हमलावर नीति बरकरार रहनी चाहिए

प्रो एसडी मुनि सदस्य, कार्यकारी काउंसिल, आईडीएसए सबसे पहली बात तो यह है कि भारत की जवाबी कार्रवाई बहुत अच्छी रही है. यह एक अच्छा कदम भारत ने उठाया है. हालांकि, इसके लिए इतनी देर नहीं लगनी चाहिए थी. हम सबको पता है कि बालाकोट में आतंकी कैंप चलते हैं और आतंकियों को यहां प्रशिक्षण […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 27, 2019 8:32 AM
प्रो एसडी मुनि
सदस्य, कार्यकारी काउंसिल, आईडीएसए
सबसे पहली बात तो यह है कि भारत की जवाबी कार्रवाई बहुत अच्छी रही है. यह एक अच्छा कदम भारत ने उठाया है. हालांकि, इसके लिए इतनी देर नहीं लगनी चाहिए थी. हम सबको पता है कि बालाकोट में आतंकी कैंप चलते हैं और आतंकियों को यहां प्रशिक्षण दिया जाता रहा है और यह पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) में है.
इस कार्रवाई में इतनी देर नहीं लगनी चाहिए थी. इंटेलिजेंस को जानकारी नहीं थी, सरकार को पता नहीं था या वो डर रही थी, ऐसे कई सवाल खड़े होते हैं. कार्रवाई के बाद आधिकारिक बयान भी आया है. एक सवाल यहां भी खड़ा होता है कि अगर यह कार्रवाई पीओके में हुई है तो विदेश सचिव विजय गोखले क्यों आगे किये गये, गृह सचिव ने क्यों नहीं आधिकारिक बयान प्रस्तुत किया. जब हम मानते हैं कि पीओके हिंदुस्तान का हिस्सा है, तो इस कार्रवाई के बाद गृह सचिव को आगे किया जाना चाहिए था. बहुत दिनों से यह सुनने में आ रहा था कि बालाकोट में ही फिलहाल सबसे बड़ा कैंप चल रहा था.
बहावलपुर से आतंकी कैंप को शिफ्ट कर दिया गया था और केवल मदरसे बनाकर छोड़ दिये गये थे, क्योंकि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सबकी नजर बहावलपुर पर पड़ गयी थी और वहां होनेवाली आतंकी कार्रवाइयों की जानकारी सबको थी. अब देखना होगा कि पाकिस्तान भारत की इस सैन्य कार्रवाई की कैसी प्रतिक्रिया देता है. या तो वह पिछले सर्जिकल स्ट्राइक की तरह अपने लोगों से यह बताता फिरेगा कि कुछ हुआ नहीं है. पाकिस्तान अगर कहेगा भी कि कुछ हुआ है तो यह नहीं मानेगा कि कोई नुकसान हुआ है या कोई हताहत हुआ है, जैसा खबरों में भी चल रहा है.
अगर भारत के हमले को पाकिस्तान स्वीकार करता है, तो जवाबी कार्रवाई करना उसकी मजबूरी होगी. वह प्रतिक्रिया कैसे करता है, यह देखना होगा. अगर पाकिस्तान हमला करता है तो भारत भी तैयार रहेगा, यह तय है. भारत की नीति शुरुआत से ही होनी चाहिए कि वह आतंकियों को सबक सिखाये तथा पाकिस्तानी सेना पर भी कड़ी कार्रवाई करे. हम हमेशा अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पाकिस्तान को अलग-थलग करने की नीति पर काम करते हैं. लेकिन, अब इस नीति में बदलाव करने की जरूरत है. हमें कोशिश करनी चाहिए कि मसूद अजहर और हाफिज सईद को घेर लिया जाये. इसके लिए हमें अमेरिका जैसे देशों से भी सीखना चाहिए और अधिक हमलावर होना चाहिए.
बातचीत : देवेश
पीओके में सक्रिय हैं 16 आतंकी शिविर
इसी महीने की सात तारीख को उत्तरी कमांड के थलसेना कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल रणबीर सिंह ने बताया कि पाकिस्तान कब्जे वाले कश्मीर और भारतीय सीमा से लगते पाकिस्तान के क्षेत्र में 16 आतंकी शिविर सक्रिय हैं. कमांडर ने यह भी कहा कि 350 से 400 तक आतंकी इस वक्त कश्मीर में मौजूद हैं, लेकिन इनमें से लगभग 50 आतंकी दक्षिण पीर पांजाल में सक्रिय हैं, जबकि अधिकांश छुपे हुए हैं.
बीते वर्ष पीओके में बने 20 नये आतंकी शिविर
हालांकि पिछले वर्ष जुलाई में खुफिया रिपोर्ट के हवाले से सरकारी अधिकारी ने बताया था कि पाकिस्तानी कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में 55 पाक समर्थित आतंकी समूह सक्रिय हैं. इस रिपोर्ट के अनुसार, इन आतंकी समूहों को चार महीने की अवधि में पीओके के नियंत्रण रेखा पर प्रशिक्षित किया गया था ताकि जम्मू-कश्मीर में उनकी घुसपैठ कराई जा सके.
खुफिया रिपोर्ट के हवाले से यह भी कहा गया था कि पहले पीओके में 35 आतंकी शिविर ही थे, लेकिन इस वर्ष (2018 जनवरी में) 20 नये आतंकी प्रशिक्षण शिविर बने हैं. बीते वर्ष जुलाई तक कश्मीर घाटी में तकरीबन 160 आतंकी सक्रिय थे, जिन्हें उनके पाकिस्तानी आकाओं से सुरक्षा बलों पर हमला करने के निर्देश मिलते रहते थे. रिपोर्ट में यह भी कहा गया था कि वर्ष 2017 के पहले चार महीने में नियंत्रण रेखा के जरिये घुसपैठ की 60 कोशिशें हुई थीं, जिनमें 15 आतंकी जम्मू-कश्मीर में प्रवेश करने में सफल रहे थे.
विकिलिक्स रिपोर्ट
फरवरी 2012 में विकिलीक्स द्वारा प्रकाशित ‘द ग्लोबल इंटेलिजेंस फाइल्स’ ने अक्तूबर 2010 में एक भारतीय अंग्रेजी दैनिक व समाचार एजेंसी के हवाले से बताया था कि पाक कब्जे वाले कश्मीर में उस वक्त 42 आतंकी शिविर सक्रिय थे. इस रिपार्ट के अनुसार, तत्कालीन थलसेनाध्यक्ष जनरल वीके सिंह ने कहा था कि पाकिस्तान में भारत-विरोधी आतंकवादी ढांचा मौजूद है और भारत के खिलाफ छद्म युद्ध छेड़ने के लिए पाकिस्तान महिलाओं को प्रशिक्षित कर रहा है.

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