कैसा रहेगा आपका वर्ष 2016
वर्ष 2015 विदा होने को है और नया वर्ष 2016 दस्तक दे रहा है. सबके मन में यही इच्छा, आकांक्षा आकार लेती रहती है कि जो कुछ हमें इस वर्ष नसीब नहीं हो पाया, काश वह सब हमें आनेवाले नये वर्ष में नसीब हो. कितना अच्छा होता अगर हम वर्तमान के आगे झांक पाते! तब […]
वर्ष 2015 विदा होने को है और नया वर्ष 2016 दस्तक दे रहा है. सबके मन में यही इच्छा, आकांक्षा आकार लेती रहती है कि जो कुछ हमें इस वर्ष नसीब नहीं हो पाया, काश वह सब हमें आनेवाले नये वर्ष में नसीब हो. कितना अच्छा होता अगर हम वर्तमान के आगे झांक पाते! तब शायद उसमें कुछ जोड़ पाते. वर्तमान की बुनियाद पर भविष्य की इसी कोिशश को संभव बनाता है ज्योतिष विज्ञान. हमारे ज्योतिषविदों से जानिए क्या कुछ आपके लिए ला रहा है नया वर्ष.
केंद्र और राज्यों में बढ़ेगा समन्वय
2016 में देश की राजनीतिक एवं सामाजिक स्थितियों का ज्योतिषीय आकलन
स्वामी शाम ढींगरा
ज्योतिषी, वास्तु एवं रत्न
विशेषज्ञ, दिल्ली
किसी भी देश की राजनीतिक परिस्थितियां उस देश की अर्थव्यवस्था को प्रत्यक्ष रूप से प्रभावित करती हैं. शक्तिशाली अर्थव्यवस्था वाला देश विश्व के मानचित्र में अपना एक विशेष स्थान रखता है, इसीलिए विकसित देश विकासशील देशों की राजनीति को प्रत्यक्ष रूप से प्रभावित करते हैं. वर्तमान परिस्थितियों में भारतवर्ष विकासशील देश होते हुए भी विकसित देशों में अपना एक अहम स्थान रखता है.
ज्योतिष शास्त्र के अध्ययन के अनुसार, वर्ष 2016 में देश में राजनीतिक स्थिरता पूर्णत: बनी रहेगी. केंद्र में मोदी सरकार अपनी नीतियों के आधार पर पुराने कानूनों में यथासंभव परिवर्तन करेगी, न्यायपालिका की शक्तियों का विकास होगा. उनकी कार्य प्रणाली में तीव्रता आयेगी.
जेल और बंदियों की स्थिति में सुधार के नवीन प्रयास होंगे. शिक्षा में तकनीकी ज्ञान और रोजगार को प्राथमिकता मिलेगी. महिलाओं को विशेषाधिकार देने के भी सफल प्रयास होंगे. स्वास्थ्य, स्वच्छता पर भी सरकार को सफलता मिलने के पूर्ण आसार बनेंगे. पार्टी को आंतरिक और बाहरी विरोधियों से किसी विशेष परेशानी की संभावना नहीं रहेगी.
रहेगी राजनीतिक स्थिरता
साल के पूर्वार्ध में द्वित्य भाव में राहु के साथ गुरु की युति के कारण जिन राज्यों में विपक्षी पार्टियों की सरकार है, केंद्र के साथ असहयोग करके चलेंगी, जिससे असंतोष रहेगा और प्रगति में रुकावटें आयेंगी. विकास कार्यों के क्रियान्वन में शिथिलता आयेगी, लेकिन पंचम के शनि के प्रभाव से राज्यों और केंद्र में पूर्णतः राजनीतिक स्थिरता बनी रहेगी. राज्य सरकारें केंद्र सरकार पर अधिक आर्थिक साधनों की मांग का दबाव बनायेंगी, जिससे करों में वृद्धि होगी, लेकिन उत्तरार्ध में केंद्र और राज्यों में पूर्ण समन्वय की स्थिति नजर आयेगी.
नये साल में जीएसटी पूर्ण रूप से और सर्वसम्मति से स्वीकार कर लिया जायेगा. नवीन एवं सरल कर प्रणाली लागू होने की पूरी संभावना रहेगी. केंद्र और राज्य सरकारों के आर्थिक विवाद सरलता से सुलझ जायेंगे, जिससे पुनः आर्थिक विकास को गति मिलेगी.
रेलवे, वायुसेवा, जल और सड़क परिवहन में विशेष प्रगति रहेगी. दिल्ली में केजरीवाल सरकार की केंद्र के साथ खींचतान दिल्ली के पूर्ण विकास में रुकावटें लायेगी.
विदेशों के साथ संबंध
विदेशों से भारत के रिश्तों में मधुरता आयेगी. जापान के सहयोग से ‘मेक इन इंडिया’ में तीव्रता आयेगी. फलस्वरूप रोजगार और निर्यात में वृद्धि होगी. एविएशन के क्षेत्र में हमें फ्रांस से पूर्ण सहयोग मिलेगा. आॅस्ट्रेलिया, ब्रिटेन, जर्मनी और अमेरिका से भी व्यापारिक रिश्तों में सुधार की आशा रहेगी, जिससे खाद्य पदार्थों और स्वास्थ्य उत्पादों के निर्यात में वृद्धि होगी. अरब देशों से तेल के आयात में सरलता और स्पष्टता आयेगी. हालांकि आतंकवाद को लेकर पाकिस्तान के साथ हमारे रिश्तों में कड़वाहट बनी रहेगी, परंतु भारत-पाक संवाद चलता रहेगा. नेपाल एवं बांग्लादेश से व्यापार बढ़ेगा.
साल के उत्तरार्ध में बेहतर होगी आर्थिक स्थिति
बढ़ेंगे रोजगार के अवसर
इ-कामर्स, टेलीकॉम एवं आइटी, विश्व प्रसिद्ध कंपनियों के कार्यालय महानगरों, देश के अन्य भागों में भी आरंभ होने के आसार हैं, जिससे रोजगार के अत्यधिक अवसर होंगे. रेलवे और सड़क निर्माण के कार्यों में भी तेजी की संभावना रहेगी. अकुशल और ग्रामीण युवाओं को रोजगार के अवसर मिलेंगे. विदेशी निवेश में वृद्धि होगी. सरकारी नीतियों के कारण चीन से आयात कम होगा, जिसका सीधा लाभ हमारे घरेलू उद्योगों को होगा और उत्पादन एवं रोजगार में वृद्धि होगी.
वर्ष 2016 में व्यापार का शुभारंभ 1 जनवरी को शुक्रवार के दिन होगा. आरंभ के समय सूर्यदेव धनु राशि में होंगे, चन्द्रमा राहुदेव के साथ कन्या में, मंगलदेव तुला में, बुद्धदेव मकर में, गुरुदेव सिंह में, शुक्रदेव शनिदेव के साथ वृश्चिक में और केतुदेव मीन राशि में होंगे.
वर्ष के प्रारंभ में ही 9 जनवरी को राहु और केतु क्रमश: सिंह एवं कुंभ राशि में प्रवेश करेंगे. राहु और गुरुदेव 11 अगस्त तक सिंह राशि में युति करेंगे, तत्पश्चात गुरुदेव कन्या राशि में प्रवेश करेंगे और वर्षांत तक कन्या राशि में विद्यमान रहेंगे. शनिदेव वर्ष भर वृश्चिक राशि में रहेंगे, मंगलदेव तुला राशि से यात्रा प्रारंभ करके वर्षांत में मकर राशि में विद्यमान रहेंगे.
सूर्य, बुध एवं शुक्र सभी 12 राशियों में भ्रमण करेंगे. चंद्रमा हर माह सभी राशियों में से होकर गुजरेगा. भारत वर्ष की चंद्र कुंडली में गुरु पूर्वार्ध में द्वित्य भाव में राहु के साथ होंगे और उत्तरार्ध में त्रित्य भाव में गोचर करेंगे. शनिदेव पूर्ण वर्ष पंचम भाव में गोचर करेंगे, जिसके प्रभाव स्वरूप पूर्वार्ध में डॉलर और पौंड्स के मुकाबले रुपये के मूल्य में गिरावट देखने को मिलेगी.
कालेधन के खुलासे होंगे : नववर्ष में विदेशों में जमा कालेधन के खुलासे होंगे, लेकिन इसकी वापसी की प्रक्रिया शिथिल होने की संभावना है. दुखद यह रहेगा कि सत्ताधारी और विपक्ष, दोनों पार्टियों के नेता राष्ट्रीय संपति से खिलवाड़ करते नजर आयेंगे. इससे राष्ट्रहित के कार्यों में रुकावटें आयेंगी. 2016 के बजटों में नवीन उत्पादन वृद्धि के स्थान पर करों में वृद्धि पर जोर दिया जायेगा. महंगाई नियंत्रित करने में सरकार पूर्णत: सफल नहीं होगी और सकल राष्ट्रीय उत्पादन भी आशा के अनुरूप कम रहेगा. शेयर बाजार में भी प्रगति सामान्य ही रहेगी.
होंगे सकारात्मक बदलाव : 2016 में अर्थव्यवस्था के लिए सकारात्मक पक्ष यह रहेगा कि आयात में कमी आयेगी और निर्यात में वृद्धि होगी. साथ ही विदेशी निवेश में तीव्रता आयेगी. साल के उत्तरार्ध में स्थिति में सकारात्मक बदलाव नजर आयेंगे. अच्छी बारिश के साथ मौसम का योग सकारात्मक संकेत दे रहा है, जिससे कृषि उत्पादों में वृद्धि से खाद्य पदार्थों की महंगाई में कमी आयेगी.
शेयर बाजार में एफएमसीजी सेक्टर, उपभोक्ता पदार्थ, पावर, स्टील, एल्युमीनियम,और काॅपर उद्योग में तेजी की आशा रहेगी. रेलवे, भारी मशीन, तेल और गैस में भी लाभ कमाने के अवसर मिलेंगे. वहीं मेडिसिन और हॉस्पिटल उद्योग में गत वर्ष की तुलना में लाभ की आशा कम रहेगी.
दिखेगा विकास योजनाओं का असर
2016 में झारखंड की राजनीतिक एवं सामाजिक स्थितियों का ज्योतिषीय आकलन
डॉ एनके बेरा
ज्योतिषविद्, रांची
मो : 9431114351
झारखंड राज्य का गठन 15 नवंबर, 2000 की मध्य रात्रि, मार्ग शीर्ष (अगहन) कृष्ण पक्ष को तृतीया रात्रि 10.25 तक पश्चात श्री गणेश संकष्टी चतुर्थी, आद्रा नक्षत्र के प्रथम चरण में हुआ था. झारखंड की राशि मिथुन, लग्न सिंह, सिद्ध योग, विंशोत्तरी राहु की महादशा में है.
राहु एकादश भाव में चंद्रमा के साथ बुध की घर में बैठा है, जो राजनीतिक दृष्टिकोण से सरकार के लिए अस्थिरता तथा भीतरी षड़यंत्र का कारक है. राहु की महादशा 14 अक्तूबर, 2017 तक रहेगी. वर्तमान राहु की महादशा में चंद्रमा की अंतर्दशा 25 सितंबर, 2016 तक है़ इसके बाद मंगल की अंतर्दशा प्रारंभ होगी, जो 14 अक्तूबर, 2017 तक चलेगी तथा विंशोत्तरी दशा राहु-चंद्र में प्रत्यंतर शनि का 10 फरवरी, 2016 तक चलेगी़ यह समय झारखंड के लिए विशेष उपलब्धिदायक है. इस समय झारखंड सरकार द्वारा पंचायती राज की स्थापना राज्य के लिए एक सुखद अनुभूति होगी. चूंकि झारखंड की कुंडली में दशम स्थान में वृष राशि में शनि और ब़ृहस्पति हैं, अतः इस समय ग्रामीण विकास के लिए पंचायती राज की स्थापना शुभफलदायक एवं प्रगतिदायक रहेगा.
14 अक्तूबर, 2017 से विंशोत्तरी बृहस्पति दशा आरंभ हो रही है. बृहस्पति दशम भाव में है, जो झारखंड राज्य के लिए विशेष शुभ कारक है़ अतः 2017 तक झारखंड की सामाजिक, राजनीतिक, आर्थिक क्षेत्रों में, जैसे- सूचना-प्रौद्योगिकी, ग्राम प्रशासन, जल संसाधन, मत्स्यपालन, आंगनबाड़ी तथा उच्चशिक्षा आदि में संपूर्ण विकास होने की संभावना है.
झारखंड आर्थिक दृष्टि से विगत वर्ष की तुलना में बेहतर होने की संभावना है. हालांकि गोचर में अशुभ ग्रहों के प्रभाव के कारण सरकार को अनेक कठिनाइयों का सामना भी करना पड़ सकता है़
जैसे सूखा, प्राकृतिक विपदाएं, दुर्गम गांवों में पानी के लिए समस्याएं, बेरोजगारी, कुपोषण तथा रोटी-कपड़ा-मकान जैसी बुनियादी जरूरतों की पूर्ति करने के लिए सरकार को कड़ी चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा. फिर भी शुभ ग्रहों के प्रभाव से राजनीतिक दृष्टिकोण से समूचे प्रदेश में कुछ ऐसी बयार बहेगी, जिससे चल रही विकास योजनाओं का असर वर्ष 2016 में धरातल पर दिखने लगेगा.
सरकार के प्रति हर वर्ग में विश्वास पनपेगा. सरकार हर वर्ग के लोगों के कल्याण के लिए योजनाओं को क्रियान्वित करने का प्रयास करेगी. जैसे अच्छी स्वास्थ्य सेवाएं, कुपोषण से मुक्ति, युवाओं के रोजगार के अवसर, कुशल प्रशासन तथा पिछड़े इलाकों में विकास योजनाओं को मूर्त रूप देने में समर्थ होगी. कौशल विकास, ऊर्जा, जनजातीय समुदाय में उन्नति, औद्योगिक विकास तथा खेल के क्षेत्र में भी उन्नति होने की संभावना है. इससे राज्य में एक सकारात्मक वातावरण बनेगा व प्रदेश का चतुर्विध विकास होगा.
आधुनिक युग में ज्योतिष की क्या है प्रासंगिकता
भारतीय संस्कृति में ज्ञान की अनेक शाखाएं हैं- आयुर्वेद, ज्योतिष, अध्यात्म (कर्मकाण्ड और तन्त्र-मन्त्र), योग, दर्शन और व्याकरण. इनमें से ज्योतिष भारतीय ज्ञान का सर्वाधिक ज्वलंत पक्ष है. साधारण शब्दों में ज्योतिष उस विद्या का नाम है, जिसके द्वारा आकाशस्थित ग्रहों के माध्यम से भूत, भविष्य तथा वर्तमान का सारा हाल जाना जा सकता है.
ज्योतिष को वेद का नेत्र माना गया है. अतः इस शास्त्र को समझने के लिए हमें वेद के मूल सिद्धांतों को समझना होगा. वेद की दो प्रमुख धारणाएं सैद्धांतिक आस्थाएं हैं- पहला जो पिंड में है, वही समस्त ब्रह्मांड में है(यत्पिंडे तत्ब्रह्मांडे) और दूसरा जो है नहीं, जिसका अस्तित्व ही नहीं, उसकी उत्पत्ति नहीं होती अर्थात् (न अभावात्भावोत्पत्तिः). ये दोनों सिद्धांत जहां हमें ब्रह्मांड को समग्र रूप से देखने की दृष्टि देते हैं, वहीं यह भी बताते हैं कि जो कुछ घटा, जो कुछ घट रहा है या जो कुछ घटेगा, वह आज भी है़ अब यह बात अलग है कि हम उसे देख पा रहे हैं या नहीं. हमारे ज्ञान या अज्ञानता से उस वस्तु के अस्तित्व का कोई संबंध नहीं है.
ज्योतिष मुहूर्त समय पर आधारित है. समय के तीन आयाम हैं- था, है और होगा. चूंकि ये तीनों ही एक समय के आयाम हैं, इसलिए इन्हें अलग-अलग कर नहीं देखा जा सकता. ज्योतिष शास्त्र द्वारा जन साधारण को सूर्योदय, सूर्यास्त, ग्रहों की युति, पूर्णिमा, अमावस्या, ऋतु परिवर्तन, अयन एवं मौसम के बारे में सही-सही व महत्वपूर्ण जानकारी प्राप्त करते हैं.
नामी खिलाड़ियों का नया साल, जारी रहेगा धमाल
धोनी के लिए विज्ञापनों का होगा साल
पंडित रामदेव पाण्डेय
ज्योतिषविद्, कर्मकाण्ड एवं
वास्तु विशेषज्ञ, रांची
विज्ञापन साइन करने के मामले में इस वर्ष धोनी एक्टर शाहरुख खान को भी पीछे छोड़ देंगे. फिल्मों के परदे पर मेहमान की भूमिका भी निभायेंगे. राहु महादशा के शुक्र की अंतर्दशा में इन्हें बड़ी सफलता मिलेगी.
आइपीएल में : आइपीएल में इनकी बड़ी बोली लग रही है. मार्च से मई के बीच सूर्य की अंतर्दशा में अपना चमत्कार ये बरकरार रखेंगे. इनकी टीम फाइनल तक इनके बल पर जायेगी. 20 सितंबर, 2018 तक राहु की महादशा में शुक्र की अंतर्दशा है. मार्च से अगस्त तक चंद्र के प्रत्यंतर दशा में चमत्कार करेंगे. क्योंकि चंद्र लग्न सर्वोतम है. राशि सिंह होने से सूर्य और चंद्र के संबंध राशि लग्न और नवांश से बनने के कारण यह दुनिया भर में चमत्कारी साबित हो रहे हैं. कर्क लग्न और कर्क रेखा के करीब (रांची से कर्क रेखा गुजरती है) जन्म लेने के कारण धोनी चंद्र की तरह टीम के लिए कूल और अमृतमयी साबित होते हैं.
विदेशी भूमि पर : 14 अगस्त से 17 अक्तूबर तक मंगल की प्रत्यंतर दशा में विदेशी भूमि पर बड़ी जीत हासिल करेंगे. देश-विदेश का सर्वोच्च सम्मान मिलेगा.
प्रतिष्ठित उपाधि : गुरु तीसरे भाव में गोचर कर भाग्य भाव को देख रहे हैं. यह प्रबल चमत्कार का संयोग है. इस साल विद्या अध्ययन, फैशन के क्षेत्र में प्रतिष्ठित मानद उपाधि भी मिलेगी. इस दृष्टिकोण से भी धोनी सफल होंगे.
सिंगल्स में जारी रहेगा जलवा
साइना का जन्म लग्न कन्या और राशि वृश्चिक होने से यह साल अपने उत्तरार्द्ध में चमत्कारी लाभ लेकर आयेगा. जुलाई, 2016 से लग्न पर गुरु के गोचर होने से बड़ी सफलता मिलनेवाली है. जन्म कालीन शनि, सूर्य, बुध और गुरु के केंद्र में रहने से और गोचर में 28 जुलाई, 2016 से कन्या में गुरु के आने से यह वर्ष सफलता देनेवाला है.
बढ़ेगा कैरियर ग्राफ : रूस और चीन आदि देशों में होनेवाली प्रतिस्पर्धाओं में बड़ी सफलता मिल सकती है. सिंगल्स और डबल्स दोनों ही मुकाबलों सफलताएं अर्जित करेंगी. 25 फरवरी को गुरु की महादशा समाप्त होगी और केतु की महादशा शुरू होगी. अप्रैल-मई में होनेवाले मैचों में पक्के तौर पर ग्राफ की ऊंचाई को बरकरार रखेंगी. देव गुरु लग्न केंद्र में आने से राष्ट्रमंडल युवा खेलों में दबदबा कायम रहेगा. घरेलू कोर्ट पर भी चमक बरकरार रहने की उम्मीद है. राष्ट्रमंडल खेलों में और जुलाई के बाद पश्चिमों देशों में आयोजित होने वाले खेलों में स्वर्ण पदक मिलेगा.
स्वर्ण कन्या बनेंगी पीवी सिंधु
बैडमिंटन खिलाड़ी पीवी सिंधु का जन्म लग्न सिंह और राशि मकर में हुआ है. लग्न में उच्च शनि और राशि पर नीचस्थ गुरु से इन्हें दुनिया के अंतरराष्ट्रीय मैचों में अपेक्षित कामयाबी मिलेगी. गजकेशरी योग के नीचस्थ गुरु की महादशा में बुध की अंतरदशा 24 फरवरी, 2016 से शुरू होगी. इसके बाद इन्हें दुनिया में सर्वोच्च स्थान और पदक मिलेगा. विश्व चैंपियनशिप में यह स्वर्ण की दावेदार बनेंगी. भारत से पूरब-दक्षिण के देशों जापान, इंडोनेशिया, श्रीलंका, कोरियाई देशों में इस साल इनका जलवा चरम पर रहेगा.
अफेयर की आ सकती हैं बातें : डबल और सिंगल खेलों में अपने कोर्ट पर चमत्कारी नाम करेंगी. विश्व जूनियर चैंपियन राउंड में भी स्वर्ण पदक मिल सकता है. मार्च से मई के बीच का समय सफलता के लिहाज से काफी महत्वपूर्ण है. मई-जून में विदेशी दौरों पर भाग्य बहुत अनुकूल होगा. साल के अंत में अफेयर की बातें आएंगी.
भारत सरकार से भी सर्वोच्च सम्मान के अलावा विदेशों से भी उच्च उपाधि मिलने की संभावना है. वर्ष के अंत में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सिंधु अच्छी रैंक हासिल कर सकती हैं.
कप्तानी में बनायेंगे नये कीर्तिमान
वृश्चिक लग्न और सिंह राशि के होने से विराट जल्दी ही आक्रामक हो जाते हैं. जन्म लग्न पर सूर्य और मंगल के प्रभाव के कारण ही अंतरराष्ट्रीय किक्रेट में विराट तेजी से चमकते हुए सितारे की तरह नजर आ सकते हैं. 28 जनवरी से लग्न के दशम भाव में राहु के आने से आइपीएल-9 में उछाल से आगे बढ़ेंगे. राहु की महादशा में शनि की अंतरदशा 2018 तक और चतुर्थ कंटक ढैया इस साल होने से कई तरह की आलोचना भी झेलेंगे.
दांपत्य जीवन : विराट के राशि से मांगलिक होने के कारण दांपत्य दूरियां आती रहेंगी. लग्न से सप्तम भाव में पंचमेश गुरु के होने से प्रेम विवाह आगे सफल होगा. लेकिन 11 फरवरी से 9 मार्च के बीच मुश्किलों से गुजरना पड़ेगा.
चमत्कारिक सफलता के योग : अंतरराष्ट्रीय टेस्ट क्रिकेट में सफलतम कप्तानी याद रखनेवाला होगा. अप्रैल से मई के बीच कैरियर में कशमकश रहेगी, लेकिन जून से बड़ी सफलता मिलेगी. विराट के जन्म लग्न से दशम भाव में 28 जनवरी से राहु के गोचर से यह साल चमत्कारी सफलता देनेवाला होगा. क्रिकेट खिलाड़ियों के लिए राहु सहयोग चमत्कारी सदैव माना जाता है. विज्ञापन और सामाजिक प्रतिष्ठा के क्षेत्र में अप्रत्याशित उन्नति आयेगी. गेंदबाजी में एक पारी में सात विकेट से भी अधिक इन्हें मिलेंगे.
देश के पश्चिमी क्षेत्रों में दिखेगी प्राकृतिक आपदा
आचार्य अरुण
ज्योतिष, रत्न व वास्तु
विशेषज्ञ
नव वर्ष में ‘कीलक’ नाम का संवत्सर चल रहा है, जो 7 अप्रैल, 2016 तक चलता रहेगा. इसके बाद ‘सौम्य’ नामक संवत्सर वर्ष भर चलता रहेगा. तो इस 2016 के वर्ष में 1 जनवरी से 7 अप्रैल तक एकदम अलग परिस्थितियां देश में रहेंगी और 8 अप्रैल, 2016 से वर्ष र्पयत एकदम अलग स्थितियां होंगी. 7 अप्रैल तक राजा का पद शनि का है, जो मंगल की राशि वृश्चिक में बैठा है तथा मंत्री का पद मंगल को प्राप्त है, अत: उस समय तक परस्पर विरोधी वातावरण रहेगा. 7 अप्रैल, 2016 तक देश भर में प्राकृतिक आपदा की स्थिति रहेगी.
विशेष तौर जनवरी का महीना भारी पड़ेगा. बुध एवं बृहस्पति का वक्री होना शुभ नहीं है. पूरे भारत वर्ष में दक्षिण और पश्चिम के क्षेत्र में बहुत उथल-पुथल होगी. पश्चिमी क्षेत्र विशेष कर खतरे में है. वहां सुनामी आ सकती है, तूफान, जबरदस्त बारिश, भूस्खलन जैसी बड़ी दुर्घटनाएं संभव हैं.
10 जनवरी, 2016 से बुध के अस्त होते ही पूरे देश में ठंड का प्रकोप बढ़ेगा, हिमालयी क्षेत्रों में बर्फबारी संभव है. 25 जनवरी तक यही स्थिति बनी रहेगी और विलंब से आयी ठंड इस वर्ष बहुत परेशान करेगी.
भारत का पूर्वी क्षेत्र जैसे बिहार, झारखंड और पश्चिम बंगाल भी मौसम की उलट-पुलट से परेशान रहेंगे. बिहार, झारखंड में हाड़ गला देनेवाली सर्दी और पश्चिम बंगाल में बेमौसम बरसात भारी मात्र में हो सकती है. 25 जनवरी के बाद चतुर्दिक मौसम में सुधार होने लगेगा.
रोग भय
28 जनवरी से वर्ष र्पयत भारत का पूर्वी क्षेत्र अज्ञात बीमारी से परेशान रहेगा. बिहार से बंगाल तक संक्रमण और वायरस का आतंक रहेगा. पेट से जुड़ा कष्ट ज्यादा होगा.
दुर्घटना : 28 जनवरी से वर्ष र्पयत भारत के पश्चिमी प्रदेशों में प्लेन क्रैश, रोड-रेल दुर्घटनाओं का प्रभाव ज्यादा रहेगा.
देश-दुनिया पर गहरायेगा आतंक
22 फरवरी, 2016 तक देश के हालात सामान्य रहेंगे, पर ज्योंहि इस तिथि को मंगल वृश्चिक राशि में आयेगा, देश-दुनिया के हालात बिगड़ते दिखाई देंगे. मंगल, शनि योग 12 सितंबर तक बना रहेगा.
प्रकृति की भयंकरता, मानवीय क्रूरता, निरंकुशता, हिंसा का साम्राज्य इन दिनों देखने को मिलेगा. 1 अप्रैल से शनि वक्री होगा और मंगल भी 19 अप्रैल से वक्री हो जायेगा और 26 जून में मार्गी होगा, तो 1 अप्रैल से जो सांप्रदायिक तनाव बढ़ेगा, वह 19 अप्रैल से लेकर 26 अप्रैल तक अपने चरम पर होगा. देश-दुनिया में तोपों की घनगरज सुनाई पड़ेगी.
आतंक-अपराध भी अपने शिखर पर होगा. शांति की बात करनेवाले भी शांति भूल जायेंगे, क्योंकि शांति, सौम्यता, बुद्धि का ग्रह बुध भी 2 मई से युद्ध की राशि मेष में वक्र ी हो रहा है, जो 22 मई तक वक्री रहेगा. युद्ध से संबंधित किसी बड़ी घटना का संकेत मिल रहा है. भारतीय सीमाओं पर भी कठिनाई हो सकती है, खास कर दक्षिणी-पश्चिमी एवं उत्तरी भू-भाग में. 26 जून से गृह स्थिति में सुधार होगा और कमोबेश देश में शांति, सद्भाव का वातावरण वर्ष र्पयत रहेगा. परंतु अब तक सामान्य रूप से शांत रहे बिहार-झारखंड, बंगाल को आतंकी सॉफ्ट टारगेट के रूप में चुन सकते हैं.
भूकंप
इस विषय पर शास्त्रों में या विज्ञान में पर्याप्त जानकारी उपलब्ध नहीं है, लेकिन यदि हम 2015 को देखें जो भूकंप का वर्ष कहा जा सकता है, तो पायेंगे कि शनि वृश्चिक राशि में बैठा था और यह राशि भूगर्भ की राशि मानी जाती है. भूकंप धरती के अंदर आलोड़न-विलोड़न से ही होता है.
प्लेटें खिसकीं और नेपाल, बिहार, उत्तर प्रदेश आदि दहल गये. वृश्चिक राशि उत्तर की है, तो उत्तरी क्षेत्र में ही भूकंप आये, हिमालय भी हिला. तो मैं निवेदन करना चाहूंगा कि खतरा अभी टला नहीं है. विशेष कर 1 अप्रैल से 26 अप्रैल तक का समय बिहार, झारखंड और हिमालयी क्षेत्रों के लिए बेहद घातक है. मंगल, शनि, गुरु का वक्री होना किसी बड़ी आपदा को सूचित करता है. प्राकृतिक आपदा, जैसे भूकंप आदि की स्थिति 12 सितंबर तक बनी रहेगी.
किसानों के चेहरे पर दिखेगी चमक
8 अप्रैल से ‘सौम्य’ नाम का संवत्सर लग जायेगा, जिसके कारण कुछ शुभत्व की उम्मीद की जा सकती है. वाराहमिहिर एवं पाराशर के मुताबिक सौम्य संवत्सर का फल सुख-शांति होता है. इस संवत्सर में राजा शुक्र होंगे और मंत्री बुध होंगे. यह दोनों ही अत्यंत शुभ ग्रह हैं, जिस कारण प्रकृति शुभ फलदायी हो जायेगी. 26 जून से जब ग्रह स्थिति में सुधार हो जायेगा, तो देश के किसानों के चेहरे पर चमक आने लगेगी. वर्षा अच्छी होगी, खासकर बिहार, बंगाल और झारखंड में. गरमी भी इस वर्ष थोड़ी कम पड़ेगी और ग्लोबल वार्मिग में हल्की कमी आयेगी.
आषाढ़, श्रवण, भाद्रपद इन मासों में जरूरत भर वर्षा हो जायेगी. वाराहमिहर ने वृहत्संहिता में यहां तक कहा है कि उत्तम चावल और गन्ने की अच्छी उपज, खूब वर्षा, धरती की नायिका के समान शोभा होती है. धरती पर धनी लोगों की संख्या में वृद्धि होगी. निष्कर्ष है कि सब कुछ जनअनुकूल होगा.
मंत्री बुध होकर अप्रैल से वर्ष र्पयत प्रभावी होंगे. इसका प्रभाव देश भर में प्रेम, सौहार्द, सामंजस्य के रूप में तो आयेगा ही, खास कर बिहार, बंगाल, झारखंड की दोनों मुख्य फसलों में भारी उपज भी दे देगा.
इस बार विशेष तौर पर बिहार प्रांत में जल की कमी दूर होगी. रसेश चंद्र होने से नदियां, आहर, पोखर, कुएं भरेंगे और भूगर्भ जल का स्तर बढ़ेगा. 8 अप्रैल से मेघेश भी बुध होंगे और रोहिणी का निवास समुद्र तट पर होगा, जिस कारण वर्षा ऋतु इस बार तो परिपूर्ण कर देगी.
रत्न व वास्तु