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राष्ट्रीय युवा दिवस : युवा-शक्ति मिल कर बना रही नया भारत

आज स्वामी विवेकानंद की 156वीं जयंती है. स्वामी विवेकानंद युवाओं को राष्ट्र निर्माण व सकारात्मक बदलाव का सबसे प्रमुख सारथी मानते थे. उनकी आध्यात्मिक चेतना व उनके विचार आज के युवाओं के लिए और भी प्रासंगिक हैं. यही वजह है कि उनके जन्मदिवस को राष्ट्रीय युवा दिवस के रूप मनाया जाता है. आज अपने देश […]

आज स्वामी विवेकानंद की 156वीं जयंती है. स्वामी विवेकानंद युवाओं को राष्ट्र निर्माण व सकारात्मक बदलाव का सबसे प्रमुख सारथी मानते थे. उनकी आध्यात्मिक चेतना व उनके विचार आज के युवाओं के लिए और भी प्रासंगिक हैं. यही वजह है कि उनके जन्मदिवस को राष्ट्रीय युवा दिवस के रूप मनाया जाता है. आज अपने देश में सबसे बड़ी आबादी युवाओं की है.

इनमें से कुछ युवा अपनी ऊर्जा, लगन और परिश्रम से देश को नया स्वरूप दे रहे हैं. इनके छोटे-छोटे प्रयासों में बदलाव का बड़ा रास्ता छिपा है. अगर देश के सभी युवा इनकी तरह अपने अंदर की शक्ति को पहचानने में कामयाब हो जाएं, तो हमारे देश को शिखर तक पहुंचने से कोई नहीं रोक सकता. राष्ट्रीय युवा दिवस पर आप भी जानिए इन युवाओं के प्रयासों की कहानी.
इन दोस्तों ने शुरू की बदलाव की ‘प्रतिलिपि’
रणजीत प्रताप सिंह शंकरा नारायणन देवराजन और प्रशांत गुप्ता
रणजीत प्रताप सिंह, शंकरा नारायणन देवराजन, प्रशांत गुप्ता और राहुल रंजन, चारों दोस्त हैं. इनकी उम्र 29 से 30 वर्ष के बीच है. इन चारों युवाओं ने मिल कर वर्ष 2015 में नसादिया टक्नलॉजी ‘प्रतिलिपि’ की स्थापना की. यह एक सेल्फ पब्लिशिंग पोर्टल है.
आपको जान कर आश्चर्य होगा कि कुछ ही वर्ष में इसके जरिये हजारों युवाओं को रोजगार मिला. अभी करीब 15 हजार लोग यहां नौकरी करते हैं. इस एप को अब तक लाखों यूजर डाउनलोड कर चुके हैं. नसादिया टेक्नोलॉजी की स्थापना की कहानी भी दिलचस्प है. दरअसल, उत्तर प्रदेश के फतेपुर के रहनेवाले रणजीत प्रताप सिंह के ताऊजी अपनी लिखी चीजों को छपवाने के लिए पैसे जमा किया करते थे.
रणजीत के दिमाग में यह बात घर कर गयी थी कि अपने लिखे हुए को प्रकाशित करवाने के लिए भी पैसे देने होते हैं. फिर एमबीए करने के बाद उन्होंने कुछ दिन नौकरी भी की, लेकिन यह बात उनका पीछा नहीं छोड़ रही थी. फिर उन्होंने एक दिन नौकरी छोड़ी दी और अपनी जैसी सोच वाले दोस्तों का साथ लेकर ‘प्रतिलिपि’ को तैयार करने के लिए नसादिया टेक्नोलॉजी की स्थापना की.
प्रतिलिपि एक सेल्फ पब्लिशिंग प्लेटफॉर्म है, जहां लोग अपनी कहानियां खुद से ऑनलाइन पब्लिश कर सकते हैं. वह भी फ्री में और आठ भारतीय भाषाओं में. यहां पाठकों का एक बड़ा संसार है.
वेजीटेरियन खाने की चाह ने बना दिया रेस्टोरेंट ऑनर
श्रद्धा भंसाली
कैंडी एंड ग्रीन की फाउंडर श्रद्धा भंसाली की उम्र मात्र 26 वर्ष है. इस उम्र में रेस्टोरेंट बिजनेस में उन्होंने अपने अनोखे आइडिया के कारण बड़ा नाम कमाया है. श्रद्धा ने एक ऐसा रेस्टोरेंट एंड बार खोला है, जो सिर्फ वेजीटेरियन लोगों के लिए है. इसकी शुरुआत वर्ष 2017 में मुंबई में हुई थी.
श्रद्धा को वेजीटेरियन रेस्टोरेंट खोलने का आइडिया तब आया, जब वह चाइना में जॉब कर रही थीं. इस दौरान वहां उन्हें वेजीटेरियन खाने की तलाश में परेशान होना पड़ा था. श्रद्धा ने हॉस्पिटेलिटी और बिजनेस की पढ़ाई बोस्टन यूनिवर्सिटी से की है. इनके रेस्टोरेंट की यूएसपी है कि खाना बनाने के लिए इस्तेमाल होने वाले इंग्रेडिएंट्स इनके रेस्टोरेंट में ही उगाये जाते हैं.
बनाया खुद से सीखने में मदद करने वाला प्लेटफॉर्म
गौरव, रोमान और हिमेश
गौरव मुंजाल (28 वर्ष), रोमान सैनी (27 वर्ष) और हिमेश सिंह (26 वर्ष) ने मिल कर ‘अनएकेडमी’ की शुरुआत की. वर्ष 2010 में मुंबई में इंजीनियरिंग की पढ़ाई के दौरान ही गौरव मुंजाल ने कंप्यूटर ग्राफिक्स पर शॉर्ट वीडियो ट्यूटोरियल अपलोड करना शुरू किया. इसके बाद उन्होंने वीडियो शेयरिंग प्लेटफॉर्म पर अनएकेडमी नाम का चैनल भी शुरू किया, जो कि उनके दोस्त भी ट्यूटोरियल एक्सेस कर सकते थे.
सकारात्मक प्रतिक्रिया आने के बाद उन्होंने अपने दोस्त रोमन सैनी को भी इस काम में जोड़ लिया. खुद से सीखने में मदद करने वाला प्लेटफॉर्म अनएकेडमी आजकल काफी लोकप्रिय है.
इलेक्ट्रिक स्कूटर बनाने की पहल करने वाले दो युवा
तरुण मेहता और स्वप्निल जैन
तरुण मेहता और स्वप्निल जैन, दोनों की उम्र 29 वर्ष है. इन्होंने एथर एनर्जी नाम एक कंपनी बनायी है. एथर एनर्जी एक टू-व्हीलर मेकर कंपनी है. इस कंपनी ने पिछले वर्ष जून में भारत के अब तक के सबसे महंगे दो स्कूटर लॉन्च किये. ये दोनों ही इलेक्ट्रिकल स्कूटर हैं.
इन स्कूटर्स की खासियत है कि ये 80 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ सकते हैं. इसके साथ ही एक बार चार्ज होने पर ये 60 किलोमीटर तक का सफर तय कर सकते हैं. तरुण और स्वप्निल दोनों ही आइआइटी, मद्रास के पासआउट हैं. इन्होंने वर्ष 2013 में एथर एनर्जी कंपनी की शुरुआत की थी. खास बात है कि इस कंपनी को फ्लिपकार्ट, हीरो मोटोकॉर्प और टाइगर ग्लोबल की तरफ से फंडिंग की जाती है. पिछले दिनों हीरो मोटोकॉर्प ने इसे 180 करोड़ रुपये का फंड दिया.
इन स्कूटर्स की बैटरी को आइपी-67 से रेटिंग प्राप्त है. आमतौर पर यह रेटिंग स्मार्टफोन की बैटरी को मिलती है, लेकिन इन्हें भी यही रेटिंग मिली हैं, जिसका मतलब है कि इनकी बैटरी पूरी तरह से डस्टप्रूफ और वाटरप्रूफ है. ये क्विक चार्जिंग को सपोर्ट करती हैं और एक मिनट चार्ज करने पर इनसे एक किलोमीटर तक का सफर तय किया जा सकता है.
इस स्कूटर के सारे पार्ट्स पूरी तरह से इंडिया में ही बनाये गये हैं. अभी ये स्कूटर्स बेंगलुरु के बाजारों में उपलब्ध हैं. कंपनी के मुताबिक, इसे जल्द ही पुणे में भी लॉन्च किया जायेगा.
सबसे कम उम्र की विश्वकप विजेता भारतीय निशानेबाज
मनु भाकर
हरियाणा के झज्जर की रहनेवाली 16 वर्षीया निशानेबाज मनु भाकर फिलहाल 12वीं क्लास में हैं और मेडिकल की तैयारी कर रही हैं. 21वें कॉमनवेल्थ में उन्होंने ऐसा निशाना साधा कि भारत की झोली में गोल्ड आया. मनु ने पिछले वर्ष मैक्सिको के गुआदालाजारा में हुए आइएसएसएफ विश्व कप में एक नहीं, बल्कि दो-दो स्वर्ण पदक अपने नाम किये.
मनु ने साल 2016 में शूटिंग की शुरुआत की थी और इन सालों के अंतराल में नेशनल चैंपियन बन गयीं. निशानेबाजी विश्वकप में मनु से पहले सबसे कम उम्र में स्वर्णपदक जीतने का भारतीय रिकॉर्ड गगन नारंग और राही सरनोबत के नाम दर्ज था, लेकिन मनु ने इन दो पूर्व दिग्गजों के रिकॉर्ड तोड़ कर यह साबित कर दिया कि आने वाले एक दशक में वह भारतीय शूटिंग का सबसे चमकीला सितारा होंगी.

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