीब से जुड़े होंगे. माइक्रोसॉफ्ट एज्योर, अमेजॉन वेब सर्विसेज और गूगल क्लाउड जैसी क्लाउड सेवाओं की दिशा में कंपनियों का झुकाव बढ़ेगा और गैर-सरकारी क्लाउड पर सरकारों का भरोसा भी बढ़ेगा. इस साल इंटेलिजेंट एज (क्लाउड का विकल्प) के प्रति भी दिलचस्पी दिखायी देगी, हालांकि ऐसे प्लेटफॉर्म भारत में 2021 से पहले खास दखल नहीं रखेंगे.
व्हाॅट्सएप्प में बदलाव
व्हाॅट्सएप्प की तरफ से कई बदलाव देखने को मिल सकते हैं. उस पर भारत सरकार का दबाव बना रहेगा और आनेवाले दिनों में यूजर्स को कई नये अंकुश देखने को मिलेंगे.
एक बड़ी घटना होगी व्हाॅट्सएप्प पर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर धन के लेनदेन की दिशा में. इसकी वजह से ब्लॉकचेन तकनीक जो 2018 में पिट गयी थी, साल 2019 में फिर से वापसी कर सकती है. चीनी उत्पादों की बाढ़ में भारतीय बाजार में दूसरी देसी-विदेशी स्मार्टफोन कंपनियों की स्थिति कमजोर होती रहेगी.
फिलहाल भारत सरकार की तरफ से भी इस मामले में कोई दखल किये जाने की उम्मीद नहीं दिखती. इंटरनेट ऑफ थिंग्स के बाजार को भारत की स्मार्ट सिटी परियोजनाओं से बढ़ावा मिलेगा, हालांकि, फंडिंग को लेकर समस्या बनी रहेगी. उपभोक्ता के स्तर पर यह तकनीक 2020 से पहले कोई बड़ी कामयाबी हासिल कर सके, ऐसा नहीं लगता. अलबत्ता, स्मार्ट स्पीकर जैसी चीजों का लोकप्रिय और सहज-सुलभ होना जारी रहेगा.

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