#Budget2019 : इन्फ्रास्ट्रक्चर के विकास से सृजित होगा रोजगार
अरविंद मोहनअर्थशास्त्री, लखनऊ विवि बजट-2019 काफी रोचक है. इसमें कुछ पॉलिसीज पर काम करने की कोशिश की गयी है. पिछले कुछ समय से हिंदुस्तान में फाइनेंशियल सेक्टर मेजर चैलेंज बना हुआ है. बैंकों के एनटीए बढ़ते जा रहे हैं और नॉन बैंक फाइनेंशियल कंपनियां संकट के दौर से गुजर रही हैं. इन दोनों के चलते […]
अरविंद मोहन
अर्थशास्त्री, लखनऊ विवि
बजट-2019 काफी रोचक है. इसमें कुछ पॉलिसीज पर काम करने की कोशिश की गयी है. पिछले कुछ समय से हिंदुस्तान में फाइनेंशियल सेक्टर मेजर चैलेंज बना हुआ है. बैंकों के एनटीए बढ़ते जा रहे हैं और नॉन बैंक फाइनेंशियल कंपनियां संकट के दौर से गुजर रही हैं. इन दोनों के चलते मिडिल क्लास के लिए क्रेडिट की उपलब्धता कम हो गयी है. आप इनवेस्टमेंट तभी बढ़ा पायेंगे, जब क्रेडिट की उपलब्धता पर जोर दिया जायेगा.
वित्त मंत्री ने बताया कि 2018-2019 में बैंकों का लगभग एक लाख करोड़ का एनपीए कम हो गया है. बजट में बैंकों के लिए 70 हजार करोड़ का पूंजीकरण करने की कोशिश की गयी है. हिंदुस्तान में पहली बार किसी बजट में यह देखने को मिल रहा है कि गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) को यदि बैंक लोन देंगे, तो छह महीने की समयावधि के लिए सरकार एक लाख करोड़ तक की गारंटी देगी, यानी किसी तरह का नुकसान होता है, तो बैंक द्वारा एनबीएफसी को दिये गये इस तरह के लोन को भारत सरकार कवर करेगी. इन दोनों बातों के प्रभाव से देश में क्रेडिट की उपलब्धता थोड़ी बेहतर होगी.
पिछले कुछ समय में ही देखें, तो जनवरी 2019 से जून 2019 के बीच क्रेडिट की उपलब्धता 13 से घट कर 11 प्रतिशत हो गयी है. इससे पहले भी यह गिराव देखी गयी है. बजट में क्रेडिट उपलब्धता को बढ़ावा देने की दिशा में एक गंभीर प्रयास करने की कोशिश की गयी है. जाहिर है इसका सीधा असर मिडिल क्लास पर पड़ेगा, छोटे उद्यमियों, ट्रेडर्स, सभी इससे प्रभावित होंगे.
एक और अहम बात, जो बजट में दिखाई दे रही है कि इसमें इन्फ्रास्ट्रक्चर पर भी फोकस किया गया है. चार मुख्य क्षेत्र रेलवे, एयर कनेक्टिविटी, रोड्स और जल परिवहन, चारों पर फोकस किया गया है.
बजट में सरकार ने एक देश, एक ग्रेड के कांसेप्ट को बढ़ावा देने की कोशिश की है. पूरे देश को एक ग्रेड से कनेक्ट करने के बारे में विचार किया गया है. मोटे तौर पर चाहे कनेक्टिविटी का स्ट्रक्चर हो, पावर इन्फ्रास्ट्रक्चर हो या डिजिटल इन्फ्रास्ट्रक्चर हो. इसी तरह कई प्रदेशों में सरकारी की जो जमीन उपलब्ध हैं, उसे इंडस्ट्री के लिए प्रयोग में लाये जाने की बात कही गयी है.
ऐसा करने से भी रोजगार को बढ़ावा मिलेगा. ट्रेडिशनल इंडस्ट्री को बढ़ावा देने का भी प्रयास किया गया है, जिससे काश्तकार व इस तरह के उद्योगो से जुड़े लेबरों के लिए नयी संभावनाएं विकसित हो सकेंगी. इससे भी आनेवाले समय में करीब 70 हजार एंटरप्रेन्योर्स क्रिएट करने की बात कही जा रही है. यदि ऐसा हुआ, तो रोजगार व आय की दिशा में सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा.