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इस साल इन तकनीकों पर रहेगी नजर

प्रौद्योगिकी अब इतनी तीव्र गति से विकसित हो रही है कि जानकारों द्वारा की जानेवाली भविष्यवाणियां सच होने से पहले ही पुरानी हो चुकी होती हैं. आर्थिकी के लिहाज से यह सुखद स्थिति होती है तथा प्रौद्योगिकी के तेज विकास से बदलाव और प्रगति भी संभव हो पाती है. आनेवाले समय में हम प्रौद्योगिकियों पर […]

प्रौद्योगिकी अब इतनी तीव्र गति से विकसित हो रही है कि जानकारों द्वारा की जानेवाली भविष्यवाणियां सच होने से पहले ही पुरानी हो चुकी होती हैं. आर्थिकी के लिहाज से यह सुखद स्थिति होती है तथा प्रौद्योगिकी के तेज विकास से बदलाव और प्रगति भी संभव हो पाती है.
आनेवाले समय में हम प्रौद्योगिकियों पर आधारित करियर विकल्पों में भी प्रभावशाली बढ़ोतरी देखेंगे. कुछ ऐसी तकनीकें, जो इस वर्ष सूचना व प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में प्रभुत्व जमायेंगी और नौकरियों के अवसर पैदा करेंगी, आज के इन्फो टेक में…
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस
हाल के वर्षों में चर्चा में रही आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) को इस वर्ष भी तवज्जो मिलेगी. उम्मीद है कि इस वर्ष यह तकनीक हमारे जीवन जीने के तरीके, काम और खेल पर अपना असर दिखायेगी. हालांकि यह असर शुरुआती स्तर का होगा. एआई का अर्थ वैसे कंप्यूटर सिस्टम से है, जो मानव बुद्धि की नकल करने और तस्वीर, आवाज या नमूनों की पहचान करने के साथ ही निर्णय लेने में भी सक्षम होता है.
इस तकनीक के जरिये इन सभी कार्यों को मनुष्यों से कहीं ज्यादा तेज और सटीक तरीके से किया जा सकता है. हालांकि हमारे देश में अभी इस तकनीक का ज्यादा इस्तेमाल नहीं है, लेकिन विश्व के कई देश तकरीबन 1956 से इस तकनीक का इस्तेमाल कर रहे हैं.
अमेरिका में तो तकरीबन रोज ही किसी न किसी रूप में एआई और एआई सेवा का इस्तेमाल होता है. विशेषज्ञों की मानें, तो 2020 तक एआई के क्षेत्र में 23 मिलियन नौकरियां उत्पन्न होंगी. जिन क्षेत्रों में नौकरियां उत्पन्न होंगी उनमें डेवलपमेंट, प्रोग्रामिंग, टेस्टिंग, सपोर्ट व मेंटेनेंस आदि क्षेत्र शामिल होंगे.
रोबोटिक प्रोसेस ऑटोमेशन
एआई और मशीन लर्निंग की तरह रोबोट प्रोसेस ऑटोमेशन (आरपीए) तकनीक भी ऑटोमेशन के इस्तेमाल से किसी भी कार्य को पूरा करती है. इस तकनीक में सॉफ्टवेयर का उपयोग एप्लिकेशन प्रोसेसिंग, लेनदेन के कार्य, डेटा संबंधित कार्य, ईमेल का जवाब देने जैसी व्यावसायिक प्रक्रियाओं को स्वचालित करने के लिए किया जाता है.
जिन कार्यों को हम बार-बार करने के आदि थे, आरपीए उन कार्यों को स्वचालित करता है. इस तकनीक के जरिये सिर्फ कम-भुगतान वाले कार्य ही नहीं, बल्कि हमारी 45 प्रतिशत गतिविधियां इसके माध्यम से स्वचालित हो सकती हैं. इतना ही नहीं वित्तीय प्रबंधक, डाॅक्टर और सीईओ के काम भी इस तकनीक के माध्यम से स्वचालित किये जा सकते हैं. मैकिंसे की मानें, तो इस तकनीक के जरिये पांच प्रतिशत से कम व्यवसायों को पूर्ण रूप से और 60 प्रतिशत को आंशिक रूप से स्वचालित किया जा सकता है.
जहां तक नौकरी की बात है तो आरपीए मौजूदा नौकरियों में बदलाव करके नये रोजगार भी पैदा कर रहा है. इस क्षेत्र में डेवलपर, प्रोजेक्ट मैनेजर, बिजनेस एनालिस्ट, सॉल्यूशन ऑर्किटेक्ट व कंसल्टेंट समेत कैरियर के तमाम मौके उपलब्ध हैं. सिंपलहायर्ड डॉट कॉम का कहना है कि एक आरपीए के क्षेत्र में औसत वेतन तिहत्तर हजार डाॅलर से अधिक है.
मशीन लर्निंग
मशीन लर्निंग, जो एआई का ही भाग है, आज के दौर की तेजी से उभरती तकनीक है. इस तकनीक के साथ कंप्यूटर को कुछ ऐसी चीजें सीखने के लिए प्रोग्राम किया जाता है, जिनके लिए पहले से उन्हें प्रोग्राम नहीं किया गया होता है. वास्तव में इस तकनीक के जरिये ही हमारा कंप्यूटर, मशीन डिस्कवरिंग पैटर्न और मौजूद डेटा के माध्यम से नयी-नयी चीजों को सीखता है.
आज लगभग सभी तरह के उद्योगों में इस तकनीक का उपयोग किया जा रहा है, इस वजह से मशीन लर्निंग पेशेवर की मांग काफी बढ़ती जा रही है. वर्ष 2022 तक मशीन लर्निंग बाजार के 8.81 बिलियन तक पहुंच जाने की उम्मीद है. इस एप्लीकेशन का इस्तेमाल डेटा एनालिटिक्स, डेटा माइनिंग व पैटर्न रिकॉग्निशन से लेकर रीयल टाइम एेड्स व नेटवर्क इंट्रुशन डिटेक्शन समेत अनेक क्षेत्रों में होता है. इन अनगिनत कार्यों को पूरा करने के साथ ही यह तकनीक नौकरियां भी सृजित कर रहा है.
यही वजह है कि लिंक्डइन ने शीर्ष उभरती नौकरियों में मशीन लर्निंग को भी स्थान दिया है. इस साइट पर मशीन लर्निंग से संबंधित लगभग दो हजार नौकरियां पोस्ट की गयी हैं. वर्ष 2017 में एक मशीन लर्निंग इंजीनियर का औसत वेतन दस हजार डॉलर से अधिक था. इंजीनियर के अलावा, डेवलपर, रिसर्चर व डेेटा साइंटिस्ट की नौकरी भी इस क्षेत्र में उपलब्ध है.
ब्लॉकचेन
अधिकांश लोग ब्लॉकचेन तकनीक को बिटक्वाइन जैसी क्रिप्टोकरेंसी के संबंध व संदर्भ में सोचते हैं. लेकिन, ब्लॉकचेन आपको सुरक्षा प्रदान करता है, जो कई तरीकों से उपयोगी है. सरल शब्दों में कहें, तो ब्लॉकचेन को उस डेटा के रूप में वर्णित किया जा सकता है जिसे आप हटा नहीं सकते, केवल जोड़ सकते हैं या बदल सकते हैं.
दरअसल, ‘चेन’ शब्द का इस्तेमाल ही इसलिए किया जाता है, क्योंकि आप डेटा की एक शृंखला बना रहे होते हैं. पिछले ब्लॉक को बदलने में सक्षम नहीं होने के कारण ही यह इतना सुरक्षित है. इसके अलावा, ब्लॉकचेन सर्वसम्मति से संचालित हैं, इसलिए कोई भी इकाई डेटा को नियंत्रित नहीं कर सकती है. ब्लॉकचेन के साथ, आपको लेन-देन की देखरेख या सत्यापन के लिए किसी तृतीय-पक्ष की आवश्यकता नहीं होती है. ब्लॉकचेन का उपयोग करके मेडिकल डेटा जैसी जानकारी की सुरक्षा में महत्वपूर्ण भूमिका निभायी जा सकती है.
ब्लॉकचेन का उपयोग वैश्विक आपूर्ति शृंखला में बड़े पैमाने पर सुधार भी ला सकता है, साथ ही साथ परिसंपत्तियों की रक्षा भी करता है.जानकारों के अनुसार, ब्लॉकचेन तकनीक का उपयोग जैसे-जैसे बढ़ेगा, वैसे-वैसे कुशल पेशेवरों की मांग भी बढ़ती जायेगी. बल्कि, इस लिहाज से हम पीछे चल रहे हैं. ब्लॉकचेन-संबंधित नौकरियां, नौकरियों की दूसरी सबसे तेजी से बढ़ती श्रेणी है, जिसमें हर ब्लॉकचेन डेवलपर के लिए एक समय में 14 नौकरियों के अवसर उपलब्ध हैं.
एक ब्लॉकचेन डेवलपर ब्लॉकचेन तकनीक का उपयोग करके वास्तुकला और समाधानों को विकसित करने और कार्यान्वित करने में माहिर होता है और वैश्विक बाजार के हिसाब से उसका औसत वार्षिक वेतन 130,000 डॉलर है. इस क्षेत्र में ब्लॉकचेन डेवलपर के अलावा नियोक्ता सॉफ्टवेयर इंजीनियर, सलाहकार और परियोजना प्रबंधक की भी तलाश रहती है. जानकारों के अनुसार, ये नौकरियां वित्तीय संस्थानों, खुदरा और स्वास्थ्य सेवा में भी उपलब्ध हैं और आने वक्त में विनिर्माण क्षेत्र में भी होंगी.
एज कंप्यूटिंग
आज क्लाउड कंप्यूटिंग की तकनीक मुख्यधारा में शामिल हो गयी है, जिसमें एडब्ल्यूएस (अमेजन वेब सर्विसेज), माइक्रोसॉफ्ट एज्युर और गूगल क्लाउड बाजार में हावी हैं. क्लाउड कंप्यूटिंग का चलन तेजी से बढ़ रहा है और अधिक से अधिक व्यवसाय क्लाउड सोल्युशन में भी स्थानांतरित हो रहे हैं.
हालांकि, यह अब उभरती तकनीक नहीं है, क्योंकि एज कंप्यूटिंग का दौर आ गया है. जैसे-जैसे हम काम कर रहे हैं, डेटा की मात्रा में वृद्धि जारी है, कुछ स्थितियों में क्लाउड कंप्यूटिंग की कमियों का पता भी चला है. एज कंप्यूटिंग को उन समस्याओं को हल करने के लिए डिजाइन किया गया है.
इससे क्लाउड कंप्यूटिंग के कारण होनेवाले विलंब को दूर करने में मदद मिलेगी और प्रसंस्करण के लिए डेटासेंटर तक डेटा पहुंचाने में मदद मिलेगी. इसकी मदद से एज कंप्यूटिंग का उपयोग सीमित स्थानों पर समय-संवेदी डेटा को सीमित करने के लिए किया जा सकता है या किसी केंद्रीकृत स्थान से कनेक्टिविटी के लिए किया जा सकता है.
उन स्थितियों में, एज कंप्यूटिंग मिनी डेटासेंटर की तरह काम कर सकती है. आनेवाले समय में इंटरनेट ऑफ थिंग्स (आईओटी) उपकरणों के उपयोग से एज कंप्यूटिंग में वृद्धि होगी. साल 2022 तक, ग्लोबल एज कंप्यूटिंग बाजार 6.72 बिलियन डॉलर तक पहुंच जायेगा. किसी भी बढ़ते बाजार की तरह, यह मुख्य रूप से सॉफ्टवेयर इंजीनियरों के लिए मांग व अवसर पैदा करेगा.

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