अमेरिका में शटडाउन का तीसरा सप्ताह, जिद पर अड़े डोनाल्ड ट्रंप

अमेरिका में शटडाउन खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है. अमेरिका-मेक्सिको सीमा पर दीवार बनाने की डोनाल्ड ट्रंप की महत्वाकांक्षी कार्ययोजना पर आनेवाले खर्च को लेकर सदन में बिल पास नहीं हो पाया, जिससे नाराज होकर ट्रंप प्रशासन ने पिछले तीन हफ्तों से अमेरिका में सरकारी बंदी घोषित कर रखी है. एक तरफ आठ […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 10, 2019 7:40 AM
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अमेरिका में शटडाउन खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है. अमेरिका-मेक्सिको सीमा पर दीवार बनाने की डोनाल्ड ट्रंप की महत्वाकांक्षी कार्ययोजना पर आनेवाले खर्च को लेकर सदन में बिल पास नहीं हो पाया, जिससे नाराज होकर ट्रंप प्रशासन ने पिछले तीन हफ्तों से अमेरिका में सरकारी बंदी घोषित कर रखी है.

एक तरफ आठ लाख कर्मचारी घर बैठने को मजबूर हुए हैं, वहीं ट्रंप द्वारा आपातकाल लगाने की चर्चा भी जोर पकड़ रही है. अमेरिका में जारी बहसों, वर्तमान गतिरोध, शटडाउन के इतिहास पर आधारित है आज का इन डेप्थ…

दीवार पर रार

अमेरिका में संघीय सरकार के शटडाउन को 19 दिन बीत चुके हैं. इस शटडाउन की वजह अमेरिका-मेक्सिको बॉर्डर वॉल निर्माण के लिए सदन के भीतर 5.7 बिलियन डॉलर के खर्च का अनुमोदन न मिलना है, जिसकी प्रतिक्रिया में ट्रंप प्रशासन ने शटडाउन की घोषणा कर दी थी.

इस मसले की जड़ें डोनाल्ड ट्रंप के साल 2016 में चुनावी प्रचार अभियान से जाकर मिलती हैं. राष्ट्रपति ट्रंप उस वक्त से ही शरणार्थियों को देश की सुरक्षा के लिए खतरा कहते रहे हैं. उन्होंने तब ‘अमेरिका-मेक्सिको बॉर्डर वॉल’ दीवार को अपना सपना बताया था तथा इसे अमेरिका की सुरक्षा नीतियों की दृष्टि से जरूरी भी कहा था और वादा किया था कि उनके राष्ट्रपति बनने के बाद वे इसका निर्माण करेंगे.

उनके अनुसार, अमेरिकी सीमा की सुरक्षा के लिए बनायी जाने वाली ये दीवार मजबूती व खूबसूरती के साथ डिजाइन की जायेगी, जिसके आर-पार भी देखा जा सकेगा, लेकिन इसे पार करना संभव नहीं होगा. सीमा पर सुरक्षा के लिए डोनाल्ड ट्रंप द्वारा प्रस्तावित इस दीवार के निर्माण का अनुमानित खर्च 5.6 बिलियन अमेरिकी डॉलर (लगभग 36,000 करोड़ रुपये) बताया गया है.

वर्तमान विवाद इतनी बड़ी राशि को लेकर खड़ा हुआ है. डेमोक्रेट्स इसके विरोध में हैं. उनका तर्क है कि चुनावी वादों को पूरा करने के लिए ट्रंप को जनता के टैक्स के पैसे पर इतनी महंगी दीवार बनाने का फैसला सही नहीं है. इसके बाद सीनेट में डेमोक्रेट्स ने प्रस्तावित बिल को पास नहीं होने दिया.

डेमोक्रेटिक पार्टी के साथ-साथ तमाम सरकारी कर्मचारी, बुद्धिजीवी, पत्रकार दीवार निर्माण पर इतने खर्च को अनावश्यक और फिजूलखर्ची कहते रहे हैं और लोहे के तारों की फेंसिंग को काफी बताते रहे हैं. हालांकि, राष्ट्रपति ट्रंप इस बात पर अड़े हुए हैं कि जब तक दीवार के लिए फंडिंग को मंजूरी नहीं मिलती, वह किसी विधेयक पर हस्ताक्षर नहीं करेंगे.

बीते मंगलवार को भी प्राइम टाइम के समय ऑफिस ओवल संबोधन में डोनाल्ड ट्रंप ने देश को संबोधित करते हुए इस बात पर जोर दिया कि ‘मेक्सिको सीमा पर दीवार अमेरिका की सुरक्षा व सीमा पर हमारे तैयार रहने के लिए है. सीमा की सुरक्षा राष्ट्रीय चिंता का विषय है. मैं अवैध शरणार्थियों को अमेरिका में जगह देने की प्रवृत्ति को खत्म करना चाहता हूं और इसीलिए मुझे दीवार का निर्माण करना है, जिसके लिए मुझे जरूरी फंड चाहिए.’

आठ लाख कर्मचारी घर बैठने को मजबूर

वर्तमान गतिरोध के कारण लगभग आठ लाख संघीय कर्मचारियों को 22 दिसंबर से ही घर बैठने पर मजबूर होना पड़ा है और उन्हें सैलरी ‍भी नहीं दी जा रही है. सरकार के अधीन 15 विभागों में से नौ विभागों पर शटडाउन का सीधा असर पड़ा है. हाल में, एक पत्रकार के सवाल के जवाब में डोनाल्ड ट्रंप ने यहां तक कह दिया था कि जरूरी हुआ तो वह संघीय एजेंसियों को कई सालों तक भी बंद रख सकते हैं.

आपातकाल की धमकी

अमेरिका-मेक्सिको सीमा पर दीवार बनाने को लेकर जारी गतिरोध सरकारी शटडाउन तक पहुंच गया है. हाल में, सीनेट में डेमोक्रेट्स के विरोध के बाद, इससे एक कदम आगे बढ़ते हुए राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कथित सीमा सुरक्षा हेतु दीवार का निर्माण करने के लिए आपातकाल लगाने की भी धमकी दे दी है.

कहा जा रहा है कि कभी भी ट्रंप देश में आपातकाल की घोषणा कर सकते हैं. जानकारों के अनुसार अमेरिका के राष्ट्रपति को आपातकाल की घोषणा का अधिकार अत्यंत विशेष परिस्थितियों के लिए संविधान द्वारा प्रदान किया गया है. इसके अंतर्गत, कानून के अनुसार युद्ध और राष्ट्रीय आपातकाल की स्थिति में राष्ट्रपति सैन्य परियोजनाओं के काम को अंजाम देने का अधिकार रखता है.

क्या होता है शटडाउन?

अमेरिकी संविधान में एंटी-डेफिशिएंसी एक्ट (न्यूनता विरोधी कानून) का प्रावधान है. इस प्रावधान के अनुसार धन का अभाव होने की दशा में सरकारी कामकाज ठप हो जाता है.

यह स्थिति तब उत्पन्न होती है, जब संसद में किसी कार्ययोजना के खर्चों के लिए सदन में फंडिंग के मुद्दे पर सहमति नहीं बनती और संसद में यह पारित नहीं हो पाता. इसके बाद सरकारी कर्मचारियों को जरूरत के लिहाज से प्रथम श्रेणी और द्वितीय श्रेणी में बांटा जाता है. इस क्रम में पहली श्रेणी के कर्मचारी काम पर बुलाये जाते हैं, लेकिन उन्हें वेतन नहीं दिया जाता.

जबकि दूसरी श्रेणी के कर्मचारियों को छुट्टी पर भेज दिया जाता है और वेतन भी नहीं मिलता है. जब शटडाउन खत्म हो जाता है, तो इसके बाद प्रथम श्रेणी के कर्मचारियों को उनका वेतन एकमुश्त दे दिया जाता है, द्वितीय श्रेणी के कर्मचारियों को काम पर वापस बुला लिया जाता है और काम शुरू हो जाता है.

कार्यप्रणाली

शटडाउन अनिश्चितकालीन भी हो सकता है, हालांकि अमेरिकी इतिहास में ऐसा अभी तक हुआ नहीं है. सरकारी विभागों की भी श्रेणियां बनायी जाती हैं और उन्हें महत्वपूर्ण-गैर महत्वपूर्ण वर्गों में रख दिया जाता है.

इस व्यवस्था के अंतर्गत शटडाउन के समय कई सरकारी संस्थाओं को बंद कर दिया जाता है. सभी सरकारी कर्मचारी नौकरी पर बने रहते हैं, लेकिन उनकी पगार रोक ली जाती है. प्रथम श्रेणी के कर्मचारी रक्षा, फेडरल जेल और सोशल सिक्योरिटी जैसे विभागों के होते हैं, जिन्हें बगैर पगार के भी नौकरी करनी होती है. इस दौरान पासपोर्ट, आयकर जैसे विभागों को कम महत्वपूर्ण विभागों में गिना जाता है, जिनके बिना देश का काम कुछ समय तक जारी रह सकता है, और इन्हें बंद कर दिया जाता है.

इन विभागों के कर्मचारियों को द्वितीय श्रेणी में रखा जाता है और बिना पगार के छुट्टी पर भेज दिया जाता है. इन वजहों से कर्मचारियों में सरकार के प्रति गुस्सा भी देखने में आता है. इसका कारण यह भी है कि सरकारी नौकरी में होने की वजह से ये कर्मचारी कानूनन किसी दूसरी जगह काम भी नहीं कर सकते हैं. इसलिए शटडाउन द्वितीय श्रेणी के कर्मचारियों के लिए बुरी स्थिति पैदा करता है.

इतिहास में शटडाउन कालक्रम

1790 : रिवोल्यूशनरी वार को अनुदान देने के लिए फेडरल सरकार द्वारा बॉन्ड्स को नया रूप दिये जाने की वजह से इस वर्ष शटडाउन हुआ था.

1933 : इस शटडाउन का कारण लेनदारों द्वारा स्वर्ण के रूप में भुगतान की मांग को अवैध ठहराने के लिए कांग्रेस द्वारा बिल पारित किया जाना था.

सितंबर 1976 : तत्कालीन राष्ट्रपति गेराल्ड फोर्ड ने यूएस डिपार्टमेंट ऑफ हेल्थ, एजुकेशन व वेलफेयर के साथ ही यूएस डिपार्टमेंट ऑफ लेबर के वित्तपोषण वाले बिल पर वीटो कर दिया था. इस वीटो के कारण 30 सितंबर से 11 अक्तूबर तक 10 दिनों के लिए अमेरिका को शटडाउन का सामना करना पड़ा था.

1977 : गर्भपात के लिए मेडिकेड राशि देने को लेकर हाउस व सीनेट के बीच छिड़े युद्ध के कारण 30 सितंबर से 13 अक्तूबर तक 13 दिनों के लिए यहां शटडाउन हुआ था. इस मुद्दे पर 13 अक्तूबर को हुए अस्थायी समझौते के खत्म होने के बाद एक बार फिर सरकार ने 31 अक्तूबर से आठ दिनों का शटडाउन किया था. इस वर्ष एक बार फिर गर्भपात पर मेडिकेड राशि के खर्च को लेकर 30 नवंबर से 9 दिसंबर तक सरकार ने शटडाउन किया था.

सितंबर 1978 : तत्कालीन राष्ट्रपति कार्टर द्वारा डिफेंस बिल पर वीटो करने को लेकर 30 सितंबर से 18 अक्तूबर तक यहां 18 दिनों तक शटडाउन रहा था.

सितंबर 1979 : गर्भपात को लेकर एक बार फिर 30 सितंबर से 12 अक्तूबर तक यहां 11 दिनों तक शटडाउन रहा था.

नवंबर 1981 : 21 से 22 नवंबर को अमेरिका के तत्कालीन राष्ट्रपति रोनाल्ड रीगन के कार्यकाल में दो दिनों का शटडाउन हुआ था. असल में रीगन घरेलू खर्चे में दो बिलियन की कटौती चाहते थे. लेकिन कांग्रेस ऐसा नहीं कर सकी और रीगन ने वीटो कर शटडाउन का आदेश दे दिया था.

इसके बाद कांग्रेस एक अस्थायी फंडिंग बिल लेकर आयी थी, ताकि इस मामले का दीर्घकालिक हल निकाला जा सके. इस प्रकार शटडाउन खत्म हुआ.

अक्तूबर 1982 : सांसदों के उपस्थित नहीं होने के कारण निर्धारित तिथि को कांग्रेस द्वारा नया बजट पारित नहीं किया जा सका था. इस कारण 1 अक्तूबर को यहां एक दिन के लिए शटडाउन हुआ था. सांसदों के लौट आने के बाद खर्चे का बिल देर से पारित हुआ व राष्ट्रपति रीगन ने इस पर हस्ताक्षर किया.

दिसंबर 1982 : कांग्रेस के नेता नौकरी सृजन के लिए बिलियनों डॉलर चाहते थे, लेकिन तत्कालीन राष्ट्रपति रीगन ने इसका विरोध किया.

डेमोक्रेटिक हाउस का विरोध परमाणु मिसाइल कार्यक्रम से जुड़े खर्चे को लेकर भी था. इस वजह से 18 से 20 दिसंबर तक तीन दिनाें के लिए यहां शटडाउन हुआ था. कांग्रेस द्वारा इस बिल की जगह राष्ट्रपति की इच्छा पर गरीब अमेरिकी नागरिकों के कानूनी सहायता के लिए वित्त पोषण करने वाला बिल लाया गया, जिस पर राष्ट्रपति ने हस्ताक्षर कर दिया.

नवंबर 1983 : हाउस डेमोक्रेट्स शिक्षा के लिए एक बिलियन डॉलर की अतिरिक्त राशि की मांग कर रहे थे, लेकिन तत्कालीन राष्ट्रपति रीगन की प्राथमिकता में वह शामिल नहीं था. इस वजह से 11 से 13 नवंबर तक तीन दिनों का शटडाउन हुआ था. डेमोक्रेट्स द्वारा शिक्षा खर्च को कम करने और एमएक्स मिसाइल के लिए वित्त पोषण करने के बाद, जिसे पिछले शटडाउन के दौरान उन्होंने कम कर दिया था, शटडाउन खत्म हुआ था.

अक्तूबर 1984 : 1 और 2 अक्तूबर 1984 को अमेरिका में तब शटडाउन हुआ था जब कांग्रेस के फंडिग बिल पर रोनाल्ड रीगन ने हस्ताक्षर करने से मना कर दिया था. असल में इस बिल में कांग्रेस ने क्राइम फाइटिंग पैकेज, वाटर प्रोजेक्ट फंडिंग व सिविल राइट्स मेजर जैसी कई चीजों को शामिल कर दिया था, जिससे रीगन को ऐतराज था.

इसके बाद कांग्रेस ने तीन दिनों का एक फंडिंग एक्सटेंशन पारित किया ताकि इस मसले पर बातचीत जारी रह सके. लेकिन तीन दिनों में सहमति नहीं बनी तब चार अक्तूबर को एक दिन के लिए फिर से शटडाउन हुआ. इसके बाद कांग्रेस ने रीगन की इच्छानुसार बिल से अनेक बातों को हटा दिया.

अक्तूबर 1986 : तत्कालीन राष्ट्रपति रीगन और हाउस डेमोक्रेट्स के बीच कई मुद्दों पर असहमित हो जाने के कारण 17 अक्तूबर को एक दिन के लिए शटडाउन हुआ था. बाद में डेमोक्रेट्स व रिपब्लिकन के बीच सहमित बनने के बाद शटडाउन समाप्त हो गया.

दिसंबर 1987 : निकारागुआ के विद्रोहियों को सहायता राशि देने के तरीके पर राष्ट्रपति और डेमोक्रेट्स के बीच सहमति नहीं बनने के कारण 19 दिसंबर को एक दिन के लिए शटडाउन हुआ था. बाद में कांग्रेस इन विद्रोहियों को गैर-घातक सहायता (नॉन लीथल एड) देने पर सहमत हो गयी थी.

अक्तूबर 1990 : सरकार को वित्तपोषण देने वाले एक विधेयक में घाटा कम करने वाली योजना के शामिल नहीं होने से तत्कालीन राष्ट्रपति जॉर्ज एच डब्लयू बुश ने उस पर हस्ताक्षर करने से इंकार कर दिया था. इस कारण छह से आठ अक्तूबर तक तीन दिनों के लिए यहां शटडाउन हुआ था. कांग्रेस द्वारा विधेयक में घाटा कटौती योजना शामिल करने के बाद परिस्थितयां सामान्य हो गयीं.

नवंबर 1995 : क्लिंटन द्वारा उस विधेयक को वीटो किये जाने, जिसमें मेडिकेयर प्रीमियर बढ़ाने और सात वर्षीय संतुलित बजट योजना शामिल करने की जरूरत की बात शामिल थी, को लेकर यहां 14 से 18 नवंबर तक पांच दिनों के लिए शटडाउन हुआ था. क्लिंटन व रिपब्लिकनों के बीच जब सरकार को वित्तपोषण देने और सात वर्षीय संतुलित बजट योजना को पेश करने को लेकर सहमति बनी तब शटडाउन को समाप्त कर दिया गया.

दिसंबर-जनवरी 1995-96 : 16 दिसंबर, 1995 से पांच जनवरी, 1996 तक 21 दिनों तक यहां शटडाउन रहा था. यह अमेरिकी इतिहास का यह अब तक का सबसे लंबा शटडाउन है.

सात वर्ष के लिए बजट को कैसे संतुलित किया जाये, इसे लेकर तत्कालीन राष्ट्रपति बिल क्लिंटन व रिपब्लिकन के बीच सहमति नहीं बनने के कारण शटडाउन की स्थिति आयी थी. बाद में रिपब्लिकन सिनेट द्वारा सरकार री-ओपन करने का दबाव व सात वर्षीय संतुलित बजट योजना लागू करने के उद्देश्य को छोड़ने के बाद यह समस्या हल हुई.

अक्तूबर 2013 : ओबामाकेयर के कुछ हिस्सों को अवरुद्ध करने के लिए कट्टरपंथी कंजर्वेटिव्स द्वारा रिपब्लिकनों को शटडाउन की धमकी देने के लिए उकसाये जाने के बाद यहां एक अक्तूबर से 16 अक्तूबर तक 16 दिनों का शटडाउन हुआ था. किसी भी प्रमुख स्वास्थ्य-देखभाल प्रावधानों को शामिल किये बिना सरकार को वित्तपोषण देनेवाले बिल को पारित किये जाने के बाद रिपब्लिकन मान गये और यह मामला शांत हुआ.

जनवरी 2018 : डेमोक्रेट्स अमेरिका में शरण चाहनेवालों का संरक्षण (प्रोटेक्शन फॉर ड्रीमर्स) चाहते थे, लेकिन रिपब्लिकन द्वारा सरकारी फंडिंग के पारित होने तक आप्रवासन पर किसी तरह की बातचीत से इंकार कर दिया गया था.

इस कारण 20 से 22 जनवरी तक यहां तीन दिनों के लिए शटडाउन हुआ था. रिपब्लिकन द्वारा शरणार्थियों की स्थिति को लेकर मध्य फरवरी तक मतदान रोकने की स्वीकृति देने के बाद डेमोक्रेट्स सीनेट ने सरकार री-ओपन करने का दबाव डालना बंद किया. तब जाकर शटडाउन खत्म हुआ.

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