16 की उम्र में रखी 47 करोड़ के कारोबार की नींव
हाइ स्कूल की पढ़ाई के दौरान स्कूल असाइनमेंट्स के लिए एक्सेल में चार्ट्स बनाना पल्लव नढ़ानी को जरा भी अच्छा नहीं लगता था. वे अक्सर इस काम से बचने का उपाय ढूंढ़ा करते थे. इस बीच उनके दिमाग में एक इंटरेक्टिव चार्टिंग सॉल्यूशन तैयार करने का आइडिया आया. इस आइडिया को व्यवसाय का रूप देने […]
हाइ स्कूल की पढ़ाई के दौरान स्कूल असाइनमेंट्स के लिए एक्सेल में चार्ट्स बनाना पल्लव नढ़ानी को जरा भी अच्छा नहीं लगता था. वे अक्सर इस काम से बचने का उपाय ढूंढ़ा करते थे. इस बीच उनके दिमाग में एक इंटरेक्टिव चार्टिंग सॉल्यूशन तैयार करने का आइडिया आया. इस आइडिया को व्यवसाय का रूप देने के लिए उन्होंने अपनी कंपनी फ्यूजन चार्ट्स टेक्नोलॉजीज की नींव रखी, जो आज करोड़ाें के व्यवसाय का रूप ले चुकी है. आइए जानते हैं कैसे तय किया पल्लव ने कामयाबी का यह सफर…
पल्लव नढ़ानी का जन्म भागलपुर के एक साधारण से मारवाड़ी परिवार में हुआ. उनके पिता कंप्यूटर ट्रेनिंग सेंटर चलाते थे. एक बार पिताजी के कंप्यूटर सेंटर में ट्रेनिंग लेने के लिए कुछ रिश्तेदारों के बच्चे आये जो कुछ समय के लिए पल्लव के घर में ही रुके. इस दौरन खाली समय में पल्लव इन बच्चों की किताबें पढ़ा करते थे, जिससे उन्हें कंप्यूटर से जुड़ी काफी चीजों के बारे में जानने का माैका मिला. इसी बीच पल्लव के पिता ने वेबडिजाइनिंग के व्यवसाय की शुरुआत करने का फैसला किया और इसके लिए वे कोलकाता शिफ्ट हो गये. पल्लव भी अपने परिवार के साथ कोलकाता आ गये और यहां उनका एडमिशन लाॅ मार्टिनेयर ब्वॉयज स्कूल में करा दिया गया. यह शहर का जाना-माना स्कूल था. स्कूल और यहां पढ़नेवाले छात्रों की संगत का पल्लव पर काफी सकारात्मक प्रभाव पड़ा. स्कूल के होशियार स्टूडेंट्स की तरह बनने के लिए उन्होंने कड़ी मेहनत करना शुरू कर दिया. यह मेहनत रंग लायी और मात्र 16 वर्ष की उम्र में पल्लव ने एक सफल एंटरप्रेन्याेर की बनने के सफर की शुरुआत की दी.
पॉकेटमनी से मिला प्रोत्साहन
पिता की वेबडिजाइन कंपनी में काम करने के दौरान पल्लव को एएसपीटीटुडे.कॉम वेबसाइट के लिए कुछ लेख लिखने का माैका मिला. इन लेखों के लिए उन्हें न सिर्फ लोगों की सराहना मिली, बल्कि एक लाख पच्चीस हजार से ही अधिक रुपये की बड़ी राशि का मेहनताना भी मिला. 10वीं कक्षा के एक छात्र के लिए यह मेहनताना काफी मायने रखता था. इस राशि ने 16 वर्षीय पल्लव को इस कदर प्रोत्साहित किया कि उन्होंने वर्ष 2001 में अपनी कंपनी फ्यूजन चार्ट्स टेक्नोलॉजीज की नींव रख दी.
अकेले संभाली कई कामों की जिम्मेदारी
कंपनी के शुरुआती दौर में पल्लव ने अकेले ही कई कामों की जिम्मेदारियां संभाली. उन्होंने प्रोडक्ट डेवलपमेंट, वेबसाइट डिजाइनिंग, डॉक्यूमेंटेशन, सेल्स एंड मार्केटिंग और कस्टमर सपोर्ट के काम को अकेले ही किया. इस दौरान उन्होंने सीखा कि ग्लोबल सॉफ्टवेयर कॉम्पोनेंट मार्केट कैसे काम करता है. कैसे अपनी ताकत को बढ़ा कर एक बेहतर गो टू मार्केट स्ट्रैटजी बनायी जा सकती है. उनकी कंपनी को जब ऑर्डर मिलने शुरू हुए तो पल्लव ने वर्ष 2005 में अपना पहला ऑफिस खोला और करीब दो वर्ष के अंतराल में 20 लोगों की एक टीम खड़ी बनायी. अब पल्लव को अनुभवी सलाह की भी जरूरत महसूस होने लगी, क्योंकि उन्हें सरकारी नियमों और बैंकिंग व फाइनेंस की ज्यादा जानकारी नहीं थी. उन्हें विदेशी क्लाइंट्स के साथ भी डील करना पड़ता था. इस परेशानी को हल करने के लिए उन्होंने अपने पिता की मदद ली.
रंग लायी मेहनत
अपने कारोबार को विस्तार देने के लिए वर्ष 2009 में पल्लव ने अपना ऑफिस कोलकाता के आइटी हब कहे जानेवाले सॉल्ट लेक में शिफ्ट कर दिया. इसी के साथ उन्होंने अपनी टीम के सदस्यों की संख्या 20 से बढ़ा कर 50 कर दी. इससे पल्लव को बिजनेस को विस्तार देने में सहायता मिली. इसके बाद वर्ष 2010 में फ्यूजन चार्ट्स का ऑफिस बेंगलुरु में भी खोला गया. वर्तमान में दो शहरों से संचालित फ्यूजन चार्ट्स में 80 कर्मचारी है. कंपनी के क्लाइंट्स की संख्या 21,000 से भी ज्यादा है. फ्यूजन चार्ट्स टेक्नोलॉजीज के मुख्य क्लाइंट्स में लिंक्डइन, गूगल, फेसबुक, फोर्ड जैसी कंपनियाें के नाम शामिल हैं. महज 30 वर्ष के पल्लव नढ़ानी के बिजनेस ने आज 47 करोड़ के आंकड़े को पार कर लिया है.
विदेश में मिली पहचान
देखते ही देखते पल्लव की कंपनी ने अपने पांव पसारने शुरू किये और दुनिया के करीब 118 देशों के फार्मास्यूटिकल्स से लेकर एफएमसीजी तक और एजुकेशनल इंस्टीट्यूट से लेकर नासा तक अपनी उपस्थिति दर्ज करवायी. इतना ही नहीं, अमेरिका के प्रेसिडेंट बराक ओबामा द्वारा वर्ष 2010 में पल्लव के इस प्रोडक्ट को चुना गया, जिससे फ्यूजन चार्ट्स को इंटरनेशनल प्लेटफॉर्म पर पहुंचने में बहुत मदद मिली.