डिजिटल कैश स्टार्टअप, छुट्टे पैसे बदलने के लिए न हों परेशान

इस्राइली युवक ने बनाया खुदरा सिक्कों का करेंसी एक्सचेंज छुट्टे पैसों की समस्या हमारे देश में ही नहीं, विदेशों में भी होती है क्योंकि समय पर उन्हें अपने जरूरत की करेंसी में बदलना मुश्किल हो जाता है़ ऐसे में कभी इजरायल में नेताओं के बॉडीगार्ड रहे तोमर जुस्मान ने ‘ट्रैवलर्स बॉक्स’ कियॉस्क के जरिये छुट्टे […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 16, 2016 12:57 AM
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इस्राइली युवक ने बनाया खुदरा सिक्कों का करेंसी एक्सचेंज
छुट्टे पैसों की समस्या हमारे देश में ही नहीं, विदेशों में भी होती है क्योंकि समय पर उन्हें अपने जरूरत की करेंसी में बदलना मुश्किल हो जाता है़ ऐसे में कभी इजरायल में नेताओं के बॉडीगार्ड रहे तोमर जुस्मान ने ‘ट्रैवलर्स बॉक्स’ कियॉस्क के जरिये छुट्टे पैसों का करेंसी एक्सचेंज करने का उद्यम शुरू किया है़, जो तेजी से लोकप्रिय हो रहा है.
घूमने-फिरने या फिर किसी काम से दूसरे देश जानेवाले लोगों के सामने एक समस्या यह पेश आती है कि लौटते समय उन्हें वहां की मुद्रा लौटा कर उसके बदले अपनी जरूरत की मुद्रा लेनी होती है या फिर उसे बेकार की चीजों पर खर्च करना पड़ता है़ बड़े नोट तो फिर भी बदल लें, लेकिन छुट्टे पैसे को दूसरे देश की मुद्रा में बदलना एक टेढ़ी खीर है़ इसे ऐसे समझें, मान लीजिए कि कोई पर्यटक अमेरिका से भारत आता है़ यहां वह घूमते-फिरते हुए किसी दुकान से जूता खरीदता है, जिसकी कीमत 1495 रुपये है़
अब वह दुकानदार को एक हजार और एक पांच सौ रुपये का नोट देगा और दुकानदार उसे छुट्टे के रूप में पांच रुपये का एक सिक्का थमा देगा़ अब अगर उस पर्यटक को वापस अपने देश लौटना है, तो वह अपने रुपये-पैसे को अपने देश की मुद्रा में बदलवाने के लिए एयरपोर्ट पर स्थित करेंसी एक्सचेंज काउंटर पर जायेगा और अपने रुपये के बदले में उतने मूल्य के डॉलर लेगा़ अब अगर उसने छुट्टे के रूप में एक, दो और पांच रुपये के ढेर सारे सिक्के इकट्ठे कर लिये हैं, तो उस स्थिति में उन पैसों को गिनकर उसके बराबर का डाॅलर देना, एक्सचेंज अधिकारियों के लिए मुश्किल होगा़ लिहाजा उसे अपने छुट्टे पैसे बेकार की जगह पर खर्च करने होंगे़
कुछ ऐसी ही मुश्किल से गुजरना पड़ता था इजरायल के तोमर जुस्मान को, जो इजरायली नेताओं के अंगरक्षक का काम करते थे़ ऐसे में उन्हें काम के सिलसिले में समय-समय पर तेल-अवीव से न्यूयॉर्क की यात्रा करनी पड़ती थी़ इस क्रम में उनके पास अमेरिकी मुद्रा के छुट्टे पैसे बड़ी संख्या में इकट्ठे हो गये थे़ इस स्थिति में वह अक्सर यह सोचा करते कि यह समस्या औरों के साथ भी होती होगी़ ऐसे में उनके मन में एक ऐसा करेंसी एक्सचेंज कियॉस्क बनाने का विचार आया, जिसके जरिये लोग अपने विदेशी मुद्रा के छुट्टे पैसे बदल कर अपनी जरूरत की मुद्रा ले सकें.
39 वर्षीय तोमर बताते हैं, अमेरिका में अधिकांश वस्तुओं की कीमत डॉलर और कुछ सेंट्स में होती है़ जब आप उसकी कीमत चुकाते हैं तो आपको छुट्टे के रूप में कुछ पेन्नीज मिलती हैं. आमतौर पर इनका एक्सचेंज काउंटरों पर कोई मोल नहीं होता.
मेरे पास ऐसी हजारों पेनीज इकट्ठी हो गयी थीं. मैंने सोचा कि ऐसा औरों के साथ भी होता होगा़, इसलिए दुनियाभर के एयरपोर्ट्स पर एटीएम मशीन जैसे कियॉस्क के जरिये लोगों को विदेशी छुट्टे पैसों के बदले उनकी जरूरत की मुद्रा दिलाने के लिए उन्होंने वर्ष 2012 में ‘ट्रैवलर्स बॉक्स’ की स्थापना की़ आज ये मशीनें विदेशी सिक्कों को डिजिटल करेंसी में बदलती हैं, जिन्हें चैरिटी को दिया जा सकता है या पेपाल, स्टारबक्स और सेफोरा जैसे यूजर के ई-पेमेंट खाते में डाल दिये जाते हैं.
बहरहाल, स्पेन के पास स्थित जिब्राल्टर से संचालित हो रही यह कंपनी, भारत और चीन जैसे एशियाई देशोंकी तेजी से स्मार्ट होती आबादी की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए जल्द ही हॉन्गकॉन्ग में अपना एशिया ऑफिस खोलने जा रही है़
गौरतलब है कि जब तोमर के मन में छुट्टे पैसों के निबटारे का यह अनूठा विचार आया, तब उन्होंने इस बात की पूरी पड़ताल की, कि दुनियाभर में कितने लोगों को इस समस्या से दो-चार होना पड़ता है और उनके कितने पैसे छुट्टे के झमेले में बरबाद होते हैं. इसके अलावा, उन्होंने एयरपोर्ट्स पर मौजूद मनी एक्सचेंज कियॉस्क्स से मुद्रा बदलने की दर का भी पता लगाया़ तोमर बताते हैं, पुराने मनी एक्सचेंज कियॉस्क्स 10 प्रतिशत से ज्यादा का कमीशन चार्ज करते हैं, जो मुझे काफी ज्यादा लगा, और तो और वे छुट्टे पैसों को दूसरी मुद्रा में बदलने के लिए नाक-भौंह सिकोड़ते हैं, क्योंकि इसमें समय बहुत ज्यादा लगता है़
ऐसे में उन्हें अपना आइडिया कारगर लगा़ फिर क्या था! तोमर ने अपने दो दोस्तों के साथ मिलकर अपना उद्यम शुरू किया़ इसके बाद उन्होंने डिजिटल वॉलेट कंपनी पेपाल होल्डिंग्स से संपर्क कर, तुरंत एक डील साइन कर ली़ जब कंपनी ने काम शुरू कर दिया, तो स्काइप, द गैप, अमेरिकन एयरलाइंस ग्रुप समेत 80 से ज्यादा कंपनियां और मर्चेंट्स ट्रैवलर्सबॉक्स के नेटवर्क से जुड़ गये़ धीरे-धीरे तोमर की कंपनी की तरफ निवेशक भी आकर्षित हो रहे हैं, जिनकी बदौलत आज कंपनी की मार्केट वैल्यू 30 मिलियन डॉलर हो चुकी है़ तोमर बताते हैं, इस क्षेत्र का विश्वभर में कुल बाजार 45 बिलियन डॉलर से अधिक का है़ बात करें कमाई की, तो तोमर जुस्मान की कंपनी अपने ग्राहकों से सात प्रतिशत का कमीशन लेती है़
इसके अलावा, इस कंपनी को अपने पार्टनर मर्चेंट्स से भी कमीशन के जरिये अच्छी आय प्राप्त होती है़ तोमर की योजना अपनी कंपनी के कियॉस्क्स का विस्तार एयरपोर्ट के बाहर तक करना है़ वह कहते हैं, मेरी कोशिश भौतिक रूप में उपलब्ध हर मुद्रा को डिजिटल रूप से उपलब्ध कराने की है़
(इनपुट: ब्लूमबर्ग डॉट कॉम)
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