दहशत में पाकिस्तान : हर चुनौती से निबटने को तैयार हैं हम

कमर आगा अंतरराष्ट्रीय मामलों के जानकार पाकिस्तान की अपनी आर्थिक स्थिति उसे किसी बड़े अभियान के लिए इजाजत नहीं देती है. अगर वह युद्ध में शामिल होगा, तो स्थानीय स्तर पर उसकी हालत बिगड़ जायेगी. बलूचिस्तान में उग्रवादी हिंसक आंदोलन जारी है, इसके अलावा खैबर पख्तूनख्वा क्षेत्र में अलग मसले चल रहे हैं, पश्तून मुहाफिज […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 28, 2019 7:08 AM
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कमर आगा
अंतरराष्ट्रीय मामलों के जानकार
पाकिस्तान की अपनी आर्थिक स्थिति उसे किसी बड़े अभियान के लिए इजाजत नहीं देती है. अगर वह युद्ध में शामिल होगा, तो स्थानीय स्तर पर उसकी हालत बिगड़ जायेगी. बलूचिस्तान में उग्रवादी हिंसक आंदोलन जारी है, इसके अलावा खैबर पख्तूनख्वा क्षेत्र में अलग मसले चल रहे हैं, पश्तून मुहाफिज आंदोलन बहुत तेज हो गया है.
इन सभी इलाकों के लोग सेना पर आरोप लगाते हैं कि जो भी उन इलाकों में चल रहा है, पश्तून लोग मर रहे हैं, हजारों पश्तून गायब हैं, इन सबकी जिम्मेदार पाकिस्तानी सेना है. इसके अतिरिक्त, सिंध क्षेत्र में भी आंदोलन जारी हैं. पूरे पाकिस्तान के हालात खराब चल रहे हैं और सऊदी अरब व यूएई से मदद मिलनी भी बंद हो गयी है.
ऐसी स्थिति में चीन ने भी पाकिस्तान को बोल दिया है कि भारत से बातचीत करके शांति बहाली करे, क्योंकि चीन भी नहीं चाहता कि कोई बड़ा झगड़ा दोनों देशों के बीच हो. चीन भी डरता है कि युद्ध होता है, तो चीन को फिर पाकिस्तान को खड़ा करने के लिए 20-25 बिलियन डॉलर खर्च करने पड़ेंगे, पहले ही वह चीन-पाकिस्तान इकोनॉमिक कॉरिडोर में 65 बिलियन डॉलर लगा चुका है.
कुल मिलाकर, हालात पाकिस्तान के पक्ष में है नहीं. अमेरिका ने भी बयान दिया है कि बातचीत किया जाये, इसके अलावा फ्रांस, ब्रिटेन जैसे शक्तिशाली देशों ने भी कड़े बयान दिये हैं. इन सबके बीच वैश्विक स्तर पर पाकिस्तान बहुत अलग-थलग पड़ चुका है, आर्थिक तौर पर कमजोर है ही. देखा जाये, तो वर्तमान नाजुक परिस्थिति में पाकिस्तान का कोई अपना पक्ष नहीं है.
एक बात बहुत बड़ी हो गयी है, जिस पर हमने ध्यान नहीं दिया. भारत ने जो पाकिस्तान में घुसकर जैशे-मोहम्मद के ठिकानों पर एयर स्ट्राइक किया. इससे पाकिस्तान की सेना की छवि पाकिस्तान के लोगों के सामने बहुत गिर गयी.
पाकिस्तान की सेना खुद को इस्लामिक स्टेट की मुहाफिज बताती है, यानी गार्डियन (संरक्षक). वहां की आवाम यह सवाल करने लगी कि यह कैसी सेना है जो न कारगिल में सफल होती है, न ही सर्जिकल स्ट्राइक को रोक पायी और अब भारतीय सेना सीधे अंदर घुसकर 21 मिनट तक पाकिस्तान की सीमा के अंदर रही. पाकिस्तानी सेना की छवि जनता के बीच एकदम खराब हो गयी है, जो आनेवाले समय में पाकिस्तान के लिए बहुत गंभीर बात हो सकती है. इन हालात में पाकिस्तान ने प्रतिक्रिया दी है. खुद को जमाने के लिए उन्हें ऐसा करना ही था. वे सीमा पर फायरिंग कर रहे हैं, उनका प्लेन भारत के अंदर घुसने की कोशिश करते हुए मार गिराया गया. भारत की सेना पाकिस्तान के सामने बहुत सक्षम है.
भारतीय सेना तकनीकी स्तर पर भी बहुत उन्नत है, संसाधनों के लिहाज से भी हम पाकिस्तान से बहुत आगे हैं. हमारे मिराज लड़ाकू विमान, जो पाकिस्तान के अंदर घुसे, उनमें दो तरह की विशेषताएं थीं.
उन्होंने फ्रीक्वेंसी को जाम कर दिया और पाकिस्तान में घुस गये, किसी को पता भी नहीं चला. मिराज इतनी कम ऊंचाई पर उड़ते हुए गये कि पाकिस्तान को पता ही नहीं चला. हमारी सेना की क्षमता के आगे पाकिस्तानी सेना कहीं नहीं टिकती. आजकल के दौर में युद्ध के दौरान तकनीक का बहुत इस्तेमाल होता है और भारतीय सेना इस मामले में बहुत आगे है. इसलिए, पाकिस्तान के सामने कोई विकल्प नहीं है और सभी देश भी उसे बातचीत के लिए कह रहे हैं तथा हमले व प्रतिक्रिया से बचने की सलाह दे रहे हैं.
भारत ने भी साफ कह दिया है कि पाकिस्तान की प्रॉक्सी वार की नीति उसे अब स्वीकार नहीं है. भारत अब इस मसले को दो तरह से डील कर रहा है.
उसने कश्मीर के अंदर सौ से ज्यादा बटालियन भेज दिया है, अलगाववादी तत्वों को गिरफ्तार किया गया है, कट्टरपंथी धार्मिक संस्थाओं के खिलाफ कार्रवाई की गयी है, जमात-ए-इस्लामी के चीफ को जेल भेज दिया गया है. दूसरी तरफ, भारत ने एयर स्ट्राइक के बाद पाकिस्तान को कहा है कि अब चीजें बर्दाश्त के बाहर हैं, पाकिस्तान को आतंकी कैंप बंद करने होंगे, नहीं तो भारत इस तरह की एयर स्ट्राइक कर सकता है.
यह संदेश पाकिस्तान को भेज दे दिया गया है.बातचीत : देवेश
मिराज 2000
मिराज 2000 लड़ाकू विमान की निर्माता कंपनी फ्रांस की दसौं एविएशन है. यह मल्टीरोल, सिंगल इंजन फोर्थ जेनरेशन लड़ाकू विमान है, जिसमें हथियारों को ले जाने (वीपन पेलोड) के लिए नौ हाईप्वाइंट बनाये गये हैं. इन नौ प्वाइंट में पांच हवाई जहाज के धड़ (फ्यूजलेज) को ले जाने और दो दोनों डैनों (प्रत्येक में एक डैने/विंग) के लिए हैं. मिराज 2000 सिंगल सीट व डबल सीट दोनाें वर्जन में उपलब्ध है.
इस विमान के सिंगल सीट संस्करण भी दो हाई-फायरिंग-रेट 30 एमएम गन से लैस हैं. यह लड़ाकू विमान हवा से हवा में मार करने वाले हथियार जैसे एमआईसीए मल्टीटारगेट एयर-टु-एयर इंटरसेप्ट व कॉम्बैट मिसाइल और मैजिक 2 कॉम्बैट मिसाइल को भी सपोर्ट करता है.
1970 के उत्तरार्ध में इसे फ्रांस की वायुसेना के लिए लाईटवेट फाइटर के तौर पर डिजाइन किया गया था. वर्ष 1984 में इसे पहली बार फ्रांस की वायुसेना में शामिल किया गया. यह विमान अनेक वर्जन में उपलब्ध है, सिंगल सीटर मिराज 2000 सी/ बी और टु-सीटर मिराज 2000एन व मिराज 2000डी. मिराज 2000 हवा से सतह पर मार करने वाले मिसाइल और हथियारों सहित लेजर-गाइडेड बम को भी ले जाने में सक्षम है.
इस विमान में एक उन्नत डिजिटल वीपन डेलिवरी व नेविगेशन सिस्टम लगा है. वर्ष 1985 में पहली बार मिराज 2000 के सात विमानों की पहली खेप अपने देश आयी थी. वर्ष 2015 में इस विमान के दो अपग्रेडेड वर्जन ग्वालियर पहुंचे थे, जबकि दो विमान को हिंदुस्तान एरोनॉटिक्क्स लिमिटेड ने फ्रेंच कंपनी की सहायता से अपग्रेड किया था. अभी भी एचएएल के द्वारा मिराज के अपग्रेडेशन का काम जारी है.
सेना के लिए महत्वपूर्ण है मिराज
सुखोई सु-30एमकेआई युद्धक विमान, जो भारतीय वायुसेना के लिए बेहद कीमती माना जाता है, की तुलना में मिराज 2000 अपने कम वजन और उच्च गति के कारण ऑपरेशन के दौरान ज्यादा महत्वपूर्ण बन जाता है. वर्ष 2015 में अपग्रेड होने के बाद यह विमान नये थॉमस-सीएसएफ आरडीवाय (राडार डॉप्लर मल्टी-टारगेट) राडार से लैस हो गया है जो लंबी दूरी से दुश्मनों के ठिकाने का पता लगाने में सक्षम है. अपग्रेडेशन के बाद रात के ऑपरेशन के लिए इसकी उपयोगिता बढ़ गयी है क्योंकि इसमें अत्याधुनिक ग्लास कॉकपिट के साथ ही पूर्व के एनालॉग गेज के स्थान पर मल्टी-फंक्शनडिस्प्ले लगा है
मिराज के महत्वपूर्ण ऑपरेशन
वर्ष 1999 में कारगिल युद्ध के दौरान मिराज 2000 के माध्यम से ही टाइगर हिल, प्वाइंट 4388 व मुंथो धालो पर लेजर गाइडेड बम बरसाये गये थे और इन पहाड़ियों को अपने कब्जे में ले लिया था.
26 फरवरी, 2019 को 12 मिराज 2000 विमानों ने पाकिस्तान के बालाकोट में जैश-ए-मोहम्मद के आंतकी प्रशिक्षण शिविर पर बम बरसाकर उसे ध्वस्त कर दिया.
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