Loading election data...

प्रभात खबर से मेरी आत्मा जुड़ी है: सेन

प्रभात खबर में वर्ष 1989 में जीएम रहे पीके सेन सम्मानित रांची : प्रभात खबर से मेरी आत्मा जुड़ी हुई है. यहां टीम वर्क दिखता था. हमलोग हर काम एक परिवार के सदस्य की तरह करते थे. वही टीम भावना आज भी दिखती है. प्रभात खबर के वर्ष 1989 में जीएम प्रिंटर एंड पब्लिशर्स रहे […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 22, 2015 6:13 AM
प्रभात खबर में वर्ष 1989 में जीएम रहे पीके सेन सम्मानित
रांची : प्रभात खबर से मेरी आत्मा जुड़ी हुई है. यहां टीम वर्क दिखता था. हमलोग हर काम एक परिवार के सदस्य की तरह करते थे. वही टीम भावना आज भी दिखती है. प्रभात खबर के वर्ष 1989 में जीएम प्रिंटर एंड पब्लिशर्स रहे पीके सेन यह कहते हुए भावुक हो गये.
पुराने दिनों को याद करते हुए उन्होंने कहा कि उस वक्त रांची का मार्केट छोटा था. हमने प्रधान संपादक की अनुमति से दिल्ली, बेंगलुरु, मद्रास का टूर किया. वहां की मार्केटिंग के तरीके जाने. कई नामी कंपनियों के विज्ञापन भी लाये. प्रधान संपादक ने मजबूत संपादकीय देने का काम किया. यहां हमने कभी खुद को बॉस नहीं माना. लोगों ने मुझे कभी भी ‘सर’ नहीं पुकारा. हमें प्यार से ‘सेन दा’ कहा करते थे. हमने कभी भी प्रभात खबर को अपने परिवार से अलग नहीं समझा. उसके गाजिर्यन हरिवंश जी रहे हैं. उनसे हमेशा कुछ न कुछ सिखा.
आज मैं बहुत खुश हूं कि मेरे परिवार ने मुझे याद किया. प्रभात खबर की ऊंचाई बरकरार रहे, यही मेरी ख्वाहिश है. मुझे काफी संतोष मिलता है कि मेरे सिखाये बच्चे आज कई कंपनियों में अपनी सेवा दे रहे हैं.
पुस्तक लोकार्पण समारोह के गवाह बने लोग
प्रभात खबर के पुस्तक लोकार्पण समारोह में जनप्रतिनिधियों के साथ-साथ वरीय पुलिस व प्रशासनिक अधिकारी मौजूद थे. बड़ी संख्या में विभिन्न शिक्षण संस्थानों के विद्यार्थी भी पहुंचे थे.
प्रभात खबर की प्रदर्शनी में पुराने दिनों की झलक
रांची : आर्यभट्ट सभागार में प्रदर्शनी भी लगायी गयी थी. प्रदर्शनी में प्रभात खबर के यादगार अंकों को समाहित किया गया था. इसमें प्रभात खबर के पहले अंक से लेकर अब तक की यात्राा को समाहित किया गया था. प्रभात खबर द्वारा निकाले गये परिशिष्टों और विशेषांकों की चुनिंदा प्रतियां प्रदर्शित की गयीं थीं. प्रभात खबर द्वारा आयोजित किये गये कार्यक्रमों की तसवीरें भी प्रदर्शित की गयी थीं. इन झलकियों में गंभीर मुद्दों पर व्याख्यान से लेकर सांस्कृतिक आयोजनों तक को शामिल किया गया था. समय-समय पर प्रभात खबर द्वारा बनाये गये अतिथि संपादकों व उनके लेखों कीप्रतियां भी दर्शायी गयीं थीं.

Next Article

Exit mobile version