फैशन डिजाइनिंग को बनाया पैशन

सुनील मिंज sunilminj1@gmail.com कला मानव संवेदना को विभिन्न माध्यमों में प्रकट करने की एक विधा है. कलाकार अपने मनोभावों को कलाओं द्वारा व्यक्त करने वाला समाज का संवेदनशील व्यक्ति होता है. उनकी कृतियां समाज की प्रतिबिंब होती हैं. कलाकार का अनुभव, सही दिशा में उसका चिंतन, और कला सृजन में उसकी निपुणता में ही उसकी […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 4, 2019 8:07 AM
सुनील मिंज
sunilminj1@gmail.com
कला मानव संवेदना को विभिन्न माध्यमों में प्रकट करने की एक विधा है. कलाकार अपने मनोभावों को कलाओं द्वारा व्यक्त करने वाला समाज का संवेदनशील व्यक्ति होता है. उनकी कृतियां समाज की प्रतिबिंब होती हैं.
कलाकार का अनुभव, सही दिशा में उसका चिंतन, और कला सृजन में उसकी निपुणता में ही उसकी संपूर्णता निहित होती है. समाज के प्रति कलाकार का एक रचनात्मक दृष्टिकोण होता है. इस आधुनिक समाज में हर कोई व्यक्ति प्रौढ़ या युवा अपने सौंदर्य बोध को लेकर सजग हो गया है. वह हरदम ऐसा पहनने की चाहत रखता है जो दूसरे से अलग हो.
यही कारण है कि बोलीवुड के हीरो-हिरोइनों के पहने हुए वस्त्र प्रत्येक युवा के लिए आदर्श वेश-भूषा बन जाते हैं. व्यक्ति की इसी चाहत को पूरा करने का काम करते हैं – सुमंगल नाग. सुमंगल नाग आज एक फैशन डिजाइनर के रूप में ख्याति अर्जित कर चुके हैं.
मोहन नाग के बेटे सुमंगल का जन्म कोकर, रांची, झारखंड में 14 अक्टूबर, 1980 को हुआ है. उनहोंने एनीमेशन और फिल्म बनाने में एक साल का और फैशन और वस्त्र डिजाइनिंग में दो साल का डिप्लोमा हासिल किया है. इन्होंने पिछले 15 सालों में झारखंड के कलाकृतियों, प्रारूपों को बढ़ावा देने के लिए प्रवृत्तियों के अनुसार नए संग्रह को पेश करने के लिए मॉडलों को चुना और, कई फैशन शो आयोजित किया है.
उनकी कई उपलब्धियां है. फ्रीलांस फैशन डिजाइनर के रूप में उन्होंने झाड़क्राफ्ट के साथ काम किया है. उन्होंने नंदल एंटरटेनमेंट प्रा. लिमिटेड में कला निदेशक, कॉस्टयूम डिजाइनर, उत्पादन नियंत्रक के रूप में कार्य किया है. उनहोंने दक्षिण एशियाई फेडरेशन कप एथलीट चैंपियनशिप में पोशाक डिजाइन किया है.
वे पर्यटन, युवा मामलों कला और संस्कृति झारखंड सरकार के विभाग में फ्रीलांस कॉस्टयूम\फैशन डिजाइनर रहे हैं. उन्होंने आदिवासी उद्यमी को बढ़ावा देने के लिए 20 स्वयंसहायता समूहों और बुनाई समूहों के साथ काम की शुरुआत की है. वस्त्रों के साथ-साथ उन्होंने आदिवासी समुदाय में भी कई प्राकृतिक रंग घोला है, जिससे हमारा समाज गौरवान्वित हुआ है.
एक सवाल के जवाब में वे कहते हैं कि कैरियर के कई विकल्पों में उन्होंने फैशन डिजाइनिंग का चयन किया है. अगर कोई व्यक्ति क्रिएटिव है तो उसके लिए काम की कोई कमी नहीं है.
एक फैशन डिजाइनर को क्लाइंट के परिधानों का बेहतर समझ होना चाहिए. आज के युवा डिजाइनरों को संदेश देते हुए कहते हैं कि आज के युवाओं को केवल कटाई और सिलाई कि बारीकियां ही नहीं जानना चाहिए अपितु उनमें हमेश नया करने की धुन होनी चाहिए. “नया सोच -अलग सोच” से ही युवा उंची उड़ान भर सकते हैं.

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