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झट संदेश, पट होगी सफाई
चलती ट्रेन में कोचों की सफाई कराना हुआ आसान चलती ट्रेन में यदि किसी यात्री को गंदगी नजर आती हो और वह उसकी सफाई कराना चाहता हो, तो ज्यादा परेशान होने की जरूरत नहीं. यदि आपके पास लैपटॉप या मोबाइल फोन है, तो उसे उठाइए और रेलवे की ओबीएचएस को एक संदेश भेज दीजिए. आपके […]
चलती ट्रेन में कोचों की सफाई कराना हुआ आसान
चलती ट्रेन में यदि किसी यात्री को गंदगी नजर आती हो और वह उसकी सफाई कराना चाहता हो, तो ज्यादा परेशान होने की जरूरत नहीं. यदि आपके पास लैपटॉप या मोबाइल फोन है, तो उसे उठाइए और रेलवे की ओबीएचएस को एक संदेश भेज दीजिए. आपके संदेश के पहुंचते ही आपकी बॉगी में सफाइकर्मी पहुंच जायेंगे अौर शुरू हो जायेगा साफ-सफाई का काम. चलती ट्रेन में कैसे संभव होगा यह, जानिए…
यदि आप लंबी दूरी के किसी ट्रेन में सफर कर रहे हों, तो आपको अपने कोच की सफाई को लेकर ज्यादा चिंतित होने की जरूरत नहीं. इसका कारण यह है कि भारतीय रेल की करीब 1,700 से अधिक रेलगाड़ियां अब ऑन बोर्ड हाउसकीपिंग सेवा (ओबीएसएस) से जुड़ चुकी हैं. इस सेवा के शुरू हो जाने के बाद यात्री अब कोच में सफाइकर्मी के आने का इंतजार करने के बजाय उसकी सफाई करा सकते हैं.
इस सेवा का संचालन एसएमएस और वेब आधारित मॉनिटरिंग सिस्टम के तहत किया जाता है. हालांकि ओबीएचएस के तहत किसी भी ट्रेन के एक-दो कोच की सफाई की जिम्मेदारी है, लेकिन यदि कोई संदेश भेजा जाता है, तो किसी भी ट्रेन के किसी भी कोच की तुरंत सफाई करायी जाती है.
दो तरीकों से भेजा जा सकता है संदेश : यदि किसी सवारी के पास लैपटॉप या स्मार्टफोन मोबाइल फोन है, तो पहला यह कि वह सबसे पहले क्लीन माई कोच
डॉट कॉम पर जाकर अपना मोबाइल और पीएनआर नंबर अौर संदेश भेज सकता है. दूसरा यह कि जिस व्यक्ति के पास लैपटॉप या स्मार्टफोन नहीं है, वह अपने मोबाइल फोन के मैसेज बॉक्स में जाकर क्लीन लिखे, फिर स्पेस देकर 10 नंबर के पीएनआर को लिख कर 58888 पर भेज दे. उक्त एसएमएस के जाते ही ऑन बोर्ड सेवा के सॉफ्टवेयर पर संबंधित ट्रेन में सवारी के नाम के साथ सफाई करानेवाला रिक्वेस्ट प्राप्त हो जाता है. सवारियों के संदेश को मंजूरी मिलते ही एसएमएस को तीन स्तर पर भेजा जाता है.
ऐसे होता है काम का बंटवारा
सवारियों द्वारा भेजा गया पहला एसएमएस ओबीएचएस कर्मचारियों के पास सवारी के नाम, मोबाइल नंबर, ट्रेन नंबर, कोच नंबर और सीट नंबर के पूरे विवरण के साथ चला जाता है.
इसी प्रकार के विवरण के साथ दूसरा एसएमएस नियंत्रण कक्ष में चला जाता है. और तीसरा एसएमएस पूरे विवरण के साथ सफाइकर्मियों को भेजा जाता है. कोच की सफाई के लिए ऑटोमेटिक फीडबैक सिस्टम के तहत सिक्योरिटी कोड ओबीएचएस के एक्जिक्यूटिव हाउसकीपर (इएचके) के पास चला जाता है. इएचके 9200003232 पर सवारियों के मोबाइल नंबर का एक एसएमएस भेजता है. इस एसएमएस के जाते ही ऑटोमेटिक सफाई अनुरोध की प्रक्रिया समाप्त हो जाती है. यदि आधे घंटे के अंदर कोच की सफाई कराने संबंधी कोई अनुरोध नहीं आता है, तो एक एलर्ट मैसेज कंट्रोलिंग ऑफिसर को भेजा जा सकता है.
सफर के दौरान ट्रेन में रखी जा सकती है साफ-सफाई
इस सेवा के बहाल हो जाने के बाद देश के किसी भी भाग में परिचालित होनेवाली लंबी दूरी की ट्रेन के कोचों की कभी भी साफ-सफाई करायी जा सकती है. इस सेवा का इस्तेमाल करके रेलवे की सफाई योजना का लाभ उठाया जा सकता है.
फिलहाल, रेलवे की इस सेवा को मालदा डिवीजन की आठ से अधिक ट्रेनों में शुरू किया गया है. हालांकि, ओबीएचएस की वेबसाइट के अनुसार, फिलहाल यह सेवा देश की 1072 ट्रेनों में उपलब्ध करायी जा रही है.
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