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फेसबुक का क्लीयर हिस्ट्री फीचर, यूजर अकाउंट से अलग होगा डेटा

मई, 2018 में हुए फेसबुक के एफ8 कॉन्फ्रेंस में मार्क जुकरबर्ग ने ‘क्लीयर हिस्ट्री’ टूल की घोषणा की थी. उन्होंने कहा था कि यह टूल यूजर के फेसबुक से ब्राउजिंग डेटा को हटाने में मदद करेगा. इस घोषणा के एक वर्ष से अधिक समय गुजर जाने के बाद बीते महीने कंपनी ने इस फीचर को […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 4, 2019 7:10 AM
मई, 2018 में हुए फेसबुक के एफ8 कॉन्फ्रेंस में मार्क जुकरबर्ग ने ‘क्लीयर हिस्ट्री’ टूल की घोषणा की थी. उन्होंने कहा था कि यह टूल यूजर के फेसबुक से ब्राउजिंग डेटा को हटाने में मदद करेगा. इस घोषणा के एक वर्ष से अधिक समय गुजर जाने के बाद बीते महीने कंपनी ने इस फीचर को लॉन्च किया. शुरुआती दौर में यह सुविधा स्पेन, आयरलैंड और दक्षिण कोरिया के लिए उपलब्ध करायी जायेगी. आगामी महीनों में पूरी दुनिया के लिए इसे लॉन्च किया जाएगा.
ऑफ-फेसबुक एक्टिविटी कर सकेंगे अलग
इस फीचर के लॉन्च हो जाने के बाद यह प्रश्न उठता स्वाभाविक है कि क्या वास्तव में यह नया फीचर फेसबुक से डेटा को हटायेगा, तो इसका जवाब नहीं है.
यूजर अकाउंट से डेटा हटाने की बजाय यह नया प्राइवेसी फीचर यूजर को अपने अकाउंट से आॅफ-फेसबुक एक्टिविटी को अलग करने की अनुमति प्रदान करेगा. इसका अर्थ यह हुआ कि यूजर का ब्राउजिंग डेटा उनके अकाउंट इन्फाॅर्मेशन से अलग हो जाएगा.
इस प्रकार यह कुछ प्रकार के लक्षित विज्ञापनों को कम करने में मदद करेगा. लेकिन सच तो यह है कि यह फीचर यूजर के किसी भी डेटा को फेसबुक के सर्वर से नहीं हटाएगा, न ही कंपनी को उस डेटा का उपयोग करने से रोकेगा. यहां तक की फेसबुक उन लोगों पर भी नजर बनाये रखेगा जो इसकी सेवा का उपयोग बिल्कुल नहीं करते हैं.
इंजीनियरों के सुझाव पर हुआ बदलाव
असल में मार्क जुकरबर्ग द्वारा पूर्व में घोषित फीचर में बदलाव का कारण इसके इंजीनियर हैं. अपने एक ब्लॉग पोस्ट में फेसबुक से जुड़े इंजीनियरों ने यह सुझाव दिया था कि यूजर को उनके डेटा को पूरी तरह से हटाने की अनुमति देने की बजाय डेटा को अलग करने का विकल्प दिया जाये.
इंजीनियरों का मानना है कि डेटा हटाने में बहुत अधिक समय लगेगा और संभवतः यह पूरी तरह विश्वसनीय भी नहीं होगा. जबकि यूजर अकाउंट से डेटा अलग करने का काम त्वरित और कहीं ज्यादा भरोसेमंद होगा.
अब कंपनियों की सूचनाएं देख पायेंगे यूजर
यह टूल यूजर्स को पहली बार यह देखने की अनुमति देगा कि व्यापक वेब पर फेसबुक के ट्रैकिंग एपरेटस का विस्तार कितना है. इसके जरिये यूजर अब यह देख पाएंगे कि फेसबुक के लाइक बटन, लॉगिन फीचर या पिक्सेल ट्रैकिंग का इस्तेमाल करनेवाली वेबसाइट से कंपनी ने कौन सा ब्राउजिंग डेटा एकत्रित किया है. इससे पूर्व यूजर्स के लिए यह देखना असंभव था कि फेसबुक पर किस कंपनी ने सूचनाएं भेजी थीं.
यह नया टूल यूजर्स को उन व्यवसायों की एक सूची दिखाता है जिन्होंने फेसबुक के साथ जानकारी साझा की है और यह विवरण दिया है कि उन्होंने कितनी बार ऐसा किया है. यह यूजर्स को उस जानकारी का आंशिक नियंत्रण लेने की अनुमति भी देता है, जो अपने अकाउंट से प्रति एप के आधार पर या पूरी तरह से साझा गतिविधि को अलग कर रहा है. इस तथ्य के बावजूद कि जानकारी फेसबुक के सर्वर से पूरी तरह से हटने की बजाय यूजर के अकाउंट से केवल अलग होगी, कंपनी ने बटन को ‘क्लीयर हिस्ट्री’ लेबल किया है.
कम दृष्टिवालों के लिए एआर से लैस चश्मा
दक्षिण कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों ने पेरिफेरल विजन वाले लोगों की सहूलियत के लिए आॅग्मेंटेड रियलिटी (एआर) का इस्तेमाल कर एक चश्मा (गलास) बनाया है. इस चश्मे की मदद से पेरिफेरल विजन यानी वैसे लोग जिन्हें कम रोशनी में देखने में दिक्कत होती है, अपने आस-पास की चीजों को बेहतर तरीके से देख पायेंगे और कहीं भी आ-जा सकेंगे.
इस डिवाइस को विकसित करने के लिए वैज्ञानिकों ने आंखों की एक प्रकार की अनुवांशिक बीमारी ‘रेटीनाइटिस पिग्मेंटोसा’, इस बीमारी में लोगों की दृष्टि कमजोर होती है, से ग्रस्त मरीजों पर शोध किया. इस दौरान रूपांतरित एआर से लैस ग्लास की मदद से मरीजों के चलने-फिरने में पहले के मुकाबले 50 प्रतिशत सुधार देखा गया. वर्तमान में कम दृष्टि वाले लोगों के लिए जो चश्मा तैयार किया जा रहा है, उसमें वर्चुअल रियलिटी का इस्तेमाल हाे रहा है.
लेकिन वैज्ञानिकों का मानना है कि वर्चुअल रियलिटी तकनीक का इस्तेमाल मुश्किल है. इसलिए उन्होंने रूपांतरित एआर ग्लास का उपयोग किया जो, मरीजों के चलने-फिरने के दौरान रास्ते में आनेवाले अवरोधकों पर चमकीली रोशनी फेंकता है. यह रोशनी मरीजों को अवरोधक से टकराने से बचायेगी, जिससे उन्हें चलने-फिरने में सहूलियत होगी.
एप्पल के न्यू गैजेट्स
इस महीने की 10 तारीख को एप्पल, आईफोन सीरीज के तीन नये फोन आईफोन 11, 11 प्रो और 11 प्रो मैक्स के लॉन्च की घोषणा करेगी. इसी दिन कंपनी द्वारा नये स्मार्टवॉच के लॉन्च की घोषणा करने की भी संभावना है.
आटफोन सीरीज
सूत्राें की मानें तो, आईफोन 11 में 6.1 इंच का एलसीडी डिस्प्ले होगा, जिसका रिजोल्यूशन 828 गुना 1792 पिक्सेल हो सकता है. माना जा रहा है कि आईफोन एक्सआर के अपग्रेडेड वर्जन आईफोन 11 में 3डी टच और एप्पल पेंसिल सपोर्ट नहीं होगा. इसके अलावा फोन में एप्पल के इन-हाउस ए13 प्रोसेसर के साथ 4 जीबी रैम वैरिएंट दिया जा सकता है.
इस फोन के 64 जीबी, 256 जीबी और 512 जीबी स्टोरेज के साथ तीन स्टोरेज वैरिएंट हाेंगे. सेल्फी और वीडियो कॉलिंग के लिए 12 मेगापिक्सेल का फ्रंट कैमरा और डुअल 12 मेगापिक्सेल का कैमरा सेंसर हो सकता है. वहीं आईफोन 11 प्रो में 5.8 इंच का ओलेड डिस्प्ले हो सकता है जिसका रिजोल्यूशन 1125 गुना 2436 पिक्सेल होगा.
यह फोन एक्सएस का अपग्रेडेड वर्जन होगा. वहीं एक्सएस मैक्स के अपग्रेडेड वर्जन आईफोन 11 प्रो मैक्स में 6.5 इंच का ओलेड डिस्प्ले हो सकता है व इसका रिजोल्यूशन 1242 गुना 2688 पिक्सेल होगा. 11 प्रो और 11 प्रो मैक्स दोनों ही फोन ए13 चिपसेट और 6 जीबी रैम के साथ आ सकते हैं. ये फोन भी तीन स्टोरेज वेरिएंट 64 जीबी, 256 जीबी और 512 जीबी स्टोरेज में उपलब्ध हो सकता है.
इन दोनों ही वर्जन के हैंडसेट में 3डी टच फीचर नहीं मिलेगा लेकिन इनमें यूज़र को एप्पल पेंसिल सपोर्ट मिल सकता है. दोनों ही फोन में 12 मेगापिक्सेल का सेल्फी कैमरा हो सकता है. इसके अलावा फोन के पिछले हिस्से में 12 मेगापिक्सेल के सेंसर भी हो सकते हैं. आईफोन 11 की शुरुआती कीमत 749 डॉलर (लगभग 54,000 रुपये) हो सकती है, जबकि 11 प्रो और 11 प्रो मैक्स की शुरुआती कीमत क्रमश: 999 डॉलर (लगभग 72,000 रुपये) और 1,099 डॉलर (लगभग 79,000 रुपये) हो सकती है.
स्मार्टवॉच
ब्लूमबर्ग की मानें तो 10 सितंबर को कंपनी नये एप्पल वॉच की घोषणा भी करेगी. हालांकि यह स्पष्ट नहीं है कि कंपनी स्मार्टवॉच की नयी सीरीज पांच की घोषणा करेगी या सीरीज चार के लिए एक नयी केस मटीरियल लेकर आयेगी.
रिपोर्ट में कहा गया है कि एप्पल सिरेमिक और टाइटेनियम में नए स्मार्टवॉच काे लॉन्च कर सकता है. वर्तमान में उपलब्ध एप्पल वॉच सीरीज चार एल्यूमीनियम और स्टेनलेस स्टील में उपलब्ध है. इस बात की भी उम्मीद जतायी जा रही है कि कंपनी 9.7 इंच वर्जन की जगह एंट्री-लेवल 10.2 इंच आईपैड के लॉन्च की भी घोषणा कर सकती है.

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